Explainer: दुनिया में सबसे ज्यादा लोग हर साल किस धर्म में कन्वर्ट होते हैं

Explainer:फिलहाल दुनिया के प्रमुख धर्मों में ईसाई धर्म सबसे बड़ा है, जिसके दो अरब से अधिक अनुयायी हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 तक अनुमान के हिसाब से दुनिया में ईसाई धर्म को मानने वाले 2.38 बिलियन यानी करीब 238 करोड़ हैं. जबकि, इस्लाम धर्म के फॉलोअर्स 191 करोड़ हैं. हिंदू धर्म को मानने 116 करोड़ लोग हैं. 

Explainer: दुनिया में सबसे ज्यादा लोग हर साल किस धर्म में कन्वर्ट होते हैं
हाइलाइट्स 2070 तक इस्लाम धर्म को मानने वालों की संख्या सबसे ज्यादा होगी. फिलहाल दुनिया के प्रमुख धर्मों में ईसाई धर्म सबसे बड़ा है. अमेरिकी मुसलमानों में से 25 प्रतिशत दूसरे धर्म से कन्वर्ट हुए हैं. इस्लाम पूरी दुनिया में सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म है. जितनी तेजी से मुस्लिम आबादी बढ़ रही है उसके हिसाब से साल 2070 तक दुनिया में इस्लाम धर्म को मानने वालों की संख्या सबसे ज्यादा होगी. प्यू रिसर्च सेंटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2060 तक पूरी दुनिया में मुस्लिम धर्म को मानने वालों की कुल आबादी साल 2015 के मुकाबले 70 प्रतिशत बढ़ जाएगी. फिलहाल दुनिया के प्रमुख धर्मों में ईसाई धर्म सबसे बड़ा है, जिसके दो अरब से अधिक अनुयायी हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 तक अनुमान के हिसाब से दुनिया में ईसाई धर्म को मानने वाले 2.38 बिलियन यानी करीब 238 करोड़ हैं. जबकि, इस्लाम धर्म के फॉलोअर्स 191 करोड़ हैं. हिंदू धर्म को मानने 116 करोड़ लोग हैं.  अब बात उठती है कि दुनिया में हर साल सबसे ज्यादा लोग किस धर्म में कन्वर्ट होते हैं? हालांकि इसका सही जवाब देना तो मुश्किल है, क्योंकि किसी अन्य धर्म में कन्वर्ट होने वालों की संख्या की गणना करना कठिन है. क्योंकि कुछ देशों में जब राष्ट्रीय जनगणना होती है तो उनसे उनके धर्म के बारे में सवाल नहीं किया जाता है. अगर धर्म के बारे में पूछा भी गया तो फिर ये नहीं पूछा जाता है कि आप पहले से इस धर्म को मानते थे, या कन्वर्ट होकर इस धर्म में आए हैं. कुछ देशों में कानूनी और सामाजिक परिणाम धर्म परिवर्तन को कठिन बना देते हैं. जैसे कुछ मुस्लिम देशों में इस्लाम छोड़ने पर मौत की सजा दी जाती है.  ये भी पढ़ें- भारत का एक शहर, जिसके नाम अब भी गाड़ियों की नंबर प्लेट जारी करता है पाकिस्तान; क्या है वजह 2010 से 2050 तक इतने लोग जुड़ेंगे इस्लाम से इसीलिए इस्लाम से किसी दूसरे धर्म में कन्वर्ट होने के आंकड़े मिलना मुश्किल है. लेकिन जो जानकारी मौजूद है उसके अनुसार धर्म परिवर्तन का वैश्विक मुस्लिम आबादी पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. क्योंकि जितने लोग इस्लाम में कन्वर्ट होते हैं, उतने ही लोग इस्लाम को छोड़ देते हैं. तो यह हिसाब लगभग बराबरी का रहता है. प्यू रिसर्च सेंटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक स्टडी के मुताबिक 2010 और 2050 के बीच धर्म परिवर्तन के जरिये इस्लाम को मानने वालों की संख्या में करीब 32 लाख लोग और जुड़ने की संभावना है. हालांकि यह बढोतरी तो मामूली होगी, लेकिन इसके बाद भी अन्य धर्मों की तुलना में इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म बना रहेगा.  अमेरिकी मुसलमानों में 25 फीसदी कन्वर्टेड न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार अमेरिकी मुसलमानों में से 25 प्रतिशत दूसरे धर्म से कन्वर्ट हुए हैं. ब्रिटेन में हर साल करीब 6,000 लोग इस्लाम धर्म को अपना लेते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन में मुस्लिम धर्म अपनाने वालों में ज्यादातर महिलाएं थीं. द हफिंगटन पोस्ट के अनुसार अनुमान है कि हर साल लगभग 20,000 अमेरिकी दूसरे धर्मों से इस्लाम में कन्वर्ट होते हैं.  प्यू रिसर्च के अनुसार, अन्य धर्मों के विपरीत, अमेरिका में इस्लाम अपनाने वालों की संख्या इस धर्म को छोड़ने वाले अमेरिकी मुसलमानों की संख्या के लगभग बराबर है. जिसमें इस्लाम छोड़ने वालों की संख्या धर्म बदलने वालों की संख्या से अधिक है.  ये भी पढ़ें- Explainer: आखिर बंगाल में क्यों होती है इतनी राजनीतिक हिंसा, कौन है इसका जिम्मेदार इस्लाम अपनाने वाले 77 फीसदी ईसाई इस्लाम अपनाने वाले लोगों में से 77 फीसदी ईसाई धर्म से हैं, जबकि बाकी 23 फीसदी अन्य धर्मों से हैं. गिनीज बुक के अनुसार, दुनिया भर में 1990 और 2000 के बीच ईसाई धर्म अपनाने वाले लोगों की तुलना में लगभग 12.5 मिलियन (125 करोड़) से अधिक लोगों ने इस्लाम अपनाया. 1990 और 2000 के बीच ईसाई धर्म अपनाने वाले लोगों की तुलना में लगभग 12.5 मिलियन अधिक लोग दुनिया भर में इस्लाम में परिवर्तित हुए. इसके बावजूद, वैश्विक स्तर पर इस्लाम दूसरे नंबर पर सबसे अधिक संख्या में धर्मांतरण करने वाला धर्म बना हुआ है. अगर सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या वाले देशों की बात की जाए तो इंडोनेशिया पहले नंबर पर है. उसके बाद पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश का नंबर आता है. Tags: Christian conversion, Muslim, Religious conversionFIRST PUBLISHED : May 27, 2024, 14:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed