प्राकृतिक आपदा में जब ध्वस्त हो जाते हैं संचार के सारे माध्यमतब हैम रेडियो

Ham radio use in natural disaster: हैम रेडियो पूरे देश में चुनिंदा लोगो के पास है. इसके लिए सरकार से अनुमति और लाइसेंस लेनी पड़ती है. सौभाग्य से इटावा पूरे देश के उन चुनिंदा जनपदों में से है कि यहां रहने वाले एक शिक्षक मनोज कुमार सिंह के पास हैम रेडियो का लाइसेंस है....

प्राकृतिक आपदा में जब ध्वस्त हो जाते हैं संचार के सारे माध्यमतब हैम रेडियो
रजत कुमार/इटावा: बाढ़ की विभीषिका से नदियों के किनारे बसे लोगों को बचाने की दिशा में उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन विभाग ने जागरूकता अभियान चलाया हुआ है. यह जागरूकता अभियान इटावा जिले के उन इलाकों में प्रभावी ढंग से चलाया जा रहा है जिन गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है. उन गांवों के प्रभावित लोगों को सरकारी स्कूलों के साथ साथ प्रशासन की ओर से घोषित किए गए स्थान पर ठहरने का इंतजाम किया गया है. इसके अलावा प्राकृतिक आपदा के समय जब संचार के सारे माध्यम ठप्प हो जाते हैं और काम करना बंद कर देते हैं उस समय संचार और संवाद स्थापित करने के लिए हैम रेडियो काम आता है. तो मॉक ड्रिल में हैम रेडियो का भी इस्तेमाल किया गया. इटावा जिले के 100 से अधिक गांवों में यमुना और चंबल नदी की बाढ़ से प्रभावित रहने का खतरा रहता है. बरसात से नदियों का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है और इसी के चलते इटावा जिले में भी चंबल और यमुना नदी के जल स्तर में भी लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. इसे देखते हुए इटावा का आपदा प्रबंधन विभाग बाढ़ प्रभावित इलाको में जाकर राहत और बचाव कार्य का मॉक ड्रिल कर रहा है और बाढ़ समय लोगो को कैसे सुरक्षित निकालें इसका अभ्यास टीमों को कराया जा रहा है. लोगो को भी आपदा के समय अपना बचाव कैसे करें इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है. इटावा आपदा राहत प्रबंधन विभाग, स्टेट आपदा प्रबंधन विभाग और एनडीआरएफ संयुक्त रूप से संभावित बाढ़ प्रभावित इलाको में आपदा राहत का अभ्यास करके लोगों को जागरुक कर रहे हैं. जागरूकता अभियान में बाढ़ के समय पानी के बीच में फंसे और पानी में डूब रहे लोगों को बचाने का अभ्यास किया गया. इस दौरान डॉक्टर और अन्य विशेषज्ञ मौजूद रहे जिन्होंने बाढ़ से सुरक्षित निकाले गए लोगों के उपचार का अभ्यास किया. इस दौरान एक विशेष उपकरण का इस्तेमाल किया गया जिसे हैम रेडियो कहा जाता है. इसकी विशेषता यह है की बाढ़ या किसी दैवीय आपदा के समय जब संचार के सभी साधन काम करना बंद कर देते हैं तो उस समय भी हैम रेडियो के जरिए केंद्रीय और राजकीय आपदा संस्थानों और आसपास के जिलों से संपर्क किया जाता है और मदद मांगी जाती है. हैम रेडियो पूरे देश में चुनिंदा लोगो के पास है. इसके लिए सरकार से अनुमति और लाइसेंस लेनी पड़ती है. सौभाग्य से इटावा पूरे देश के उन चुनिंदा जनपदों में से है कि यहां रहने वाले एक शिक्षक मनोज कुमार सिंह के पास हैम रेडियो का लाइसेंस है. आपदा के समय इसका उपयोग कैसे किया जाता है इसका भी अभ्यास किया. मॉक ड्रिल के दौरान हैम रेडियो का इस्तेमाल किया गया तो ये भोपाल, छतरपुर और लखनऊ से कनेक्ट हो गया और वहां से मदद के लिए कहा गया. हालांकि, बाद में उन्हें अवगत कराया गया की ये एक मॉक ड्रिल है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी अवनीश दुबे ने बताते है कि मॉक ड्रिल के दौरान अभ्यास के साथ ही लोगों को भी आपदा के समय कैसे अपना बचाव करें इसकी भी जानकारी दी गई. जनपद में हुई मॉक ड्रिल के दौरान इटावा जनपद की उच्च स्तरीय तैयारियों की लखनऊ बैठे अधिकारियों ने सराहना की. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 13:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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