शेयर सोना प्रॉपर्टी में किया निवेश CBDT ने बताया-कैसे बचाएं लाखों का टैक्स
How to Save Tax : अगर आप सोना-चांदी, प्रॉपर्टी, शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड या सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं तो इंडेक्सेशन का लाभ भी लेते होंगे. इसके लिए सीबीडीटी ने 2024-25 का कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स जारी कर दिया है. इसी के आधार पर आपको अपने निवेश पर कैपिटल गेन टैक्स पर छूट मिलेगी. इसका फायदा कैसे उठाएंगे, पूरा तरीका हम आपको बताते हैं.
क्यों जरूरी है कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स
यह बात तो सभी को पता है कि हर चीज की कीमत हर साल बढ़ती रहती है और ऐसा महंगाई दर की वजह से होता है. आज जो चीज आपको 100 रुपये में मिलेगी, अगले साल वह 110 रुपये या इससे भी ज्यादा कीमत की हो सकती है. ऐसे में जब आप किसी निवेश को लंबे समय बाद बेचकर मुनाफा कमाते हैं तो उस मुनाफे पर टैक्स चुकाना होता है, लेकिन इनकम टैक्स विभाग यह कहता है कि आपको हुआ मुनाफा पूरी तरह शुद्ध नहीं है, क्योंकि इसकी कीमत बढ़ाने में महंगाई का रोल है, जिसका फायदा आपको नहीं मिलता. तब जरूरत होती है CII की, जो आपके कुल मुनाफे में से महंगाई वाले पार्ट को अलग कर देता है और शुद्ध मुनाफे की राशि सामने आ जाती है जिस पर टैक्स चुकाना पड़ता है.
कहां-कहां होता है इस्तेमाल
CII यानी इंडेक्सेशन का फायदा ऐसे निवेश पर मिलता है, जिस पर इनकम टैक्स विभाग कैपिटल गेन टैक्स वसूलता है. यहां यह जानना जरूरी है कि इंडेक्सेशन का फायदा सिर्फ लांग टर्म तक निवेश पर ही होता है. कैपिटल गेन का सीधा मतलब है कि आपने जिस कीमत पर खरीदा और जिस पर बेचा, दोनों के बीच का अंतर हुआ आपका पूंजीगत लाभ यानी कैपिटल गेन. पूंजीगत लाभ तभी माना जाता है जब आप डेट फंड यानी म्यूचुअल फंड, प्रॉपर्टी, सोने-चांदी अथवा सरकारी सिक्योरिटीज और बॉन्ड में करते हैं. हर तरह के निवेश पर लांग टर्म की अवधि भी अलग-अलग होती है. जैसे डेट फंड पर लांग टर्म 3 साल या उससे ज्यादा की अवधि पर शुरू होता है. इसका मतलब हुआ कि अगर आपका निवेश 3 साल से ज्यादा समय तक बना रहा और फिर उसे बेचकर मुनाफा कमाया तो इस मुनाफे पर टैक्स चुकाते समय आपको इंडेक्सेशन का फायदा मिलेगा. सोने-चांदी पर भी लांग टर्म कैपिटल गेन 3 साल बाद बेचने पर ही लागू होता है.
इंडेक्सेशन कैसे बचाता है लाखों रुपये
इंडेक्सेशन के फायदे को आप ऐसे समझें कि जिस डेट फंड पर लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 20 फीसदी और 4 फीसदी का सेस यानी कुल 20.8 फीसदी है. उस पर इंडेक्सेशन का लाभ लेने के बाद महज 6 से 7 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ता है. इस पर छूट के लिए जरूरत होती है कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स की, जो सीबीडीटी हर वित्तवर्ष के लिए जारी करता है. जो करदाता बीते वित्तवर्ष का आईटीआर भरने जा रहे, उन्हें 2023-24 के सीआईआई का इस्तेमाल करना होगा, जो 348 था. अब इसका इस्तेमाल कैसे करें और फायदा उठाएं, इसका पूरा कैलकुलेशन आपको बताते हैं.
उदाहरण : मान लीजिए आपने कोई प्रॉपर्टी मई, 2014 में 50 लाख रुपये में खरीदी और उसे 10 साल बाद मई, 2024 में 1.5 करोड़ रुपये में बेच दी. इस तरह, देखा जाए तो आपको इस पर सीधे 1 करोड़ रुपये का लांग टर्म कैपिटल गेन यानी लंबी अवधि का मुनाफा हुआ. अगर सामान्य गणित से देखें तो 1 करोड़ पर 20.8 फीसदी लांग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स चुकाना होगा, जो 20.80 लाख रुपये होगा. लेकिन, इंडेक्सेशन लगाने पर सिर्फ 15,47,000 रुपये टैक्स चुकाना होगा आपको सीधे तौर पर 5,33,000 रुपये की टैक्स बचत हो जाएगी.
कैसे होगी इसकी गणना
प्रॉपर्टी बेचने पर हुए मुनाफे को जब महंगाई के सापेक्ष देखते हैं तो आपकी खरीद लागत बढ़ जाती है. जैसे सीबीडीटी ने 2014-15 के लिए कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स 240 बताया था. यानी जब आपने प्रॉपर्टी खरीदी तब सीआईआई 240 था और जब इसे बेचा यानी मई, 2024 में यह 363 हो गई है. ऐसे में LTCG टैक्स निकालने के लिए आपको महंगाई के सापेक्ष उस प्रॉपर्टी की वास्तविक कीमत देखनी होगी. इसके लिए आपने जिस कीमत पर खरीदा (50 लाख) को बेचे जाने वाले साल के सीआईआई से गुणा करने के बाद खरीदे जाने वाले साल की सीआईआई से भाग देना होगा. इस तरह आपके प्रॉपर्टी की मौजूदा लागत 75,62,500 रुपये आ जाएगी. अब इस राशि को बिक्री वाली राशि (1.5 करोड़) में घटा देने पर वास्तविक मुनाफा 74,37,500 रुपये आ जाएगा. इसी मुनाफे पर आपको 20.8 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ेगा, जो 15.47 लाख रुपये होगा और 5.33 लाख रुपये की बचत हो जाएगी.
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