शादी के लिए रकम जोड़ रहे थे माता-पिता बेटी के थे अरमान निराले फिर जो हुआ
शादी के लिए रकम जोड़ रहे थे माता-पिता बेटी के थे अरमान निराले फिर जो हुआ
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले की शालिनी शुक्ला ने लिंग परिवर्तन कराते हुए अब खुद को शानू शुक्ला बना लिया है. शानू ने अपने शरीर की बनावट भी बदलवा ली है. इसमें शालिनी को कई लाख रुपए खर्च करने पड़े. हालांकि परिवार के हालात इतनी बड़ी रकम खर्च करने की नहीं थी तो शालिनी के परिवार ने दहेज के लिए जोड़ी गई रकम देकर उसके अरमानों को पूरा करवा दिया.
इटावा. शालिनी शुक्ला एक सामान्य लड़की की तरह ही थी और हर माता-पिता की तरह उसके परिजन उसकी शादी के लिए रकम जोड़ रहे थे. इधर, शालिनी को लड़कों के तरह जीवन जीना था तो उसके लिए उसने अपने परिवार से सहमति और सहयोग के बाद लिंग परिवर्तन करवा लिया. कई दिक्कतों का सामना करने के बाद उसने ये लिंग परिवर्तन करवाया है. अब वह जल्द ही डीएम को नए प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन करेगा जिसके बाद वह कानूनी रूप से शानू बन जाएगा.
शालिनी ने जेंडर डिस्फोरिया के तहत लिंग परिवर्तन करवाया है. एक वर्ष से अधिक समय के बाद उसे कई हार्मोंस थेरेपी भी दी गई. सर्जरी से उसके नाजुक अंगों को भी बदल दिया गया है. बता दें, आज के इस वैज्ञानिक युग में हर क्षेत्र में तरक्की हो रही है. वहीं लिंग परिवर्तन भी इस कड़ी का हिस्सा है. जिले के रहने वाले शानू एक वर्ष पूर्व शालिनी हुआ करते थे लेकिन उनको बचपन से लड़कों की तरह जीवन जीना और उनके साथ खेलना पसंद था. जिस वजह से शालिनी ने अपने परिवार को इस बारे में बताया समझाया और उनके सहयोग से वर्ष 2021 से उन्होंने लिंग परिवर्तन के लिए डॉक्टरों के निर्देशन में अपना सपना पूरा करने के लिए कदम रख दिया.
शालिनी की जिद के आगे माता-पिता ने दे दी सहमति
इटावा जिले के सुल्तानपुर ग्राम की 28 वर्षीय शालिनी ने लिंग परिवर्तन कर शानू बन कर जीवन जीने के लिए लिंग परिवर्तन के लिए सर्जरी करवाने की बात अपने परिवार से की तो कुछ असहजता से परिवार ने अपनी प्रतिक्रिया की, लेकिन उनके समझाने पर परिवार की सहमति मिल गई. शानू शुक्ला ने बताया कि जेंडर डिस्फोरिया के तहत बचपन से उसे लड़कों की तरह रहना पसंद था और लड़कों के साथ खेलना समय बिताना अच्छा लगता था. जब उन्हें जेंडर चेंज सर्जरी के बारे में पता चला तो उन्होंने लिंग परिवर्तन करने का निर्णय लिया व परिवार की सहमति और सहयोग मिला. सामाजिक रूप से कभी-कभी लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं मिलीं लेकिन मैं अपना निर्णय ले चुका था.
साइकोलॉजिस्ट की अनुमति जरूरी, हार्मोन थेरेपी के बाद होती है सर्जरी
उन्होंने बताया लिंग परिवर्तन के लिए अलग-अलग चरणों से गुजरना पड़ता है जिसमें पहली प्रक्रिया साइकोलॉजिकल इवोल्यूशन द्वारा होती है जिसमें साइकोलॉजिस्ट की अनुमति जरूरी होती है. उसके बाद हार्मोन थेरेपी फिर सर्जरी की प्रक्रिया होती है. इस प्रोसेस में अभी तक 6 से 7 लाख खर्च हो चुका है. आगे भी करीब इतना पैसा खर्च होगा. जिसके लिए जल्द से जल्द अपने प्रमाण पत्र जिलाधिकारी के यहां आवेदन करके बदलवाना है जिससे वह नौकरी कर सकें. शानू जीएनएम डिप्लोमा किए हुए है इससे पहले दिल्ली के किसी अस्पताल में नौकरी करते थे. लिंग परिवर्तन प्रक्रिया में उनकी जॉब छूट गई. प्रमाण पत्र बनने के बाद जॉब ढूंढेंगे और अपने परिवार का एक बेटे की तरह ध्यान रखेंगे.
ना ही हीन दृष्टि से देखो और सामान्य रूप से अपनाएंं
शानू ने बताया कि मेरे जीवन में लिंग परिवर्तन के बाद मेरा जीवन आत्मविश्वास उत्साह और आनंद से भर गया है और मुझे पहले से बेहतर महसूस हो रहा है. इसीलिए मैं एक बात अवश्य कहूंगा जो लोग लिंग परिवर्तन करना चाहते हैं उन्हें हीन दृष्टि से न देखा जाए. उनकी भावनाओं और वैचारिक स्वतंत्रता का सम्मान सभी को करना चाहिए और ऐसे लोगों को समाज में सामान्य रूप से ही अपनाना चाहिए. फिलहाल शानू के पास कोई जॉब नहीं है तो वह पिता के साथ अपनी खेतीबाड़ी में हाथ बटा रहे हैं.
जेंडर डायस्फोरिया का लक्षण है ये, जेंडर चेंज कराने का लेते हैं फैसला
उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के जनरल सर्जरी विभाग के प्रो डॉ सोमेंद्र पाल ने बताया कि जेंडर डायस्फोरिया के लक्षण के कारण अक्सर लड़की, लड़के की तरह और लड़का, लड़की की तरह जीना चाहते हैं. लेकिन समाज के डर से वह इन बदलावों को बताने से डरते हैं और जब वह अपने जीवन को सामान्य बनाना चाहते हैं तब वह जेंडर चेंज के लिए सर्जरी का फैसला लेते हैं. हालांकि जेंडर चेंज करने वालों को समाज में अलग-अलग नजरिए से देखा जाता है और लोग उनसे कई सवाल भी करते हैं.
21 साल से अधिक उम्र जरूरी, फिर से बनाए जाते हैं सर्टिफिकेट
डॉ सोमेंद्र ने बताया जेंडर चेंज सर्जरी प्रक्रिया में मनोरोग विशेषज्ञ,सर्जन, गाइनेकोलॉजिस्ट और न्यूरोसर्जन भी मौजूद रहते हैं और इस सर्जरी के लिए कम से कम 21 साल से अधिक की उम्र होनी चाहिए. जेंडर बदलने के बाद जेंडर बदलने वाले व्यक्ति के प्रमाण पत्र फिर से बनाए जाते हैं. इसके लिए डॉक्टर से लिखित प्रमाण पत्र और डीएम से अनुमति लेनी पड़ती है फिर आधार कार्ड, पासपोर्ट व अन्य प्रमाण पत्र में नई पहचान दर्ज होती है. इसमें नई फोटो के साथ नया नाम भी दर्ज होता है.
Tags: Etawa news, Etawah news, Firozabad News, Gender descrimination, Hindi samachar, Shocking news, Today news Etawah, Up news live todayFIRST PUBLISHED : June 8, 2024, 21:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed