असम की बाढ़ में लाखों बेघर तबाही चरम पर CM ने कहा- चीन जब तक नहीं करता यह
असम की बाढ़ में लाखों बेघर तबाही चरम पर CM ने कहा- चीन जब तक नहीं करता यह
Assam Food Updates: असम में बाढ़ का कहर लोगों के लिए विनाश लेकर आया है. लेकिन क्या इसकी वजह चीन है. सरकार की मानें तो ऐसा चीन की ओर से एक खास कदम न उठाने की वजह से हुआ है. बता दें कि देश के उत्तर पूर्व हिस्से के राज्य असम के 29 जिलों के....
डिब्रूगढ़: असम में बाढ़ का कहर लोगों के लिए विनाश लेकर आया है. लेकिन क्या इसकी वजह चीन है. सरकार की मानें तो ऐसा चीन की ओर से एक खास कदम न उठाने की वजह से हुआ है. बता दें कि देश के उत्तर पूर्व हिस्से के राज्य असम के 29 जिलों के 2,800 गांवों पर बाढ़ का कहर है. 18 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. अब तक कम से कम 46 लोगों की जान जा चुकी है और असम के अधिकांश जिलों में बारिश का अलर्ट अभी भी जारी है. असम में कई जगहों पर सालों बाद बाढ़ आई है.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कहा, असम में बाढ़ अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ के कारण होती है. बाढ़ अरुणाचल की ओर से ऊपरी असम में प्रवेश करती है जिससे पूरा असम पानी में डूब जाता है. अरुणाचल प्रदेश खुद भी इसके बारे में क्या कर सकता है? उन्हें भी परेशानी हो रही है. अरुणाचल सरकार के साथ हमारे संबंध अच्छे हैं जिसके कारण हम कम से कम सतर्क तो रह सकते हैं. सीएम ने कहा कि जब तक चीन द्वारा अपनी सीमा पर भारी मात्रा में जल भंडार नहीं बनाए जाते, तब तक हम असम में बाढ़ में मदद नहीं कर सकते. असम से यह बांग्लादेश में भी प्रवाहित होगी लेकिन असम इसमें क्या कर सकता है? हम खुद ही पीड़ित हैं. इसलिए, जब चीन जलाशय बनाएगा तभी हम बाढ़ की दुर्दशा से दूर हो सकते हैं. हम इसमें कुछ नहीं कर सकते.
मंत्री केशब महंत का कहना है कि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है और जब बाढ़ आती है तो सिर्फ यहीं नहीं, बल्कि पूरे राज्य में बहुत सारे तटबंध टूट जाते हैं… यहां तटबंध टूटने की पूरी घटना की जांच करवाई जाएगी. ऐसे में जब 25,000 से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं और 3,61,206 ने तटबंधों पर अपनी राहत की व्यवस्था की है, पीड़ितों ने सरकार के स्थिति से निपटने के तरीके पर सवाल उठाए हैं. ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) जैसे छात्र संगठनों और बाढ़ पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि खराब कंस्ट्रक्शन के कारण कई प्रमुख तटबंध टूट गए हैं. जैसे कि कोलोंग नदी पर हातिमारा में हुआ, विभिन्न स्थानों पर बाढ़ का सबसे बड़ा कारण रहा है. राज्य में बाढ़ की तैयारियों और प्रबंधन की कमी पर सवाल उठते रहे हैं.
सीएनएन-न्यूज18 से बात करते हुए एएएसयू के मृगांका शेखर भराली ने कहा, तटबंधों के टूटने के चलते सात सालों के लंबे समय के बाद हमारे इन स्थानों में बाढ़ आ ही गई है. 2017 में आई बाढ़ ने इस जगह पर भारी तबाही मचाई थी, जिसके बाद कोलोंग नदी का बहाव बंद कर दिया था. फिर जून के महीने में उन्होंने इसे फिर से खोल दिया, एक स्लुइस गेट भी बनाया लेकिन इंजीनियरों, ठेकेदारों और सरकार के काम में कमी के कारण इसमें रिसाव होता रहा और इसलिए, यह बहुत जरूरी तटबंध टूट गया. इसी के चलते यह बाढ़ आ गई और हजारों लोग प्रभावित हुए.
सीएनएन-न्यूज18 से बात करते हुए 80 वर्षीय फुलमाला दास ने कहा, ‘हमने पिछले 7 साल से बाढ़ नहीं देखी है. हम ऐसी किसी भी चीज़ के लिए कैसे तैयार होंगे? सरकार को तैयार रहना चाहिए था. उन्हें पता था कि स्लुइस गेट से पानी फिसल रहा है. वे समुचित राहत सामग्री भी देने को तैयार नहीं हैं. यहां हमारे बच्चे और जानवर एक साथ रहते हैं. सरकार की ओर से पीने के लिए एक बूंद पानी भी नहीं. कुछ निजी गैर सरकारी संगठन पानी और बिस्कुट की मदद के लिए आगे आ रहे हैं वरना हम बच नहीं पाते.’
सीएम सरमा ने बुधवार और गुरुवार को कई जिलों में बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया था. शुक्रवार को भी असम और पूर्वोत्तर में बारिश का अलर्ट है जबकि असम की सभी प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
Tags: Assam Flood, CM Himanta Biswa SarmaFIRST PUBLISHED : July 5, 2024, 17:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed