इस संस्था ने तैयार है किया वूडन राखी आसानी से कर सकते हैं फ्रिज मैग्नेट

अस्मि फाउंडेशन ने इस बार लकड़ी से इको-फ्रेंडली राखियां बनाया है. इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. राखी के डिजाइन को इस तरह से तैयार किया गया है कि इसे आसानी से फ्रिज मैग्नेट में बदला जा सके. राखी के पीछे एक मैग्नेट लगाकर इसे फ्रिज पर सजावट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

इस संस्था ने तैयार है किया वूडन राखी आसानी से कर सकते हैं फ्रिज मैग्नेट
गाजियाबाद. अस्मि कौशल विकास केंद्र ने इस वर्ष रक्षाबंधन को एक नए और अनूठे तरीके से मनाने का निर्णय लिया है.  जिसमें पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है. अस्मि फाउंडेशन के संस्थापक और निदेशक डॉ. भारती गर्ग के नेतृत्व में केंद्र में प्रशिक्षण ले रही लड़कियाें और महिलाओं ने इस बार इको-फ्रेंडली वुडन राखियों का निर्माण किया है. यह उपयोग के बाद एक विशेष फ्रिज मैग्नेट में बदला जा सकता है. लकड़ी से तैयार किया गया है इको-फ्रेंडली राखियां इस पहल के माध्यम से केंद्र ने ना केवल भाई-बहनों के रिश्ते को मजबूत किया है बल्कि पृथ्वी की रक्षा का भी संदेश दिया है. यह इको-फ्रेंडली राखियां पूरी तरह से लकड़ी से बनाई गई है. जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. राखी के डिजाइन को इस तरह से तैयार किया गया है कि इसे आसानी से फ्रिज मैग्नेट में बदला जा सके. राखी के पीछे एक मैग्नेट लगाकर इसे फ्रिज पर सजावट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. राखी की यादों को लंबे समय तक संजोए रखता है. इस प्रकार यह राखी ना केवल भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक बनेगा, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता का भी परिचायक साबित होगा. छोटे कदम उठाकर पर्यावरण को कर सकते हैं संरक्षित अस्मि कौशल विकास केंद्र की इस पहल में सक्रिय भूमिका निभाने वाली स्वयंसेविका प्रियंका गुप्ता ने बताया कि इस बार राखियों को तैयार करने में विशेष ध्यान दिया गया ताकि यह पर्यावरण के अनुकूल हो और हमारे भाइयों के साथ-साथ हमारी धरती की भी रक्षा करे. केंद्र की महिलाएं और लड़कियां ना केवल अपने परिवार के लिए सुंदर राखियां बना रही है बल्कि अपने कर्तव्य को भी निभा रही है. इस तरह की पहल से समाज में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और स्वच्छता की भावना को भी प्रोत्साहन मिलेगा. यह प्रयास एक उदाहरण है कि छोटे-छोटे कदम उठाकर भी हम पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण बना सकते हैं. Tags: Ghaziabad News, Local18, Rakshabandhan festival, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 18, 2024, 14:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed