वियतनामी मछली और केंद्र की इस योजना ने बदली गरीब किसान की तकदीर
वियतनामी मछली और केंद्र की इस योजना ने बदली गरीब किसान की तकदीर
किसान बलराम सिंह ने बताया कि पहले हम पारंपरिक खेती करते थे. उसमे हमें इतना मुनाफा नहीं मिल पाता था फिर हमे मत्स्य पालन विभाग से मछली पालन करने की जानकारी हुई है और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ लेकर एक तालाब से मछली पालन शुरू किया उसमें हमें अच्छा फायदा मिला.
बाराबंकी. वैसे आज के समय में मछली पालन आमदनी का एक बढ़िया स्रोत बनकर सामने आया है. बड़ी संख्या में लोग इस व्यवसाय की तरफ रुख कर रहे हैं और ठीक-ठाक मुनाफा कमा रहे हैं. सरकार कई योजनाओं के माध्यम से किसानों को मछली पालन की शुरुआत करने के लिए आर्थिक मदद भी प्रदान करती है. दरअसल तालाबो में मछली पालन कर किसानों द्वारा कई गुना ज्यादा मछलियों का उत्पादन किया जा सकता है. क्योंकि तालाब में अलग-अलग मछलियां पाली जाती हैं. मछलियों के तालाब में पर्याप्त भोजन की व्यवस्था आराम से हो जाती है और इसमें एक बार मछली पालन शुरू कर देते हैं, तो आप इससे हमेशा अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
बाराबंकी जिले के ज्यादातर युवा मछली पालन की ओर तेजी से अग्रसर हो रहे है. वहीं जनपद बाराबंकी के तमशेपुर गांव के रहने वाले युवा किसान बलराम सिंह ने धान-गेहूं आदि की खेती से हटकर मछली पालन शुरू किया. जिससे उन्हें लाखों रुपए का मुनाफा होता है. वह अपने यहां कई प्रकार की मछलियों का पालन कर रहे हैं. जिसमें पंगेसियस रोहू, ग्रास, बेकर जैसी तमाम प्रकार की मछलियां हैं. इनमें पंगेसियस प्रजाति की मछली का पालन ज्यादा करते हैं. यह मछली वियतनाम, थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया में पाई जाती है. इसकी बाजार में काफी डिमांड रहती है. आज वह अपने इस व्यवसाय से 6 से 7 लाख रुपए तक का मुनाफा कमा रहे हैं और कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.
6 तालाब में करते हैं मछली पालन
किसान बलराम सिंह ने बताया कि पहले हम पारंपरिक खेती करते थे. उसमे हमें इतना मुनाफा नहीं मिल पाता था फिर हमे मत्स्य पालन विभाग से मछली पालन करने की जानकारी हुई है और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ लेकर एक तालाब से मछली पालन शुरू किया उसमें हमें अच्छा फायदा मिला. उसके बाद हमने एक एकड़ में 6 तालाब बनवाए हैं. जिसमें कई तरह की मछली पालन कर रहे हैं.
इतना आता है खर्च
किसान बलराम सिंह ने बताया कि करीब एक तालाब में 2 से 3 लाख रुपए का खर्च आता है क्योंकि इसमें मछली का जो दाना होता है वह भी काफी महंगा मिलता है. जिससे खर्च थोड़ा बढ़ जाता है और वहीं मुनाफे की बात करें तो खर्च निकाल करके करीब 6 से 7 लाख रुपए तक मुनाफा हो जाता है. वहीं प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत हम लोगों को करीब इसमें 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. जिससे हम लोगों की लागत कम हो जाती है जिससे हम लोगों की अच्छी बचत हो जाती है.
Tags: Agriculture, Barabanki News, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 5, 2024, 18:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed