कैसे बिग बी का घर बना था सोनिया का मायका फिर हुई राजीव गांधी से शादी
कैसे बिग बी का घर बना था सोनिया का मायका फिर हुई राजीव गांधी से शादी
Birthday Sonia Gandhi: आज सोनिया गांधी का जन्मदिन है. वह 78 साल की हो गई हैं. जब वह लंदन में पढ़ाई के दौरान राजीव गांधी से मिलीं तो क्या हुआ, कैसे तब दोनों में प्यार हो गया.
हाइलाइट्स कैंब्रिज के एक रेस्टोरेंट में पहली बार मिले थे सोनिया और राजीव तब राजीव गांधी ज्यादा जेबखर्च जुटाने के लिए लंदन की एक बेकरी में काम करते थे शादी से पहले सोनिया गांधी बच्चन परिवार के घर पर ही ठहरीं
आज सोनिया गांधी का जन्मदिन है. वह 09 दिसंबर को 78 साल की हो गईं. वह अब राज्यसभा की सदस्य हैं. पिछले करीब तीन दशकों से वह कांग्रेस की शीर्ष नेता. वह इटली में पैदा हुईं. इंग्लैंड के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ने गईं. वहीं उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुई. दोनों में प्यार हो गया. उनकी लव स्टोरी कम खूबसूरत नहीं. हालांकि सोनिया गांधी के इटली के घरवाले नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी भारत में जाकर रहे और राजीव गांधी से शादी करे.
सोनिया 07 जनवरी 1965 को कैंब्रिज पहुंचीं. यहां काफी विदेशी युवा पढ़ाई के लिए आते हैं. लंदन का ये इलाका सुरक्षित भी है और साफसुथरा भी. उन्होंने यहां के दो मुख्य लैंग्वेज स्कूल में एक में खुद को एनरोल किया. तब कैंब्रिज में ये व्यवस्था थी कि अगर आप विदेशी हैं तो यूनिवर्सिटी आपके ठहरने की व्यवस्था किसी फैमिली के घर पर करती थी. सोनिया को भी एक घर अलॉट हुआ.
वहां का खाना उन्हें अच्छा नहीं लग रहा था. शुरुआत में अंग्रेजी बोलने में भी उन्हें दिक्कत थी. खैर उन्हें इसी कैंपस में एक ग्रीक रेस्तरां मिला, जो इतालवी खाना भी खिलाता था. उसका नाम था वर्सिटी. ये यूनिवर्सिटी के युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय था. सोनिया ने नियमित तौर पर यहीं खाना शुरू कर दिया. इसके दाम भी ऐसे थे कि स्टूडेंट इसको वहन कर पाएं. राजीव गांधी भी अक्सर दोस्तों के साथ यहां आया करते थे. photo credit news18
जब पहली बार सोनिया ने राजीव को देखा
यहीं सोनिया ने राजीव को देखा. वो शांत और सुंदर थे. बेहद विनम्र भी. दूसरों से अलग. एक दिन जब सोनिया वहां लंच ले रही थीं तब राजीव उनके कॉमन मित्र क्रिस्टियन वॉन स्टीगलिज के साथ दाखिल हुए. तभी उनका आपस में परिचय हुआ.
सोनिया गांधी ने अपनी बॉयोग्राफी “सोनिया गांधी-एन एक्स्ट्राआर्डिनरी लाइफ, एन इंडियन डेस्टिनी” की लेखिका रानी सिंह से कहा, “उन्हें पहली ही नजर में राजीव से प्यार हो गया. ऐसा ही राजीव के लिए भी था, क्योंकि राजीव ने ये बात उनसे बताई भी. उन्होंने क्रिस्टियन से पहले ही सोनिया से परिचय कराने को कहा था.”
मां से पत्र में सोनिया का जिक्र करने लगे
इसके बाद उनमें दोस्ती हुई. दोनों एक दूसरे से घनिष्ठ होने लगे. नेहरू-गांधी परिवार में लंबे पत्र लिखने की परंपरा रही है. उसी का अनुकरण राजीव भी करते थे. वो अपनी मां इंदिरा गांधी को जब पत्र लिखते थे, तब उन्हें कैंपस, पढ़ाई, लाइफ, रूटीन सारी बातें बताते थे. जल्दी ही उनके पत्रों में लिखी जा रही बातों में सोनिया भी शामिल हो गईं. वो मां से उनका जिक्र करने लगे.
