देहरादून के ब्रह्मांडवाला में रहने वाला मोनू 13 साल का था जब भंडारे के बाद वह घर की तरफ जा रहा था. मोनू करगी चौक तक ही पहुंचा था कि इस बीच मोनू का एक ट्रक वाले ने अपहरण किया और राजस्थान ले गया. उसने वहां से बचने की बहुत कोशिश की लेकिन सब बेकार. राजस्थान पहुंचकर मोनू का पूरा जीवन ही बदल गया. यहां उसके साथ मारपीट की जाती. उसके मजदूरी करवाई जाती. और रात में उसे बांधकर रखा जाता.
वह कहां हैं, किन लोगों के बीच है, इन सब से अंजान मोनू रोजना बकरी चराने जाता. वहां बहुत सारी बकरियां थीं. वह बकरियों की देखभाल करता और घर के तमाम काम करता. खाने में बस एक मोटी-सी रोटी और चाय दी जाती. वह कहीं भाग ना जाए इसके लिए उसे रात में बांधकर रखा जाता. बकरियों को देखकर ऐसा लगता था कि वहां जो लोग थे बकरियों का कारोबार करते थे.
मोनू ने इसे ही अपना जीवन मान लिया और इस तरह दिन कटने लगे. दिन ही नहीं, महीने और साल बीतने लगे. ऐसा करते-करते पूरे 17 साल बीत गए. मोनू अब एक बच्चे से जवान आदमी बन गया. लेकिन जीवन की दुश्वारियां ना तो खत्म हुईं, ना ही कम. दुश्वारियों के साथ मोनू के सामने था बड़ा-सा जंगल, जिसका ओर-छोर उसे दिखाई नहीं देता था.
इस दौरान मोनू ने एक दो बार भागने की कोशिश की लेकिन जंगल से बाहर निकलने से पहले उसको पकड़ लिया गया. उसके साथ मार-पीट की गई.
लेकिन कहते हैं ना कि सभी दिन एकसे नहीं होते. मोनू के जीवन में भी एक ऐसा ही दिन आया जब उसके जीवन ने पलटी मारी. जहां मोनू रहता था, वहां कुछ दिन पहले बकरियों को लेने के लिए एक ट्रक पहुंचा था. ट्रक के ड्राइवर से मोनू ने अपनी आपबीती सुनाई. मोनू की दास्तां सुनकर ट्रक ड्राइवर का दिल पसीज गया. उसने ट्रक में भरी बकरियों के बीच मोनू को बैठा दिया और वहां से निकल गया. उस इलाके से बाहर आने के बाद ट्रक ड्राइवर ने दिल्ली से देहरादून जाने वाली ट्रेन में बैठा दिया.
देहरादून पहुंच कर मोनू पुलिस से मिला और पुलिस को अपनी व्यथा सुनाई. मोनू के बताए नाम-पते के आधार पर पुलिस ने खोजबीन शुरू की. पुलिस ने सबसे पहले मोनू के रहने की व्यवस्था की. उसके परिवार को खोजने में पुलिस को पूरे दो दिन लगे. क्योंकि मोनू की गुमशुदगी, थाना पाटेलनगर में 17 साल पहले उसकी मां ने दर्ज कराई थी. पुलिस ने 17 साल पहले के तमाम कागजात खंगाले. आखिरकार पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने को कामयाबी मिली और पुलिस ने मोनू के परिवार को खोज निकाला. 17 साल बाद अपने खोये हुए बच्चे से मिलकर परिवार की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा.
Tags: Dehradun news, Rajasthan news, UttrakhandFIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 15:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed