इस गांव के 250 लोग एक साथ काटते हैं सुपारी जानें कितना होता है मुनाफा

Firozabad News: फिरोजाबाद के एक गांव में लोग करीब 100 साल से सुपारी काटने का काम करते आ रहे हैं. इस काम में एक ही गांव के लगभग 250 से अधिक लोग लगे हुए हैं. जहां इस सुपारी को काटकर पैकेट में पैक करते हैं. इससे उन्हें घर बैठे ही रोजगार मिला हुआ है.

इस गांव के 250 लोग एक साथ काटते हैं सुपारी जानें कितना होता है मुनाफा
फिरोजाबाद: गांव में किसान अपना जीवन यापन करने के लिए खेत पर ही निर्भर रहते हैं, लेकिन कुछ गांव ऐसे भी हैं. जहां लोग कुछ अलग तरह के काम करते हैं, जिससे उनकी अलग पहचान बन जाती है. ऐसा ही कुछ यूपी के फिरोजाबाद जनपद के एक गांव में देखने को मिला है. जहां लोग खेती के अलावा कच्ची सुपारी काटने का काम करते हैं. इस काम को करने के लिए लोग पैनी धार वाले सरौते का इस्तेमाल करते हैं, जिससे दिनभर काम करने के बाद लोग अच्छी इनकम कर लेते हैं. इस काम को गांव में सैकड़ों की संख्या में लोग ये काम करते हैं. जानें कैसे होती है सुपारी की कटाई फिरोजाबाद के सिरसागंज तहसील क्षेत्र के गांव नंदपुर के रहने वाले मानिक चंद्र ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि वह पिछले 35 सालों से कच्ची सुपारी काटने का काम कर रहे हैं. यह काम उनके गांव में 100 साल से हो रहा है और बुजुर्ग से लेकर युवा तक इस काम को करते हैं. कच्ची सुपारी का पैकेट होता है तैयार उन्होंने बताया कि यह काम काफी कठिनाइयों से भरा हुआ है. इसमें उंगलियों के कटने का भी खतरा रहता है. सबसे पहले बाजार से कच्ची सुपारी के पैकेट को लाया जाता है फिर उसे सात दिन तक पानी में भिगोया जाता है. इसके बाद इसे बाहर निकाला जाता है और फिर कारीगर तेज धार वाले सरौते से इसे बारीक काटते हैं. जानें सरौते का कितना है वजन उन्होंने बताया कि सुपारी काटने वाले सरौते का वजन लगभग 5 किग्रा होता है और कारीगर पैर के अंगूठे में दबाकर हाथों की उंगलियों से सुपारी को सरौते की धार के नीचे रखकर काटते हैं, जिससे दौरा बनकर निकलता है. जिसका इस्तेमाल तंबाकू, सुपारी आदि बनाने में किया जाता है. गांव के लोगों को मिला है रोजगार सुपारी काटने वाले कारीगर ने कहा कि यह काम 100 साल से भी ज्यादा पुराना है और केवल नंदपुर गांव में ही यह काम किया जाता है. इसके साथ ही गांव के 250 से ज्यादा लोग इस काम को करते हैं. वहीं, कच्ची सुपारी को काटने वाले कारीगरों को 120 रु प्रति किग्रा के हिसाब से मजदूरी दी जाती है, जिससे रोजाना लोग 500 रुपए से लेकर 700 रुपए तक काम कर लेते हैं. खेती के काम के साथ-साथ गांव के लोग इस काम से अच्छी इनकम कर लेते हैं. Tags: Business ideas, Firozabad News, Local18, New Business IdeaFIRST PUBLISHED : September 2, 2024, 11:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed