70 की उम्र में भी पूरे 32 दांत! इस डेंटल की पहल से लौटी बुजर्गो की खोई मुस्कान

Free Dental Treatment: गाजियाबाद के संतोष डेंटल कॉलेज में बुजुर्गों के लिए निःशुल्क इलाज के लिए कैंप लगाया गया था. यहां करीब 100 बुजुर्ग इलाज करने पहुंचे. फ्री में इलाज पाने के बाद बुजुर्गों के चेहरे पर मुस्कान छा गई. यहां गरीब तबके के बुजुर्गों को फ्री में इलाज दिया जा रहा है.

70 की उम्र में भी पूरे 32 दांत! इस डेंटल की पहल से लौटी बुजर्गो की खोई मुस्कान
गाज़ियाबाद: चेहरे पर झुर्रियां, मुंह, हाथ और आखों में दर्द को बर्दास्त करती झुकी हुई नजर ही अब सच्चाई बन गई थी. यह गाजियाबाद के ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे बुजर्गो की है. उनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं. ऐसे में बढ़ती उम्र के साथ ही कई प्रकार की शारीरिक परेशानी भी बढ़ने लगती है. बुजुर्गों के चेहरे पर छायी मुस्कान ऐसे में दातों का कमजोर होना और जबडों में सूजन आम बात है, लेकिन डेंटल केयर महंगा होने के कारण कई लोग बीच के इलाज में ही हिम्मत छोड़ देते हैं. ऐसे ही बुजुर्गो के चेहरे पर खोयी हुई मुस्कान को वापस लाने का कार्य कर रहा है प्रताप विहार संतोष डेंटल कॉलेज. दरअसल, गाजियाबाद के संतोष डेंटल कॉलेज ने समाज सेवा की एक अनूठी मिसाल पेश की है. कॉलेज द्वारा हाल ही में एक विशेष शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें बुजुर्गों को नि:शुल्क जबड़ा और दांतों का इलाज प्रदान किया गया. जहां 70 साल के बुजुर्गों में भी 32 दांत लगाए गए. डेंटल कॉलेज ने बुजुर्गों को दी फ्री में सेवा यह सेवा उन बुजुर्गों के लिए वरदान साबित हुई है, जिनके पास इस महंगे इलाज का खर्च वहन करना संभव नहीं था. इस शिविर में दर्जनों बुजुर्गों का इलाज किया गया, जिनमें से प्रत्येक का इलाज अगर प्राइवेट क्लीनिक में किया जाता, तो लगभग 25,000 रुपए का खर्च आता. यह राशि एक साधारण परिवार के लिए काफी बड़ी होती है, लेकिन संतोष डेंटल कॉलेज ने इस सेवा को नि:शुल्क प्रदान करके उनके जीवन में एक नई ऊर्जा को दिशा दी है. बुजुर्ग को इलाज के बाद मिला नया जबड़ा प्रोस्थोडोंटिक्स डिपार्टमेंट के हेड डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि इस शिविर के आयोजन के पीछे उनका मकसद उन बुजुर्गों की मदद करना है, जो आर्थिक तंगी के कारण अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाते हैं. हमें गर्व है कि उन्होंने उनके जीवन को बेहतर बनाने में अपना योगदान दिया. यहां शिविर में इलाज मिलने के बाद महफूज ने बताया कि उनके जबडों में काफी सूजन के साथ ही उनके दातों में भी कमजोरी थी. इसलिए वह बेहद ही खुश हैं कि उनको इलाज मिल गया, क्योंकि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण लंबे समय से इलाज रुका हुआ था. इलाज के बाद उनका जबड़ा पहले की तरह हो गया है. Tags: Ghaziabad News, Local18FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 12:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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