निजाम कैसे हो गए कपूुरथला की विदेशी रानी के दीवानेमिलने के लिए क्या नहीं किया

हैदराबाद के निजाम के बारे में कहा जाता है उनके पास पोर्न तस्वीरों का जखीरा था. साथ ही ये बात भी कही जाती है कि वो अपने दोस्त राजाओं और नवाबों की बीवियों से भी इश्क लड़ाने से बाज नहीं आते थे.

निजाम कैसे हो गए कपूुरथला की विदेशी रानी के दीवानेमिलने के लिए क्या नहीं किया
हाइलाइट्स हैदराबाद के निजाम अपने दोस्त राजाओं और नवाबों के साथ रोमांस लड़ाने की कोशिश में भी लगे रहते थे एक बार उन्होंने महाराजा पटियाला की स्पेनिश महारानी के साथ इसी तरह गुपचुप मुलाकात की, महाराजा इस पर नाराज हुए निजाम ने पटियाला की विदेशी रानी को लुभाने के लिए एक से एक उपहार दिए थे हैदराबाद के निजाम उस्मान अली खां के बारे में कहा जाता है कि वो पराई महिलाओं से इश्क लड़ाने में भी बाज नहीं आते थे. जब उनसे मिलने के लिए कोई राजा, महाराजा और नवाब आते थे तो वह उनकी रानी और बेगमों से भी रोमांस के मौके की तलाश में रहते थे. ऐसा ही वाकया खासा चर्चित है जब पटियाला के महाराजा अपने स्पेनिश रानी के साथ हैदराबाद निजाम के आतिथ्य में गए. वहां निजाम ने विदेशी रानी से अकेले गुपचुप मिलने के लिए खूब जतन किए. आखिरकार इसमें कामयाब भी हो गए. हालांकि उनके इस काम से महाराजा पटियाला बहुत नाराज हुए थे. निजाम ने कपूरथला की स्पेन वाली महारानी प्रेमकौर की खूबसूरती की तारीफ सुनी. ये सुना कि कैसे वह स्पेन में डांसर थीं. लोग उस पर मुग्ध रहते थे. फिर महाराजा कपूरथला उसकी खूबसूरती पर रीझ कर उसे महारानी बनाकर भारत ले आए. अब जब निजाम ने विदेशी रानी की तारीफ सुनी तो उसने कपूरथला के के महाराजा को दो चार दिन के लिए हैदराबाद आने का निमंत्रण भेज दिया. कई नवाबों और महाराजाओं की रियासत में दीवान का काम कर चुके दीवान जर्मनी दास ने अपनी चर्चित किताब “महाराजा” में विस्तार से इसका जिक्र किया है.  महाराजा कपूरथला अपनी स्पेनिश महारानी के साथ हैदराबाद आए तो निजाम ने उनकी खूब आवभगत की. कई हफ्ते तक उन्हें हैदराबाद से जाने ही नहीं दिया. निजाम की कोशिश ये थी कि वो किसी तरह स्पेनिश रानी को अपने शीशे में उतारकर उनसे गुपचुप रोमांस का मौका तलाश सकें. स्पेन की अनिता डेलगेदो, जिसने महाराजा कपूरथला से शादी की और फिर उनका बदलकर प्रेमकौर कर दिया गया था. (फाइल फोटो) निजाम रोज महारानी को कीमती उपहार चुपचाप देता इसी के चलते वह रोज रात में उनके साथ खाना खाता और महारानी प्रेमकौर को रोज अपने सामने रखे नैप्किन (छोटा तौलिया) में बेशकीमती जवाहरात लपेटे हुए मिलते. जब वो नैप्किन की परतें खोलतीं तो कभी कोई हीरा, अंगूठी, गले का हार तो कभी कोई और कीमती जवाहरात उसमें से निकलता. निजाम अकेले में महारानी से मिलना चाहता था लेकिन … ये भेंट का सिलसिला लगातार चलता रहा. निजाम महारानी से अकेले मुलाकात करना चाहता था लेकिन मौका मिल नहीं रहा था. क्योंकि कपूरथला के महाराजा कपूरथला अपनी महारानी को लेकर शंकालु थे और उन्होंने ये भी सुन रखा था कि निजाम नीयत के कच्चे शख्स हैं. इसी वजह से वह एक सेकेंड के लिए भी महारानी को निजाम के पास अकेले रहने ही नहीं देते थे. महाराजा को लगने लगा था कि निजाम की नीयत में खोट है निजाम रोज कोई तरकीब निकालने की कोशिश करता और रोज उस पर पानी फिर जाता. तब उसने अपनी बड़ी बेगम से संदेश भेजकर महारानी को स्वागत सत्कार के लिए शाही कोठी पर आमंत्रित किया. ये आमंत्रण ऐसा था, जिससे लगता था कि निजाम की बेगम महारानी से खासतौर पर मिलना चाहती हैं और इस मुलाकात में केवल वह ही रहेंगी, निजाम वहां नहीं होंगे. महाराज को इस पर कोई एतराज नहीं हुआ. क्योंकि बुलावा तो बड़ी बेगम की ओर से आया था. महाराजा को निजाम ने यूं बेवकूफ बनाया  महाराजा खुद अपने खास अफसरों के साथ कार से बड़ी बेगम के शाही महल तक महारानी के साथ आए. महारानी के साथ उनकी एक फ्रेंच दोस्त भी थी. जब महाराजा भी अंदर साथ में महल में दाखिल हुए तो एक सीमा के बाद उनसे अनुरोध किया गया कि आगे जनानखाना है, जहां पुरुषों का प्रवेश नहीं होता. लिहाजा महाराजा को रुकना पड़ा. महारानी अपनी विदेशी दोस्त के साथ आगे चली गई. कपूरथला के महाराजा जगतजीत सिंह (फाइल फोटो) महारानी फिर कई घंटे वहां महल में रहीं. महाराजा को बहुत फिक्र थी कि अंदर क्या हो रहा है लेकिन वह कुछ नहीं कर सकते थे. क्योंकि न तो कोई संदेश अंदर जनानखाने में भेजा जा सकता था और ना ही वहां से आ सकता था. निजाम अंदर कमरे में अकेले फिर देर तक महारानी से मिले किताब में आगे लिखा गया कि असल बात ये थी कि जनानखाना में जैसे ही महारानी आगे बढ़ीं तो उन्हें बताया गया कि अंदर कमरे में निजाम उनका इंतजार कर रहे हैं ताकि उन्हें खुद बेगम के पास पहुंचा आएं. इसके बाद महारानी और निजाम अकेले कुछ देर कमरे में रहे. वहां निजाम ने उनके लिए चाय मंगवाई. हालांकि इस वाकये का जिक्र महारानी ने खुद जर्मनी दास से किया लेकिन ये नहीं बताया कि उन दोनों की मुलाकात में और क्या हुआ लेकिन वह इस मुलाकात से खुद दिखीं. बाद में महाराजा को पता लगा तो खूब नाराज हुए जब महारानी वापस लौटीं और महाराजा को ये मालूम चला कि निजाम भी अंदर था तो वह बहुत नाराज हुए. खुद को धिक्कारते रहे कि उन्होंने क्यों महारानी को इस तरह अंदर भेज दिया. लेकिन कर ही क्या सकते थे. जब निजाम से तार भेजा तो महाराजा ने क्या टका सा जवाब दिया वह फौरन हैदराबाद से कपूरथला के लिए रवाना हो गए. फिर कभी वहां नहीं आए. कुछ महीनों पर महाराजा को निजाम ने एक तार भेजा. जिसमें कहा गया कि वह कपूरथला आकर महाराजा से मुलाकात करना चाहते हैं. महाराजा ने तुरंत इस अनुरोध को ठुकरा दिया. जवाब भेजा कि वह चूकिं यूरोप जा रहे हैं, लिहाजा नहीं मिल सकते. बाद में महारानी पर क्या आरोप लगा इस तरह दो रियासतों के शासकों में आपस में मनमुटाव हो गया, क्योंकि दोनों स्पेन वाली सुंदरी के पीछे दीवाने थे. बाद में इस सुंदरी पर कपूरथला में महाराजा के ही एक बेटे के साथ इश्क करने का आरोप लगा. उसे वापस लंदन भेज दिया गया. महाराजा से फिर उसकी मुलाकात नहीं हो सकी. विदेश में ही उसकी मौत हो गई. उस पर हॉलीवुड में एक फिल्म भी बनी और किताब भी लिखी गई. Tags: Hyderabad, Love affair, Love affairs, Love Stories, Love Story, PatialaFIRST PUBLISHED : May 8, 2024, 14:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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