बीमारी से पीड़ित बच्चों को सुनाती हैं कहानियां जानें क्यों बोलते हैं नानी
बीमारी से पीड़ित बच्चों को सुनाती हैं कहानियां जानें क्यों बोलते हैं नानी
दादी और नानी की लोरी के बारे में तो मौजूदा दौर के बच्चे पूरी तरह से अंजान हैं. बच्चों को बस मोबाइल फोन और वीडियो गेम ही अच्छा लगता है. ऐसे में नोयडा की एक बुजुर्ग महिला गंभीर बीमारी से जूझ रहे बच्चों और एनजीओ में पढ़ने वाले बच्चों को कविता और कहानियां सुनाती हैं.
सुमित राजपूत/नोएडा: जब से हर एक हाथ में मोबाइल आया है, तब से बच्चों को नानी, दादी और घर के बुजुर्गो की कहानी और कविता सुनने के लिए बच्चे महरूम रहते हैं, लेकिन आज भी नोएडा में एक ऐसी बुजुर्ग महिला हैं, जो अस्पतालों में गंभीर बीमारी से जूझ रहे बच्चे, एनजीओ में पढ़ने वाले हों या फिर अनाथालय में रहने वाले बच्चे सब इनकी कविता और कहानी सुनने को आतुर रहते हैं. इन्हें आते हुए देख सभी बच्चों के चहरे से खुशी झलकती है और बोलते हैं की नानी आ गई. बच्चों की नानी ने बताया कि वो फिलहाल अपने पति के नाम पर बच्चों के लिए बुक्स क्लब भी चलाती हैं.
घातक बीमारी और अनाथ बच्चों को मिलती है खुशी
बता दें कि टेक्निकल के जमाने और भाग दौड़ भरी जिंदगी में आजकल किसके पास समय है, कि कोई अपने घर के बच्चो को कहानी और कविता सुनाएं. ये उनके लिए और ज्यादा मुश्किल है, जो बच्चे अनाथ हैं, अनाथालय आश्रम में अपना समय व्यतीत कर रहे हैं या फिर कैंसर जैसी घातक बीमारी से अस्पताल में बीमारी से लड़ रहे हैं.
उन्हें उस दुख-चिंता से कैसे दूर कर सकते हैं. नोएडा सेक्टर 93 स्थित ATS विलेज सोसाइटी निवासी करीब 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला के पति की कैंसर के चलते 2019 में डेथ हो गई थी. आज बुजुर्ग महिला इन बच्चों के साथ अपना समय व्यतीत करती हैं. इसके साथ ही उनकी खुशी का जरिया भी बनती हैं. जिससे उन्हें हर बच्चा कहानी वाली नानी कहकर बुलाता है.
बुक्स क्लब भी चलाती हैं बच्चों की नानी
अर्चना आरती नाम की इस बुजुर्ग महिला को हर कोई बच्चों की नानी नाम से जानता है. बुजुर्ग महिला ने बताया कि उसके पति आदित्य के गुजरने के बाद उन्हें लगा कहीं समाज सेवा करनी चाहिए, फिर उनका दिमाग इन बच्चों की तरफ गया. तब से वह लगातार अस्पताल, अनाथालय या फिर एनजीओ में जाकर बच्चों को लगातार कहानी और कविताएं सुना रही हैं.
बुजुर्ग महिला ने बताया कि वह चाहती हैं कि बच्चे अपने दर्द और चिंता से बाहर निकल सकें. इसके साथ ही वह एक बुक क्लब भी चलाती हैं. बच्चों की कहानी वाली नानी ने बताया कि पीजीआई में दर्जनों बच्चे कैंसर जैसी बीमारी से लड़ रहे हैं. उन्होंने वहां एक बुक्स लाइब्रेरी भी बनाई है. जहां हर महीने किसी न किसी बच्चे का जन्मदिन होता है, तो सभी बच्चे मिलकर उनकी कहानी भी सुनते हैं और खूब एंजॉय करते हैं.
FIRST PUBLISHED : May 23, 2024, 13:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed