Nag Panchami 2022: कालसर्प दोष से चाहिए मुक्ति तो इस तरह करें पूजन यहां जानिए पूरी विधि
Nag Panchami 2022: कालसर्प दोष से चाहिए मुक्ति तो इस तरह करें पूजन यहां जानिए पूरी विधि
Nag Panchami 2022: भीमताल स्थित कर्कोटक नागराज मंदिर के पुजारी केशव दत्त बेलवाल बताते हैं कि जब किसी जातक की जन्म कुंडली में राहु सबसे ऊंचे स्थान में आ जाता है और बाकी अन्य ग्रह उसके नजदीक होने की वजह से फल देने के लिए असफल हो जाते हैं.
हिमांशु जोशी
नैनीताल. हिंदू धर्म में सांप को काफी मान्यता दी गई हैं. इन्हें नाग देवता या नागराज के नाम से पूजा जाता है. नाग की तुलना देवता से की गई है. हर साल नाग पंचमी (Nag Panchami 2022) का त्योहार भी मनाया जाता है. इस दिन अगर कोई नाग देवता का पूजन करता है, तो कालसर्प दोष (Kal Sarp Dosha) को भी दूर किया जा सकता है, लेकिन अगर आप किसी कारणवश कहीं दूर मंदिर में जाकर कालसर्प दोष की पूजा नहीं कर पा रहे हैं, तो आप अपने नजदीकी नाग देवता मंदिर या फिर शिवालय में जाकर इसकी पूजा कर सकते हैं.
भीमताल स्थित कर्कोटक नागराज मंदिर के पुजारी केशव दत्त बेलवाल बताते हैं कि जब किसी जातक की जन्म कुंडली में राहु सबसे ऊंचे स्थान में आ जाता है और बाकी अन्य ग्रह उसके नजदीक होने की वजह से फल देने के लिए असफल हो जाते हैं. राहु के अधि देवता सर्प कहे जाते हैं, इसलिए जातक की कुंडली में कालसर्प दोष आ जाता है. इस दोष से पीड़ित जातक के काम अटकने लगते हैं. समाज में वह ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाता है. इसके लिए शिवालय या नाग देवता में ही पूजन कर इस दोष से मुक्ति मिल सकती है.
क्या है कालसर्प दोष निवारण की पूजन विधि?
कालसर्प दोष के निवारण के लिए नाग पंचमी के दिन पूजा करने का विशेष महत्व है. अन्य दिनों में भी इसके निवारण के लिए पूजा कर सकते हैं. इसके लिए चांदी के नाग-नागिन के जोड़े की प्रतिमा ली जाती है. शुरुआत में गणेश पूजन, शिवपूजन और उसके बाद नागों की पूजा की जाती है. इस पूजन में करीब एक घंटे का समय लगता है. पूजन पूरा होने पर नाग-नागिन की प्रतिमा को जल में प्रवाहित किया जाता है. इस दौरान मृत्युंजय, महामृत्युंजय या फिर लघु मृत्युंजय मंत्रों का उच्चारण किया जाता है.
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ
मृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात्
लघु मृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः
इस विषय में ज्यादा जानकारी के लिए आप कर्कोटक नागराज मंदिर के पुजारी केशव दत्त बेलवाल से इस नंबर 918937087409 पर संपर्क कर सकते हैं.
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Tags: Nainital newsFIRST PUBLISHED : August 02, 2022, 13:55 IST