सहजन सेहत ही नहीं किसानों के लिए भी है फायदेमंद जानिए कब और कैसे करें खेती

Drumstick Cultivation: कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि एक्सपर्ट डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि सहजन की खेती किसानों के लिए बेहद लाभकारी हो सकती है. क्योंकि औषधीय गुणों से भरपूर सहजन का पौधा जिसकी पत्तियां, फलियां और छाल में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसकी वजह से बाजार में काफी मांग रहती है.

सहजन सेहत ही नहीं किसानों के लिए भी है फायदेमंद जानिए कब और कैसे करें खेती
सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर: किसान धान, गेहूं और गन्ने से तो आमदनी कमाते हैं. लेकिन, अगर वह सहजन की खेती करें तो उनको अच्छा मुनाफा हो सकता है. गर्मी का मौसम आते ही कई घरों में सहजन की फलियों की सब्जी लोग बड़े शौक से खाते हैं. सहजन की फली तो स्वाद में लजीज होती है. लेकिन, इसकी पत्तियां भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है. इनमें भरपूर मात्रा में एंटी एजिंग, एंटी रिंकल, एंटी फंगल, एंटी वायरल, एंटी डिप्रेसेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो हेल्दी शरीर के साथ-साथ स्किन को भी यंग रखते हैं. इसकी वजह से सहजन की पत्तियों और फलियां की काफी मांग रहती है. कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि एक्सपर्ट डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि सहजन की खेती किसानों के लिए बेहद लाभकारी हो सकती है. क्योंकि औषधीय गुणों से भरपूर सहजन का पौधा जिसकी पत्तियां, फलियां और छाल में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसकी वजह से बाजार में काफी मांग रहती है. किसानों को इससे अच्छी आमदनी भी होती है. सहजन की खेती करने के लिए यह समय बेहद उपयुक्त है. सहजन को गनीगना, चोब, मोरंगी और मोरिंगा के नाम से भी जाना जाता है. पौधे लगाने से पहले कर लें गढ्ढे डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि सहजन के पौधे लगाने के लिए पहले से ही तैयारी करनी होती है. सहजन का पौधा खेत में लगाने के लिए एक 1 मीटर चौड़ा, 1 मीटर लंबा और 1 मीटर गहरा गड्ढा खोदकर उसकी मिट्टी बाहर निकालने के बाद एक तिहाई मिट्टी, एक तिहाई गोबर की सड़ी हुई गोबर की खाद और इतनी ही मात्रा में बालू मिलाकर, उसमें फंगीसाइड मिलाते हुए गड्ढे को भर दें. गड्ढे में मिट्टी भरते समय 1 किलोग्राम एनपीके खाद का इस्तेमाल भी करें. कम गहराई पर लगाए पौधे तैयार किए हुए गड्ढों में एक या दो बीज प्रति गड्ढे के हिसाब से लगा दें. ध्यान रखें की बीज की गहराई 2 से 3 सेंटीमीटर तक रहे. सीधे बीज लगाने की बजाय और पौधशाला में पौधे तैयार कर भी गड्ढों में लगा सकते हैं जो जल्द तैयार हो जाएंगे. अगर कुछ पौधे किन्हीं कारणों से मर जाते हैं, तो उनकी जगह पर नए पौधे लगा दें. पौधे जब 75 सेंटीमीटर की ऊंचाई पर पहुंच जाए, तो इनको पिचिंग कर दें. इससे ज्यादा शाखाएं निकलेंगी. सिंचाई के साथ निराई गुड़ाई भी करें सहजन के पौधे लगाने के बाद सिंचाई जरूर कर दें और 3 दिन के अंतराल पर एक बार फिर से पौधों में सिंचाई कर दें. ताकि, नमी बनी रहे. समय-समय पर खरपतवार प्रबंधन के लिए निराई गुड़ाई करते रहें. इससे खरपतवार तो नष्ट होंगे ही, इसके अलावा पौधों की बढ़वार भी अच्छे से होगी. 18 महीने में फलियां आने लगेगी, जिसे बेचकर किसान आमदनी ले सकते हैं. सहजन के साथ करें सहफसली सहजन की खेती के साथ सहफसली भी कर सकते हैं. पौधों के बीच बची हुई जगह में लोबिया, भिंडी, टमाटर और गोभी जैसी फसलों को भी उगा सकते हैं. इससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी मिल जाएगी. Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, UP newsFIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 17:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed