सूखे बुंदेलखंड के लिए वरदान है घास की ये 3 किस्मेंखत्म होगी चारे की समस्या
सूखे बुंदेलखंड के लिए वरदान है घास की ये 3 किस्मेंखत्म होगी चारे की समस्या
डॉ. पांडेय ने कहा कि किसानों को अपनी खाली या बंजर जमीन पर ऐसी घास उगानी चाहिए जो गर्मी के मौसम में भी आसानी से उग सके. इनमें मुख्य रुप से हाथी घास, सूडान घास और नेपियर घास शामिल हैं. इन सभी घास को खाने के बाद पशुओं के दूध उत्पादन की क्षमता बढ़ जाती है.
शाश्वत सिंह/झांसी. बुंदेलखंड क्षेत्र की तमाम समस्याओं में से एक है अन्ना प्रथा. यह प्रथा पिछले कई सदियों से चली आ रही है. सूखे बुंदेलखंड में किसानों के लिए खेती करना पहले ही बहुत मुश्किल होता है. ऐसे में जानवरों के लिए चारा इकट्ठा करना बहुत मुश्किल होता है. इसलिए किसान अपने जानवरों को सड़क पर छोड़ देते हैं. जिससे वह खुद चारे का इंतजाम कर सकें.
बुंदेलखंड के कृषि वैज्ञानिक लंबे समय से ऐसी चारे की फसल पर काम कर रहे हैं जो यहां के सूखे वातावरण में आसानी से उग सके. कृषि विशेषज्ञ डॉ. संतोष पांडेय ने बताया कि बुंदेलखंड में सूखे की वजह से गर्मी के मौसम में जानवरों को चारा नहीं मिल पाता है. इसके लिए किसानों को ऐसे पौधे लगाने चाहिए जिसमें पत्तियां ज्यादा उगती हो. इन पत्तियों को पशुओं के चारे के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
इन किस्मों का करें इस्तेमाल
डॉ. पांडेय ने कहा कि किसानों को अपनी खाली या बंजर जमीन पर ऐसी घास उगानी चाहिए जो गर्मी के मौसम में भी आसानी से उग सके. इनमें मुख्य रुप से हाथी घास, सूडान घास और नेपियर घास शामिल हैं. इन सभी घास को खाने के बाद पशुओं के दूध उत्पादन की क्षमता बढ़ जाती है. हाथी घास में खास तौर से एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो खतरनाक जहर को खत्म करके संक्रमण को रोकते हैं. इसी प्रकार नेपियर घास भी हर 50 दिन में तैयार हो जाती है. इसे बेचकर भी किसान हर महीने में 15 से 20 हजार रुपए कमा सकते हैं. सूडान घास भी पशुओं के दुग्ध उत्पादन के लिए अच्छा माना जाता है.
आधुनिक मशीनों का भी करें इस्तेमाल
डॉ. संतोष पांडेय ने कहा कि किसानों को खेती में इस्तेमाल होने वाली आधुनिक मशीनों का भी इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों को सेमी कंबाइन का प्रयोग करना चाहिए. यह मशीन फसल अलग करने के साथ ही भूसा भी तैयार करती है. किसानों को ऐसी मशीनों का इस्तेमाल करना चाहिए. अगर इसका इस्तेमाल नहीं करेंगे तो अन्ना प्रथा की समस्या बढ़ती ही जाएगी.
Tags: Agriculture, Jhansi news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 18, 2024, 08:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed