यूपी में का एक ऐसा प्राचीन मंदिर जहां पुरुषों की नहीं होती एंट्री
यूपी में का एक ऐसा प्राचीन मंदिर जहां पुरुषों की नहीं होती एंट्री
यूपी में है एक ऐसा प्राचीन मंदिर जहां असम के कामाख्य मंदिर जैसा ही चमत्कार होता है. यही वजह है कि साल में कुछ समय के लिए यहां पुरुषों की एंट्री पर रोक लगा दी जाती है....
धीर राजपूत/फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश में एक देवी मां का ऐसा प्राचीन मंदिर है जहां जेष्ठ महीने में कुछ दिनों कि लिए पुरुषों के दर्शन करने पर रोक लगा दी जाती है. उस दौरान मंदिर केवल महिलाओं को ही दर्शन करने दिया जाता है. मां कामाख्या देवी के नाम से मशहूर इस मंदिर में लोगों को कई सारे चमत्कार भी देखने को मिलते हैं. यहां देश भर से भक्त साल भर माता के दर्शन के लिए आते हैं. सैंकड़ो साल पुराने इस मंदिर की दूर-दूर तक मान्यता है.
फिरोजाबाद के जसराना इलाके में स्थित मां कामाख्या मंदिर के पुजारी महेश स्वरुप ने लोकल 18 को बताया कि इस मंदिर की स्थापना उनके गुरु श्री श्री 1008 श्री माधवानंद महाराज ने वर्षों पहले की थी. महेश ने बताया कि उनके गुरु कामाख्या देवी के बड़े भक्त थे और उन पर मां की असीम कृपा थी.
असम के कामाख्या मंदिर की तरह हुआ चमत्कार
महेश बताते हैं कि उनके गुरु माधवानंद ने मां की कृपा से यहां के लोगों का भला किया तो लोगों ने मंदिर बनवाया और मूर्ति स्थापित किया, लेकिन मां ने ऐसा चमक्तार दिखाया कि लोग देखकर दंग रह गए. उन्होंने बताया कि मूर्ति स्थापित होने के बाद जिस तरह असम में स्थित मां कामाख्या मंदिर में अंबुवाची महोत्सव के दौरान जो चमत्कार होता वही यहां देखने को मिला. मां कामाख्या देवी की मूर्ति से पानी निकलने लगा और कपड़ों पर खून के धब्बे दिखाई दिए तो यकीन हुआ कि मां ने अपने प्रकट होने का संदेश दे दिया है और तभी से यहां पर भी अंबुवाची महोत्सव मनाया जाता है.
पुरुषों की एंट्री पर इसलिए रहता है बैन
ज्येष्ठ माह में शुरु होने वाले इस दो दिवसीय महोत्सव के दौरान पुरुषों की एंट्री पर बैन लगा दिया जाता है. पुजारी जी का कहना है कि इस दौरान मां कमाख्या रजस्वला स्थित में होती हैं, जिस कारण पुरुष मंदिर में प्रवेश नहीं करते हैं.
ठीक हुआ मिर्गी का इलाज
मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले एक भक्त सुशील कुमार कुलश्रेष्ठ ने कहा कि वह पिछले 40 साल से मां के दर्शन के लिए आ रहे हैं. सुशील ने बताया कि उन्हें मिर्गी के दौरे की बीमारी हो गई थी, जिसका उन्होंने खूब इलाज भी करवाया, लेकिऩ आराम नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने कामाख्या मां से गुहार लगाई और बिना दवाई के वह धीरे-धीरे ठीक होने लगे. फिलहाल वह एक दम ठीक हैं और रोजाना मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं. ऐसे चमत्कार मंदिर में आने वाले कई लोगों के साथ होते रहते हैं.
आपको बता दें कि फिरोजाबाद के इस मंदिर में आगरा, लखनऊ, जैसे शहरों के अलावा मध्य प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र तक के लोग आते हैं. मनोकामना पूरी होने के बाद लोग यहां दर्शन करने जरूर आते हैं.
Tags: Firozabad News, Local18FIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 16:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed