Success Story: इंश्योरेंस कंपनी की नौकरी छोड़ शुरू की खेती मल्टीलेयर फार्मिंग से हो रहा डबल मुनाफा
Success Story: इंश्योरेंस कंपनी की नौकरी छोड़ शुरू की खेती मल्टीलेयर फार्मिंग से हो रहा डबल मुनाफा
Success Story: बिहार के भागलपुर के कजरेली के किसान गुंजेश इस समय इंश्योरेंस कंपनी की सालाना चार लाख के पैकेज की नौकरी छोड़ काकोरी खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि एक एकड़ से काकोरी की खेती शुरू की है. खेत में लगभग 8 हजार पौधे लगाए हैं.
रिपोर्ट : शिवम सिंह
भागलपुर. परंपरागत खेती से इतर अब नगदी फसल उपजाने का अब नया दौर शुरू हो चुका है. इससे किसानों को मुनाफा भी हो रहा है. प्रयोगधर्मी खेती में अब बड़े पैमाने पर युवाओं की भागीदारी बढ़ने लगी है. युवा वैज्ञानिक पद्धति अपनाकर खेती को नया आयाम देने में जुटे हुए हैं. इस बीच भागलपुर जिला अंतर्गत कजरैली के रहने वाले युवा किसान गुंजेश इंश्योरेंस कंपनी की सालाना चार लाख के पैकेज की नौकरी छोड़ काकोरी की खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं. उनकी मानें तो एक किलो बीज से 2 हजार पौधे तैयार हो जाते हैं. इसके अलावा भी पपीता, स्ट्रॉबेरी सहित अन्य की भी खेती कर रहे हैं.
कजरेली के किसान गुंजेश ने न्यूज़ 18 लोकल को बताया कि बजाज आलियांज इंश्योरेंस कंपनी में सालाना चार लाख के पैकेज पर काम कर रहे थे. घर आने के क्रम में एक बार गोड्डा जाना हुआ. वहां किसान बड़े पैमाने पर काकोरी की खेती कर रहे थे. दोबारा गोड्डा जाकर किसानों की खेती करने का तरीका देखा, तो सोचा कि अगर झारखंड में काकोरी की खेती हो सकती है तो भागलपुर में क्यों नहीं. वहीं, से प्रेरित होकर इस साल मई माह से काकोरी की खेती शुरू कर दी है.
एक एकड़ में काकोरी की खेती पर 75 हजार होता है खर्च
गुंजेश ने बताया कि एक एकड़ से काकोरी की खेती शुरू की है. खेत में लगभग 8 हजार पौधे लगाए हैं. एक एकड़ में खेती करने में लगभग 75 हजार खर्च आता है. जबकि 2 से 2.50 लाख रुपए की सालाना बचत होती है. वहीं, काकोरी की बीज झारखंड और बंगाल सहित अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में मिलता है. जिले में पहली बार काकोरी की खेती बड़े पैमाने पर शुरू की है. गुंजेश ने बताया कि अभी कृषि विभाग की ओर से कोई मदद नहीं मिली है. काकोरी की खेती शुरू करने से पहले अपने फार्म में पपीता, जुगनी और स्ट्रॉबेरी की भी खेती कर रहे हैं. इसकी खेती से भी 3 लाख से अधिक का मुनाफा हो जाता है. साथ बताया कि किसान बहुद्देशीय खेती अपनाकर स्वरोजगार के साथआत्मनिर्भर बन सकते हैं.
काकोरी के सेवन से डायबिटीज रहता है कंट्रोल
युवा किसान गुंजेश ने बताया कि काकोरी का बाजार में थोक भाव 60 से 70 रुपए किलो है. जबकि खुदरा दर 100 से 120 रुपए किलो तक है. जबकि चिकित्सकों का मानना है कि काकोरी में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा और फाइबर जैसे खनिज पदार्थ पाए जाते हैं. इसके सेवन से डायबिटीज कंट्रोल भी रहता है.
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Tags: Bhagalpur news, Success StoryFIRST PUBLISHED : November 07, 2022, 10:56 IST