गुप्त नवरात्रि में कर लिया इस अमोघ मंत्र का जाप दूर हो जाएंगे सारे संकट
गुप्त नवरात्रि में कर लिया इस अमोघ मंत्र का जाप दूर हो जाएंगे सारे संकट
Gupt Navratri 2024: हिंदू पंचांग के मुताबिक, साल में चार बार नवरात्र का पर्व मनाया जाता है. इसमें दो गुप्त नवरात्रि, एक चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि बहुत धूमधाम के साथ मनाई जाती हैं. 6 जुलाई से गुप्त नवरात्रि शुरू हो रही है. इस नवरात्रि का अपना महत्व है.
सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: सनातन धर्म में नवरात्र का विशेष महत्व होता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक, साल में चार बार नवरात्र का पर्व मनाया जाता है. इसमें दो गुप्त नवरात्रि, एक चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि बहुत धूमधाम के साथ मनाई जाती हैं. नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा आराधना करने का विधान है. कहा जाता है कि नवरात्रि में माता रानी अपने भक्तों के बीच में वास करती है. गुप्त नवरात्रि तंत्र विद्या सीखने वाले लोगों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. तो आज हम आपको बताएंगे कि गुप्त नवरात्रि कब से शुरू हो रही है और लोग अपनी बाधा और संकट को दूर करने के लिए क्या कर सकते हैं.
दरअसल, अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि इस वर्ष आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू हो रही है. 6 जुलाई से शुरू होने वाली नवरात्रि का समापन 15 जुलाई को समाप्त होगा. इस बार की नवरात्रि में माता रानी के आगमन की सवारी घोड़ा रहेगा.
धार्मिक मान्यता के मुताबिक दुर्गा की पूजा आराधना करने से नवरात्रि में सभी तरह की मनोकामना पूरी होती है और घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है. ऐसी स्थिति में अगर आप भी जीवन में हर संकट से निजात पाना चाहते हैं तो गुप्त नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा के इन अमोघ मंत्र का जाप जरूर करें. इस मंत्र का जाप करने से हर बाधा दूर होगी.
देवी दुर्गा ध्यान मंत्र
ॐ जटा जूट समायुक्तमर्धेंन्दु कृत लक्षणाम|लोचनत्रय संयुक्तां पद्मेन्दुसद्यशाननाम॥
पिण्डज प्रवरा चण्डकोपास्त्रुता।प्रसीदम तनुते महिं चंद्रघण्टातिरुता।।
पिंडज प्रवररुधा चन्दकपास्कर्युत ।प्रसिदं तनुते महयम चंद्रघंतेति विश्रुत।
ह्रीं शिवायै नम:
ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
ऐं श्रीं शक्तयै नम:
ऐं ह्री देव्यै नम:
ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:
क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:
श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
नोट: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र द्वारा आधारित है न्यूज़ 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 17:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed