गांव में चल रही थी खुदाई अचानक से आने लगी खटखट की आवाज लोगों के उड़ गए होश
गांव में चल रही थी खुदाई अचानक से आने लगी खटखट की आवाज लोगों के उड़ गए होश
Bangladesh Liberation War: गांव में खुदाई का काम चल रहा था, तभी कुछ विचित्र सी आवाज आई. इससे खुदाई करने वाले लोग चौंक गए. इसके बाद मौके पर पुलिस को बुलाना पड़ा.
अगरतला. नॉर्थईस्ट के त्रिपुरा में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. एक गांव में खुदाई का काम चल रहा था. उसी दौरान अचानक से कुछ अजीब सी आवाज सुनाई पड़ी. इससे लोग चौंक गए. पहले तो उन्हें कुछ भी समझ में नहीं आया, लेकिन जल्द ही उन्हें पूरा माजरा समझ में आ गया. मामले की भनक लगते ही लोग वहां से भाग खड़े हुए. फिर पुलिस को इसकी सूचना दी गई. इसके बाद वहां दोबारा से खुदाई शुरू की गई और दशकों पुराने सामान को वहां से निकाला गया. पूरे घटनाक्रम के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरती गई, ताकि किसी तरह की चूक न हो जाए. मामूली भूल से बड़ा हादसा होने का खतरा था.
जानकारी के अनुसार, त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर की यह घटना है. गुरुवार को बमुतिया इलाके के रंगुतिया गांव में खुदाई का काम चल रहा था. उसी दौरान लोगों को कुछ अलग सी आवाज सुनाई दी. लोगों ने देखा तो उनके होश ही उड़ गए. मिट्टी के अंदर तोप के गोले दबे थे. इसे देखते ही लोग वहां से दूर हट गए. इसकी सूचना तत्काल स्थानीय पुलिस को दी गई. पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और फिर सावधानी के साथ खुदाई की गई. कुल मिलाकर 27 तोप के गोले वहां से निकाले गए. इतनी बड़ी मात्रा में तोप के गोले मिलने से हड़कंप मच गया.
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बांग्लादेश मुक्ति संग्राम से लिंक
तोप के गोले का लिंक बांग्लादेश से जुड़ा है. पुलिस ने बताया कि ये सभी गोले बांग्लादेश में साल 1971 में हुए मुक्ति संग्राम से जुड़े हैं. बमुतिया पुलिस ने तोप के सभी 27 गोलों को अपने कब्जे में ले लिया. इसके बाद पुलिस ने बमुतिया पुलिस आउटपोस्ट इलाके में एक बंकर खोद कर सभी गोलों को उसमें सावधानी से रख दिया, ताकि किसी तरह की हानि न हो. पुलिसने 19 जुलाई 2024 को तोप के सभी 27 गोलों को जमीन के अंदर सुरक्षित तरीके से गाड़ा गया.
बांग्लादेश से लगती है त्रिपुरा की सीमा
बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा की सीमा बांग्लादेश से भी लगती है. साल 1947 में भारत का विभाजन हुआ था. उस बांग्लादेश पाकिस्तान का हिस्सा हुआ करता था. इसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था. पाकिस्तान की तरफ से पूर्वी पाकिस्तान में लगातार दमन चक्र चलाया जा रहा था. आखिरकार पूर्वी पाकिस्तान के लोगों के सब्र का बांध टूट गया और वह पाकिस्तानी अत्याचार के खिलाफ सीना तानकर खड़े हो गए. 1971 में हुए मुक्ति संग्राम के बाद बांग्लादेश का नए देश के तौर पर जन्म हुआ.
Tags: National News, Tripura NewsFIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 21:22 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed