देहरादून: दीया जलाने से पूरी होती है मनोकामना! जानें पीपल मंदिर के नाम की कहानी
देहरादून: दीया जलाने से पूरी होती है मनोकामना! जानें पीपल मंदिर के नाम की कहानी
Peepal Temple Dehradun: कुछ समय पहले इस पीपल के पेड़ की जांच की गई थी, जिसमें पाया गया कि अब तक इसमें न ही कोई कीड़ा लगा है और न ही काई लगी है. रिसर्च करने वाले लोग भी यह देखकर हैरान हो गए थे. करीब 95 साल पुराने इस पेड़ के नाम पर ही पीपल मंदिर का नाम पड़ा है.
रिपोर्ट- हिना आज़मी
देहरादून. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के चंदन नगर में करीब 95 साल पुराना एक पीपल का पेड़ अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं. इस पेड़ की वजह से ही यहां स्थित मंदिर को पीपल मंदिर (Peepal Temple Dehradun) नाम मिला. यहां पीपल का पेड़ होने की वजह से इस मंदिर को पीपल मंदिर कहा जाने लगा. वहीं, इस मंदिर से जुड़ी मान्यता है कि हर शनिवार को यहां जो श्रद्धालु आते हैं और पेड़ के नीचे दीया जलाते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
पीपल मंदिर की महिला पुजारी गोदावरी थपलियाल ने बताया कि इस पीपल के पेड़ को करीब 95 साल हो गए हैं. पेड़ की मान्यता को देखते हुए यहां मंदिर स्थापित किया गया और दूर-दूर से लोग यहां अपनी मनोकामनाएं को लेकर आते हैं.
मंदिर आईं श्रद्धालु कविता शर्मा ने बताया कि मान्यता है कि हर शनिवार को यहां लोग दीया जलाते हैं, जिससे उनकी मनोकामना पूरी होती है. वहीं, उन्होंने यह भी जानकारी दी कि कुछ समय पहले इस पेड़ की जांच की गई थी, जिसमें पाया गया कि अब तक इसमें न ही कोई कीड़ा लगा है और न ही काई लगी है. रिसर्च करने वाले लोग भी यह देखकर हैरान हो गए थे.
एक अन्य श्रद्धालु वंदना भारती का कहना है कि हिंदू धर्म में पीपल का पेड़ बहुत महत्वपूर्ण है. पीपल के पेड़ में कई देवी-देवताओं का वास होता है. पीपल का पेड़ 24 घंटे ऑक्सीजन देता है. अगर हम ज्यादा से ज्यादा पीपल के पेड़ लगाएं, तो यह पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी अच्छा होगा. जबकि कोविड काल ने हमें ऑक्सीजन की कीमत समझा दी है.
शनिदेव जी की आरती;
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय जय श्री शनि देव….
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी। नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय जय श्री शनि देव….
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी। मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥ जय जय श्री शनि देव….
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी। लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥ जय जय श्री शनि देव….
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी। विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥ जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
(नोट: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. NEWS18 LOCAL किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)
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Tags: Dehradun newsFIRST PUBLISHED : August 26, 2022, 13:30 IST