यूपी के इस सफारी पार्क ने रचा इतिहास तीन शावकों को ऐसे दिया नया जीवन
यूपी के इस सफारी पार्क ने रचा इतिहास तीन शावकों को ऐसे दिया नया जीवन
इटावा सफारी पार्क में फिलहाल तीन शावकों को बोतल के दूध से जीवन देने की कोशिश चल रही है. इनमें से पिछले साल जन्मा शावक तो अब पूरी तरह से सुरक्षित है. जबकि इसी साल जन्मे दो शावक अभी बाड़े में रखे गए हैं. तीनों शावको के लिए मां की भूमिका में कीपर अजय सिंह और आसिफ को पोस्ट किया गया है. शावकों को दूध के अलावा पड्डे के सूप और अंडा अंडे दिया जा रहा है.
इटावा. दुनिया भर में एशियाई शेरों के सबसे बड़े आशियाने के रूप में लोकप्रिय उत्तर प्रदेश के इटावा सफारी पार्क में इतिहास रचा गया है. यह इतिहास ऐसे ही नहीं रचा गया है बल्कि इसके लिए सफारी प्रबंधन ने कड़ी मेहनत की है. जिसका यह नतीजा है कि एक नहीं बल्कि तीन-तीन शावकों को बोतल के दूध पिलाकर जीवन बचाया गया है. एक साथ तीन शावकों को बोतल के दूध से जीवन संवारने की इस घटना को ऐतिहासिक वाक्या सफारी प्रबंधन मान कर चल रहा है.
इटावा सफारी पार्क में तीन शावकों को मिला नया जीवन
इटावा सफारी पार्क के अधिकारियों और कर्मियों की मेहनत का यह नतीजा है कि बोतल के दूध के सहारे एक नहीं बल्कि तीन-तीन शावकों को नया जीवन मिल गया है. देश में शावकों को बिना शेरनी की दूध के जीवन मिलने का यह पहला वाक्या माना जा रहा है. सफारी प्रबंधन के अधिकारी इसे किसी चमत्कार से काम नहीं मान रहे हैं. पिछले साल 3 सितम्बर को कान्हा और रूपा की मैटिंग से जन्मे शावक को शेरनी रूपा ने अपना दूध पिलाने के बजाय शावकों से दूरी बना ली थी. इसके बाद सफारी प्रबंधन ने बोतल के दूध के सहारे जीवन देने की कोशिश शुरू की. इस कोशिश में सफारी प्रबंधन कामयाब भी हुआ है क्योंकि सफारी में इस शावक को अब जमकर मौज मस्ती करते हुए देखा जा सकता है.
शावकों को शेरनी नहीं पिला रही थी दूध
करीब एक साल के इस शावक को सफारी में मौज-मस्ती करते हुए देखे जाने के बाद यह कहा जाने लगा है कि अब इस शावक का जीवन पूरी तरह से सुरक्षित है. इसी साल 1 जून को कान्हा ओर नीरजा की मैटिंग से जन्मे दोनों शावकों को शेरनी ने अपने से दूर कर दूध ना पिलाने का निर्णय लिया. जिसके बाद सफारी के अधिकारियों और कर्मियों ने बोतल दूध का सहारा लिया है. करीब तीन महीने की जीवन यात्रा पूरी करने जा रहे दोनों शावक इस समय अपने बाड़े में घूमते-फिरते हुए दिखाई देते हैं. सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से अधिकारी दोनों शावकों की निगरानी की जा रही है.
तीनों शावकों पर विशेषज्ञ रख रहे हैं नजर
तीनों शावकों की निगरानी के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की मदद भी ली जा रही है. पशुपालन विभाग के विशेषज्ञ डॉ.आरके सिंह की स्पेशल तौर पर इटावा सफारी पार्क में तैनाती की गई है. इसके अलावा इटावा सफारी पार्क के सलाहकार गुजरात सरकार से सेवा मुक्त हो चुके डॉ. सीएन भुआ और इटावा सफारी पार्क के डॉ. रॉबिन यादव निगरानी में जुटे हुए हैं. इटावा सफारी पार्क के उपनिदेशक डॉ. विनय कुमार सिंह ने लोकल 18 को बताया कि एशियाई शेर बेहद समझदार होते हैं. उसे लगता है कि उसके शावक का जीवन सुरक्षित नहीं है तो शेरनी दूध पिलाने के बजाये अपने से दूर कर देती है. इसके इतर कमजोर शावक होने के कारण कभी कभी शेरनी शावकों को अपने से अलग कर देती है.
शावकों को दूध के आलवा मिल रहा है पौष्टिक आहार
इटावा सफारी पार्क में फिलहाल तीन शावकों को बोतल के दूध से जीवन देने की कोशिश चल रही है. इनमें से पिछले साल जन्मा शावक तो अब पूरी तरह से सुरक्षित है. जबकि इसी साल जन्मे दो शावक अभी बाड़े में रखे गए हैं. तीनों शावको के लिए मां की भूमिका में कीपर अजय सिंह और आसिफ को पोस्ट किया गया है. तीनों शावकों को स्पेशल दूध के अलावा पड्डे के सूप के साथ-साथ खाने में अंडे का सफेद हिस्सा दिया जा रहा है ताकि शावकों का शरीर दूसरे शावकों की माफिक मजबूत बन सके.
शावकों की देखरेख करने वाले को मिला इनाम
शेरनी नीरजा के शावक के लिए मां की भूमिका निभा रहे इटावा सफारी पार्क के कीपर अजय सिंह के कामकाज से खुश होकर सफारी प्रबंधन ने पांच हजार रुपए का इनाम दिया गया है. निदेशक डॉ.अनिल पटेल ने बताया कि शेरनी रूपा ने जिस शावक को छोड़ दिया था, वह पूरी तरह स्वस्थ है. उसकी बेहतर से बेहतर देखभाल की जा रही है. इस शावक की देखभाल करने वाले कीपर अजय सिंह को फिर नगद परस्कार के साथ प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है.
Tags: Etawah Lion Safari, Etawah news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 24, 2024, 17:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed