बच्चे को मिल जाएगा शहर के टॉप स्कूल में एडमिशन बस इन 5 बातों का रखें ख्याल

School Admission: दिल्ली, यूपी, हरियाणा समेत ज्यादार स्कूलों में नर्सरी और क्लास 1 में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. बच्चे के एडमिशन के लिए बेस्ट स्कूल चुन पाना आसान नहीं है. इसके लिए काफी रिसर्च करनी पड़ती है. अगर आप भी अपने बजट के टॉप स्कूल में बच्चे का एडमिशन करवाना चाहते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

बच्चे को मिल जाएगा शहर के टॉप स्कूल में एडमिशन बस इन 5 बातों का रखें ख्याल
नई दिल्ली (Nursery School Admission). दिल्ली नर्सरी स्कूल एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो गई है. देश की राजधानी के साथ ही यूपी, हरियाणा समेत अन्य राज्यों के स्कूलों में भी एडमिशन प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है. शहर के टॉप स्कूल में बच्चे का एडमिशन करवा पाना आसान नहीं है. इसके लिए कई फैक्टर्स को ध्यान में रखना जरूरी है. लेकिन शहर का टॉप स्कूल आपके बच्चे के लिए कितना सही है, इसका फैसला आपके सिवाय और कोई नहीं कर सकता है. किसी भी शहर में स्कूलों की कमी नहीं है. ऐसे में बेस्ट स्कूल चुन पाना काफी मुश्किल हो जाता है. किसी भी स्कूल में बच्चे का एडमिशन करवाते समय अपने बजट, लोकेशन, वहां के एकेडमिक रिकॉर्ड समेत कई बातों को ध्यान में रखना चाहिए (School Admission Guidelines for Parents). आपकी एक छोटी सी गलती भी बच्चे के भविष्य पर भारी पड़ सकती है. एडमिशन के बाद कोई समस्या होने पर बच्चे को तुरंत वहां से निकालकर कहीं और एडमिशन दिलवा पाना आसान नहीं होता है. 1- घर और स्कूल के बीच कितनी दूरी है? स्कूल में बच्चे का एडमिशन करवाने से पहले घर और स्कूल के बीच की दूरी चेक कर लें. आप अपने घर से कुछ किलोमीटर की दूरी वाले स्कूलों की लिस्ट तैयार कर लें. घर से स्कूल की दूरी जितनी कम होगी, उतना ही बच्चे और आपके लिए ठीक रहेगा. इससे आप दोनों का समय बचेगा, थकान कम होगी और ट्रांसपोर्टेशन का खर्च भी बचेगा. शिक्षा विभाग का नियम भी स्कूल के पास रहने वाले बच्चों को एडमिशन में प्राथमिकता देने की बात करता है. कोई जरूरत होने पर स्कूल तुरंत पहुंच पाना भी आसान रहेगा. यह भी पढ़ें- दिल्ली में नर्सरी एडमिशन की दौड़ शुरू, किस आधार पर मिलेगा दाखिला? 2- स्कूल का रिकॉर्ड कैसा है? किसी स्कूल में बच्चे का एडमिशन करवाने से पहले वहां का एकेडमिक रिकॉर्ड चेक कर लें (School Academic Record). यह जानकारी स्कूल की वेबसाइट के साथ ही वहां पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स व उनके पेरेंट्स से मिल सकती है. वहां पढ़ा रहे किसी टीचर को जानते हैं तो उनसे भी बात कर सकते हैं. स्कूल में पढ़ाई के साथ ही एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज और एक्सपोजर की भी जानकारी जुटा लें. बच्चों का ओवरऑल डेवलपमेंट जरूरी है और इसकी शुरुआत स्कूल में प्राइमरी एजुकेशन के साथ हो जाती है. 3- स्कूल कैसा है? बच्चे का स्कूल में एडमिशन करवाने से पहले वहां का इंफ्रास्ट्रक्चर भी देख लें. स्कूल सुंदर और बड़ा है लेकिन अगर उसके अंदर काम लायक लैब, कुर्सी-मेज आदि नहीं हैं तो उस स्कूल में एडमिशन करवाने का कोई फायदा नहीं है (School Infrastructure). किसी भी टॉप स्कूल की बड़ी और हवादार बिल्डिंग के अंदर स्पोर्ट्स ग्राउंड, कंप्यूटर लैब, साइंस लैब, ऑडिटोरियम, एम्फीथिएटर, स्मार्टक्लास आदि होने चाहिए. इसके साथ ही वहां का सिक्योरिटी सिस्टम भी जबरदस्त होना चाहिए. 4- स्कूल फीस का बजट कितना है? शहर के टॉप स्कूल में बच्चे का एडमिशन करवाते समय अपने बजट का भी ध्यान रखें (Education Budget). अपनी कमाई और बाकी जरूरतों के अनुसार ही बेस्ट स्कूल चुनें. अपने आस-पास के लोगों की देखा-देखी महंगे स्कूल में एडमिशन करवाकर लोग कई बार फंस जाते हैं और यह दो-तीन महीने की फीस भरने के बाद ही पता चल पाता है. इस बात को भी समझ लें कि स्कूल में पढ़ाने का खर्च सिर्फ फीस तक सीमित नहीं होता है. स्कूलों से बीच-बीच में कई अलग-अलग तरह की डिमांड्स आती रहती हैं. यह भी पढ़ें- दिल्ली, नोएडा, मणिपुर, तमिल नाडु.. कहां खुले स्कूल, कहां अभी भी हैं बंद? 5- आने-जाने की क्या व्यवस्था है? अगर माता और पिता, दोनों वर्किंग हैं तो बच्चे को स्कूल छोड़ने और वहां से लाने की जिम्मेदारी आपस में बांट लें. ज्यादातर पेरेंट्स बच्चों के लिए स्कूल बस या वैन की वयवस्था करते हैं. अगर आप भी यही प्लान कर रहे हैं तो स्कूल फीस पता करते समय ट्रांसपोर्टेशन फीस और पिकअप व ड्रॉप पॉइंट्स की जानकारी भी जुटा लें (School Transportation and Safety Measures). इस सुविधा का फायदा तभी उठाएं, जब आप सिक्योरिटी को लेकर 100 परसेंट श्योर हो जाएं. Tags: Admission Guidelines, Nursery Admission, School Admission, School educationFIRST PUBLISHED : November 29, 2024, 13:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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