खरपतवार नाशक के छिड़काव के समय रखें इन बातों का ध्यान
खरपतवार नाशक के छिड़काव के समय रखें इन बातों का ध्यान
किसान मजदूर लगाकर भी खरपतवारों को नष्ट करते हैं. इसके अलावा किसान खरपतवार नाशक ग्लाइफ़ोसेट (Glyphosate) का इस्तेमाल करते हैं. जिससे खरपतवारों को नष्ट किया जा सकता है. लेकिन इस खरपतवार नाशक का इस्तेमाल करते समय किसानों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है, अन्यथा खेत में मौजूद मुख्य फसल को भारी नुकसान हो सकता है.
शाहजहांपुर : खरपतवार किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है. खेत के बीच फसल में मौजूद खरपतवार पौधों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं. जिससे मुख्य फसल को दिए जाने वाले पोषक तत्व का एक बड़ा हिस्सा खरपतवार ले लेते हैं. जिनको नष्ट करने के लिए किसान तमाम तरीके की उपाय करते हैं, लेकिन खेत किनारे मेड़ों या फिर नाली में मौजूद खरपतवार भी किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती हैं. इन खरपतवारों को नष्ट करते समय किसानों को कुछ सावधानियां रखने की जरूरत है.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ एनपी गुप्ता ने लोकल 18 को बताया कि मेड और नाली पर उगने वाले खरपतवार किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती है. इन खरपतवारों को नष्ट करने के लिए यांत्रिक विधि अपनाई जाती है. जोकि काफी महंगी है. किसान मजदूर लगाकर भी खरपतवारों को नष्ट करते हैं. इसके अलावा किसान खरपतवार नाशक ग्लाइफ़ोसेट (Glyphosate) का इस्तेमाल करते हैं. जिससे खरपतवारों को नष्ट किया जा सकता है. लेकिन इस खरपतवार नाशक का इस्तेमाल करते समय किसानों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है, अन्यथा खेत में मौजूद मुख्य फसल को भारी नुकसान हो सकता है. ग्लाइफ़ोसेट एक खरपतवार नाशक है, जिसका इस्तेमाल चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों और घासों को मारने के लिए किया जाता है.
मेड पर ऐसे करें छिड़काव
डॉ. एनपी गुप्ता ने लोकल 18 को बताया कि ग्लाइफ़ोसेट का छिड़काव करते समय ध्यान रखें कि ग्लाइफ़ोसेट का घोल मेड के अंदर खेत में मौजूद मुख्य फसल के पौधों पर न जाए, अगर यह खरपतवार नाशक दवा मुख्य पौधों के ऊपर गिर जाती है, तो पौधे नष्ट हो जाएंगे. ध्यान रखें की दवा नाली से बाहर ना जा पाए.
75 दिनों तक न करें फसल की बुवाई
डॉ. एनपी गुप्ता ने लोकल 18 को बताया कि खरपतवार नाशक ग्लाइफ़ोसेट का इस्तेमाल किसान खाली खेत में उगने वाले खरपतवारों को नष्ट करने के लिए भी करते हैं. किसान ध्यान रखें कि खेत में अगर इस खरपतवार नाशक का छिड़काव करते हैं तो 60 से 75 दिनों तक खेत में कोई भी फसल ना लगाएं. अगर किसान इन बातों का ध्यान नहीं रखते तो खेत में बोई हुई फसल का जमाव प्रभावित होगा. पौधों का विकास नहीं होगा. जिसे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसके अलावा मिट्टी के संपर्क में आने से मिट्टी में मौजूद हो सकता पोषक तत्व भी नष्ट हो जाएंगे.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 14:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed