रासायनिक खाद से खराब हो रही मिट्टी नहीं संभले तो खत्म हो जाएगी खेती उपाय

मिट्टी में पाए जाने वाले सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता के लिए हर साल मिट्टी का परीक्षण कराना बहुत जरुरी होता है. वर्ष 2023-24 में जिले के आठ ब्लाकों में मिट्टी परीक्षण के नमूने लिए गए थे. एक ब्लॉक में 6 गांव चिन्हित किए गए, जिसमें प्रत्येक गांव में 100 स्थान से मिट्टी के नमूने लिए गए. रिपोर्ट में पता चला की मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन, फास्फोरस, पोटेशियम, नाइट्रोजन और सल्फर जैसे सूक्ष्म तत्वों की कमी आ गई है. उनकी कमी से मिट्टी की सेहत बिगड़ रही है.

रासायनिक खाद से खराब हो रही मिट्टी नहीं संभले तो खत्म हो जाएगी खेती उपाय
कन्नौज /अंजली शर्मा: कन्नौज में रासायनिक खादों के प्रयोग से कृषि योग्य भूमि में सूक्ष्म पोषक तत्वों की भारी कमी हो गई है. इसका सीधा नुकसान किसानों को उठाना पड़ेगा. अगर समय रहते किसानों ने इसका समाधान नहीं किया, तो आने वाले समय में उनकी मिट्टी की सेहत पूरी तरह से बिगड़ जाएगी. इसके चलते उपज पर असर पड़ेगा. फसलों में भी रोग लगने की संभावना बढ़ जाएगी. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसानों ने जल्द समाधान नहीं किया तो जमीन बंजर हो सकती है. मिट्टी में पाए जाने वाले सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता के लिए हर साल मिट्टी का परीक्षण कराना बहुत जरुरी होता है. वर्ष 2023-24 में जिले के आठ ब्लाकों में मिट्टी परीक्षण के नमूने लिए गए थे. एक ब्लॉक में 6 गांव चिन्हित किए गए, जिसमें प्रत्येक गांव में 100 स्थान से मिट्टी के नमूने लिए गए. रिपोर्ट में पता चला की मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन, फास्फोरस, पोटेशियम, नाइट्रोजन और सल्फर जैसे सूक्ष्म तत्वों की कमी आ गई है. उनकी कमी से मिट्टी की सेहत बिगड़ रही है. क्या करें उपाय? खेतों की मिट्टी में अगर पोषक तत्वों की उपलब्धता बनाए रखना है, तो इसके लिए गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट, हरी खाद का अधिक से अधिक प्रयोग करें. इससे मिट्टी के सूक्ष्म तत्व समाप्त नहीं होंगे और मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ेगी. क्या बोले कृषि रक्षा अधिकारी? कृषि रक्षा अधिकारी अभिशांक सिंह चौहान ने बताया कि जैविक खाद का इस्तेमाल एकदम नहीं हो रहा है. पहले किसान गोबर की खाद डालते थे. खेतों में जानवरों को चराया जाता था, अब ऐसा नहीं हो रहा है. किसानों को दो माह में मिट्टी पलट देनी चाहिए, ताकि तमाम अनुपयोगी जीव जंतु मर जाए. ऐसा न करने से फसलों में रोग लगता है और फिर कीटाणु नाशक का इस्तेमाल करते हैं. इनका अधिक इस्तेमाल मिट्टी की सेहत के लिए हानिकारक होता है. क्या बोले मिट्टी परीक्षण केंद्र प्रभारी? मिट्टी परीक्षण केंद्र प्रभारी राजेश पाल बताते हैं कि किसानों को हर साल अपने खेतों की मिट्टी का परीक्षण कराना बहुत जरूरी रहता है. क्योंकि, शोध में निकल कर आया है कि लगातार रासायनिक खाद के प्रयोग से मिट्टी की सेहत खराब हो रही है. ऐसे में आने वाले समय में मिट्टी बंजर होने तक की संभावना प्रबल हो रही है. किसानों को अब सूक्ष्म तत्वों की उपलब्धता बनाए रखने के लिए गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट, हरी खाद आदि का प्रयोग अधिक से अधिक करना चाहिए. इससे मिट्टी के सूक्ष्म तत्व समाप्त नहीं होंगे और मिट्टी को ताकत मिलेगी. Tags: Agricultural Science, Agriculture, Indian Farmers, Kannauj news, Kisan, Local18FIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 14:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed