मोक्ष की प्राप्ति के लिए बेहद खास है अमावस्या इस दिन करें यह उपाय

अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि अमावस्या तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन सनातन धर्म को मानने वाले लोग गंगा जैसे पवित्र नदी में स्नान करते हैं, जो लोग गंगा में स्नान नहीं कर पाए वह लोग गंगाजल डालकर स्नान करते हैं.

मोक्ष की प्राप्ति के लिए बेहद खास है अमावस्या इस दिन करें यह उपाय
अयोध्या: सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और इस महीने पढ़ने वाली अमावस्या तिथि को बहुत खास माना जाता है. क्योंकि इस दिन सनातन धर्म को मानने वाले लोग गंगा जैसे पवित्र नदियों में स्नान करते हैं.  वैसे तो साल के प्रत्येक महीने अमावस्या तिथि आती है. लेकिन इस महीने की अमावस्या अपने आप में अद्भुत होती है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है. गरीब असहाय और जरूरतमंद लोगों को दान भी दिया जाता है.  इतना ही नहीं इस दिन मां गंगा की पूजा आराधना करने का विधान भी है.  मान्यता है कि अगर आप मोक्ष की प्राप्ति करना चाहते हैं, तो इस दिन गंगा चालीसा का पाठ आवश्यक करें. तो चलिए इस रिपोर्ट में जानते हैं इसका महत्व. अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि अमावस्या तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन सनातन धर्म को मानने वाले लोग गंगा जैसे पवित्र नदी में स्नान करते हैं, जो लोग गंगा में स्नान नहीं कर पाए वह लोग गंगाजल डालकर स्नान करते हैं. दान दक्षिणा देते हैं और इस दिन मां गंगा की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करते हैं.  कहा जाता है कि ऐसा करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है . ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 6 जून को है. मान्यता है कि इस दिन गंगा चालीसा का पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. गंगा चालीसा दोहा जय जय जय जग पावनी जयति देवसरि गंग जय शिव जटा निवासिनी अनुपम तुंग तरंग ॥ चौपाई जय जग जननि अघ खानी, आनन्द करनि गंग महरानी । जय भागीरथि सुरसरि माता, कलिमल मूल दलनि विखयाता ।। जय जय जय हनु सुता अघ अननी, भीषम की माता जग जननी । धवल कमल दल मम तनु साजे, लखि शत शरद चन्द्र छवि लाजे ।। वाहन मकर विमल शुचि सोहै, अमिय कलश कर लखि मन मोहै । जडित रत्न कंचन आभूषण, हिय मणि हार, हरणितम दूषण ।। जग पावनि त्रय ताप नसावनि, तरल तरंग तंग मन भावनि ।जो गणपति अति पूज्य प्रधाना, तिहुं ते प्रथम गंग अस्नाना ।। ब्रह्‌म कमण्डल वासिनी देवी श्री प्रभु पद पंकज सुख सेवी ।साठि सहत्र सगर सुत तारयो, गंगा सागर तीरथ धारयो ।। अगम तरंग उठयो मन भावन, लखि तीरथ हरिद्वार सुहावन ।तीरथ राज प्रयाग अक्षैवट, धरयौ मातु पुनि काशी करवट ।। धनि धनि सुरसरि स्वर्ग की सीढ़ी, तारणि अमित पितृ पद पीढी ।भागीरथ तप कियो अपारा, दियो ब्रह्‌म तब सुरसरि धारा ।। जब जग जननी चल्यो लहराई, शंभु जटा महं रह्‌यो समाई ।वर्ष पर्यन्त गंग महरानी, रहीं शंभु के जटा भुलानी ।। मुनि भागीरथ शंभुहिं ध्यायो, तब इक बूंद जटा से पायो ।ताते मातु भई त्रय धारा, मृत्यु लोक, नभ अरु पातारा ।। गई पाताल प्रभावति नामा, मन्दाकिनी गई गगन ललामा । मृत्यु लोक जाह्‌नवी सुहावनि, कलिमल हरणि अगम जग पावनि ।। धनि मइया तव महिमा भारी, धर्म धुरि कलि कलुष कुठारी ।मातु प्रभावति धनि मन्दाकिनी, धनि सुरसरित सकल भयनासिनी ।। पान करत निर्मल गंगाजल, पावत मन इच्छित अनन्त फल ।पूरब जन्म पुण्य जब जागत, तबहिं ध्यान गंगा महं लागत ।। जई पगु सुरसरि हेतु उठावहिं, तइ जगि अश्वमेध फल पावहिं ।महा पतित जिन काहु न तारे, तिन तारे इक नाम तिहारे ।। शत योजनहू से जो ध्यावहिं, निश्चय विष्णु लोक पद पावहिं ।नाम भजत अगणित अघ नाशै, विमल ज्ञान बल बुद्धि प्रकाशै ।। जिमि धन मूल धर्म अरु दाना, धर्म मूल गंगाजल पाना । तव गुण गुणन करत सुख भाजत, गृह गृह सम्पत्ति सुमति विराजत ।। गंगहिं नेम सहित निज ध्यावत, दुर्जनहूं सज्जन पद पावत ।बुद्धिहीन विद्या बल पावै, रोगी रोग मुक्त ह्‌वै जावै।। गंगा गंगा जो नर कहहीं, भूखे नंगे कबहूं न रहहीं ।निकसत की मुख गंगा माई, श्रवण दाबि यम चलहिं पराई।। महां अधिन अधमन कहं तारें, भए नर्क के बन्द किवारे ।जो नर जपै गंग शत नामा, सकल सिद्ध पूरण ह्‌वै कामा ।। सब सुख भोग परम पद पावहिं, आवागमन रहित ह्‌वै जावहिं । धनि मइया सुरसरि सुखदैनी, धनि धनि तीरथ राज त्रिवेणी ।। ककरा ग्राम ऋषि दुर्वासा, सुन्दरदास गंगा कर दासा । जो यह पढ़ै गंगा चालीसा, मिलै भक्ति अविरल वागीसा ।। दोहा नित नव सुख सम्पत्ति लहैं, धरैं, गंग का ध्यान ।अन्त समय सुरपुर बसै, सादर बैठि विमान ॥ सम्वत्‌ भुज नभ दिशि, राम जन्म दिन चैत्र ।पूण चालीसा कियो, हरि भक्तन हित नैत्र ॥ ।।इतिश्री गंगा चालीसा समाप्त।। Tags: Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : May 31, 2024, 10:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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