तब राजीव के पास लाल रंग की पुरानी कार थी
दोनों अपने परिवारों से दूर थे. तनाव मुक्त और आजाद. उन दिनों राजीव के पास लाल रंग की पुरानी वॉक्सवैगन कार थी. उससे वो रोज सोनिया के पास आया करते थे, जहां वो रहती थीं. अक्सर वो और सोनिया अन्य मित्रमंडली के साथ छुट्टी के दिन कार से सैर के लिए दूर निकल पड़ते. ईंधन का पैसा सभी मिलकर शेयर करते. कभी-कभी वो सोनिया के साथ कार रेसिंग देखने सिल्वरस्टोन चले जाते थे. आज भी सिल्वरस्टोन कार रेसिंग का विश्व प्रसिद्ध ट्रैक है. कई फार्मूला वन टीमों ने इस ट्रैक को अपना बेस भी बनाया हुआ है. राजीव इंडिया गेट पर सोनिया गांधी को आइसक्रीम खिलाते हुए. (फाइल फोटो)
राजीव ज्यादा आय के लिए बेकरी में काम करते थे
कैंब्रिज में पढ़ने वाले सभी छात्रों को घर से कम पैसा आने के कारण आर्थिक तंगी रहती थी. इसके चलते उन्हें खाली समय में छिटपुट काम करना पड़ता था. राजीव एक कॉपरेटिव बेकरी में काम करते थे. वो ब्रेड सेक्शन में थे.
किताब में लिखा है,” सोनिया ऐसी थीं, जिनके पास पर्याप्त पैसा होता था, जब महीने के आखिर तक उनके दोस्तों की जेब खाली हो जाती थी, तब भी उनके पास पैसा होता था.” किताब में राजीव के कैंब्रिज के जमाने के दोस्त ताहिर जहांगीर ने कहा, “सोनिया हमेशा वेल ड्रेस्ड रहती थीं और हमेशा खुशमिजाजी से मिलती थीं.”
वह कैंब्रिज की सबसे खूबसूरत युवती थीं
उस समय कैंब्रिज में पुरुष और महिला स्टूडेंट का अनुपात 12 और 01 था. यानि लड़के ज्यादा थे और लड़कियां अपेक्षाकृत काफी कम. लंबे घने काले बालों वाली स्लिम सोनिया उन दिनों कैंब्रिज टाउन में सबसे खूबसूरत युवती थीं. उन्हें अपने अच्छे लुक का अहसास भी था. (photo credit news18)
राजीव को फोटोग्राफी का शौक था. वो सोनिया की बहुत तस्वीरें खींचते थे. राजीव उनके लिए सबसे खास बनते गए. हालांकि वो दोनों दो अलग दुनिया से थे. लेकिन ये उनकी जिंदगी का सबसे खुशनुमा समय था. वो मुक्त थे, खुश थे. अपनी जिंदगी का आनंद ले रहे थे.
इंदिरा पहली बार लंदन में सोनिया से मिलीं
जब राजीव ने मां इंदिरा को लिखी चिट्ठी में पहली बार सोनिया के प्रति भावनाओं का इजहार किया तो ये भी चाहा कि मां को सोनिया से मिला सकें. तब इंदिरा गांधी तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री थीं. इंदिरा को लंदन आना था और तब वह सोनिया से मिलने वाली थीं. इस मुलाकात को लेकर सोनिया नर्वस थीं. पहली मुलाकात हुई. फिर तुरंत बाद दूसरी मुलाकात लंदन में केनिंगटन पैलेस गार्डन स्थित भारतीय हाईकमिश्नर के घर पर हुई.
सोनिया नर्वस थीं, फ्रेंच में हुई बातचीत
इंदिरा ने इस मुलाकात में सोनिया को काफी रिलैक्स करने की कोशिश की. उन्होंने सोनिया से फ्रेंच भाषा में बात की, क्योंकि उन्हें मालूम था कि सोनिया इंग्लिश की तुलना फ्रेंच में ज्यादा सहजता महसूस करती हैं. उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा. इंदिरा ने कोशिश की कि सोनिया के साथ रिश्ते में उन्हें सहजता का अहसास करा सकें. वहीं दूसरी ओर सोनिया के घरवालों के साथ इस रिश्ते को लेकर दिक्कतें तो थीं.
सोनिया के घरवाले इस रिश्ते के पक्ष में नहीं थे
सोनिया ने राजीव के साथ प्यार की बात और रिश्ते में आगे बढ़ने की बात अब तक अपने घर में नहीं बताई थी. इस बात को लेकर राजीव ने इंदिरा को पत्र में लिखा, ” वो समझ नहीं पा रहे कि सोनिया अब तक ऐसा क्यों नहीं कर रही.”
खैर सोनिया वास्तव में राजीव के साथ जिंदगी में आगे बढ़ने का मन बना चुकी थीं. जब वह इटली के ओरबासानो में अपने घर गईं तो तय करके गईं कि अबकी बार घर वालों से बात करेंगी..लेकिन घरवाले खुश नहीं थे, वह बुझे दिल से वापस कैंब्रिज लौटीं. हालांकि ये सब जानने के बाद घरवाले नहीं चाहते थे कि वो वापस कैंब्रिज जाएं.
भविष्य को लेकर शंकित था युवा जोड़ा
राजीव अब मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए इंपीरियल कॉलेज लंदन में दाखिला ले चुके थे, लिहाजा दोनों की मुलाकात अब सप्ताहांत में ही होती थी. दोनों युवा तय कर चुके थे कि वो अपनी आगे की जिंदगी साथ बिताएंगे. हालांकि भविष्य को लेकर कभी-कभी शंकित भी हो जाते थे. सोनिया को अपने सख्त मिजाज पिता से डर लगा रहता था. तब भी दोनों ने तय किया कि वो शादी करेंगे और भारत में रहेंगे.
सोनिया इटली लौट गईं
जुलाई 1966 में सोनिया फिर इटली लौटीं. राजीव ने भी सोनिया के पिता स्टेफनो से मिलने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने एक भवन निर्माण साइट पर काम करके पर्याप्त पैसे कमाए. सोनिया और राजीव दोनों रोज एक दूसरे को खत लिखते थे. राजीव अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़कर पायलट का लाइसेंस लेने की ट्रेनिंग लेने लगे थे.
तब सोनिया के पिता ने एक शर्त रखी
नवंबर 1966 में राजीव इटली गए. वो सोनिया के पेरेंट्स से मिले ताकि रिश्ते के प्रति आश्वस्त कर सकें. राजीव वहां सोनिया के पेरेंट्स को पसंद आए. उन्हें महसूस हुआ कि राजीव नेक शख्स हैं. उनकी मंशा अच्छी है. इसके बाद भी स्टेफनो शादी के लिए हां नहीं कर पा रहे थे, उनको लग रहा था कि उनकी बेटी विदेश में कैसे रहेगी. अगर वो शादी के लिए हां कह देते हैं तो शायद एक अच्छे पिता का कर्तव्य पूरा नहीं करेंगे.
सोनिया ने किताब की लेखिका से कहा, “पिता ने उन्हें इस रिश्ते में आगे नहीं बढ़ने के लिए बहुत ज्यादा मनाने की कोशिश की. जब उनको लगा कि सोनिया टस से मस नहीं होने वाली, तब उन्होंने एक शर्त रखी कि दोनों शादी के लिए कम से कम एक साल का इंतजार करें. और तब तक अगर उनका प्यार बना रहेगा तब वो सोनिया को राजीव के देश जाने की आज्ञा दे देंगे लेकिन अगर शादी में कभी कोई गड़बड़ होगी तो उनको ब्लेम नहीं कर सकतीं.”
एक साल बाद सोनिया दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरीं
सोनिया ने 12 महीने इंतजार किया. स्टेफनो को लगता था कि बेटी सालभर जब उनके पास इटली में रहेगी तो राजीव को भूल जाएगी लेकिन ऐसा हो नहीं सका. 13 जनवरी 1968 को सोनिया दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरीं. उन्हें लेने के लिए राजीव अपने भाई संजय के साथ आए थे.
सोनिया को अमिताभ बच्चन के परिवार के साथ ठहराया गया. यहां वह तब तक रहीं, जब तक कि राजीव से उनकी शादी नहीं हो गई. अमिताभ बच्चन और उनके घरवाले उनका हर लिहाज से ख्याल रख रहे थे. उन्हें इससे पहले बच्चन के परिवार ने पहली बार दिल्ली भी घुमाया. शादी से पहले एक तरह से बच्चन परिवार का दिल्ली स्थित घर सोनिया का मायका बन गया. फिर वहीं 25 फरवरी 1968 के दिन उनकी शादी हुई. तो ये थी सोनिया गांधी और राजीव गांधी की लव स्टोरी.
Tags: Love affair, Love Story, Rajiv Gandhi, Sonia GandhiFIRST PUBLISHED : December 9, 2024, 08:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed