रेनू यादव, जो गोरखपुर में जन्मी हैं और वर्तमान में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा में भारतीय भाषा एवं साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं, को इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए चुना गया है. उ
गोरखपुर: इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने वर्ष 2024 के प्रतिष्ठित ‘श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान’ के लिए रेनू यादव को चुना है. यह सम्मान हिन्दी साहित्य में ग्रामीण और कृषि जीवन के उत्कृष्ट चित्रण के लिए दिया जाता है.
रेनू यादव, जो गोरखपुर में जन्मी हैं और वर्तमान में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा में भारतीय भाषा एवं साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं, को इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए चुना गया है. उनकी प्रमुख कृतियों में ‘महादेवी वर्मा के काव्य में वेदना का मनोविश्लेषण’ (आलोचनात्मक पुस्तक), ‘मैं मुक्त हूँ’ (काव्य-संग्रह), और ‘साक्षात्कारों के आईने में सुधा ओम ढींगरा’ (संपादित पुस्तक) शामिल हैं.
रेनू यादव का योगदान
साहित्यिक जगत में रेनू यादव का योगदान न केवल उनकी कृतियों के माध्यम से, बल्कि विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित उनके लेखों और स्तंभों के माध्यम से भी पहचाना जाता है. उनका मासिक कॉलम ‘चर्चा के बहाने’ साहित्य नंदिनी पत्रिका में प्रकाशित होता है, जबकि इससे पहले उन्होंने ‘ओरियानी के नीचे’ नामक स्तंभ कनाडा से निकलने वाली पत्रिका हिन्दी चेतना में लिखा था.
साहित्यिक यात्रा में कई सम्मान
रेनू यादव ने बताया कि साहित्यिक यात्रा में उन्हें कई सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें ‘सृजन श्री’ सम्मान, ‘विरांगना सावित्रीबाई फुले नेशनल फेलोशिप अवार्ड’ और अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कार शामिल हैं. उनके लेखन में स्त्री-विमर्श पर केंद्रित कहानियाँ, कविताएँ, और शोधात्मक आलेख भी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं.
11 लाख का इनाम
‘श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान’ की शुरुआत 2011 में हुई थी और यह हर साल ऐसे लेखक को दिया जाता है, जिसकी रचनाओं में ग्रामीण और कृषि जीवन का सजीव चित्रण होता है. इससे पहले यह सम्मान विद्यासागर नौटियाल, शेखर जोशी, संजीव, और अन्य प्रमुख साहित्यकारों को प्रदान किया जा चुका है. इस पुरस्कार के तहत रचनाकार को एक प्रतीक चिह्न, प्रशस्ति पत्र, और ग्यारह लाख रुपये की राशि का चेक प्रदान किया जाता है.
इस वर्ष, इफको ने ‘श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको युवा साहित्य सम्मान’ की भी शुरुआत की है, जिसमें सम्मानित साहित्यकार को प्रतीक चिह्न, प्रशस्ति पत्र, और ढाई लाख रुपये की राशि का चेक प्रदान किया जाएगा. इस नई पहल का उद्देश्य युवा रचनाकारों को प्रोत्साहित करना और उन्हें साहित्यिक जगत में अपनी पहचान बनाने के लिए मंच प्रदान करना है.
Tags: Gorakhpur news, Local18FIRST PUBLISHED : August 31, 2024, 12:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed