कन्नौज के गुलाब इत्र की खुशबू है निराली विदेश तक मशहूर है सुगंध

Rose Perfume in Kannauj: इत्र की खुशबू के लिए कन्नौज पूरे देश में मशहूर है. यहां एक से बढ़कर एक इत्र तैयार किए जाते हैं, जिसमें कुछ इत्रों की खुशबू सालों साल तक जानी जाती है. यहां के व्यापारियों द्वारा बताया जाता है कि यहां का प्रमुख गुलाब का इत्र है, जो सैकड़ों सालों से बनाया जा रहा है. जिसकी मांग देश के साथ ही विदेश में भी है.

कन्नौज के गुलाब इत्र की खुशबू है निराली विदेश तक मशहूर है सुगंध
अंजली शर्मा/कन्नौज: उत्तर प्रदेश के कन्नौज में हजारों सालों से व्यापारियों द्वारा इत्र का कारोबार किया जा रहा है. वहीं, कन्नौज में कई प्रमुख फूलों से भी इत्र बनाया जाता है. इन सभी फूलों में से एक फूल ऐसा है, जिससे इत्र की शुरुआत हुई. वह कोई और फूल नहीं गुलाब का फूल है. कन्नौज के इत्र उद्योग का बेस गुलाब है, सबसे ज्यादा गुलाब का इत्र की देश के साथ-साथ पूरे विश्व में डिमांड है. गुलाब का इत्र, गुलाब जल और गुलकंद यह कन्नौज के इत्र की प्रमुख पहचान है. सबसे पहले बना इस फूल का इत्र कन्नौज के इत्र व्यापारियों का मानना है कि यहां का कारोबार लगभग 5000 साल से होता चला आ रहा है. यहां पर इत्र व्यापार की शुरुआत राजा महाराजाओं के काल से चली आ रही है. ऐसा माना जाता है कि उस जमाने में जब राजा और उनकी पत्नियां एक तालाब में स्नान करने जाती थी. जिसमें फूलों को डाला जाता था. वहीं, से गुलाब के फूल में एक तरल पदार्थ महसूस हुआ. जिसके बाद उस पर शोध हुआ तो उसमें एक विशेष प्रकार की खुशबू निकाली गई और फिर कन्नौज के ही लोगों ने ही डेग और भड़का पद्धति से इत्र उद्योग की शुरुआत की. जानें क्या है नाम कन्नौज में होने वाले चीनी गुलाब और हसायन में होने वाले दमस गुलाब से अच्छी क्वालिटी का इत्र बनता है. कन्नौज का चीनी गुलाब, गुलकंद और गुलाब जल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तो वहीं, दमस गुलाब से सबसे अच्छी क्वालिटी का इत्र निकलता है. जानें क्या होती कीमत कन्नौज में सबसे पहले इत्र गुलाब के फूल से ही बना था. ऐसे में इसकी डिमांड सबसे ज्यादा रहती है. वहीं, इसकी कीमत इसकी क्वालिटी के आधार पर निर्भर करती है. गुलाब की रूह की कीमत 20 लाख रुपए किलो तक पहुंच जाती है. वहीं, गुलाब के इत्र की कीमत भी लगगभ 5 लाख रुपए से ऊपर रहती है. जानें क्या बोले इत्र व्यापारी इत्र व्यापारी निशिष तिवारी बताते हैं कि कन्नौज का इत्र उद्योग बहुत बड़े पैमाने पर गुलाब पर डिपेंड करता है. गुलाब ही वह फूल है, जिससे सबसे पहले कन्नौज का इत्र बना और आज सबसे ज्यादा गुलाब के ही इत्र की डिमांड है. गुलाब के इत्र में कई तरह की खासियत होती है. वह सभी इत्रों से मिलकर एक नया फ्लेवर तैयार कर देता है. गुलाब का इत्र खाने में भी प्रयोग होता है. वहीं, गुलाब से गुलकंद और गुलाब जल भी बनता है. इस वजह से इसकी कीमत 20 लाख रुपए तक पहुंच जाती है. Tags: Kannauj news, Local18FIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 09:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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