MBA और MCA में क्या अंतर है लाखों की सैलरी के लिए किस कोर्स में लें एडमिशन

MBA vs MCA: बीबीए या बीसीए कोर्स की पढ़ाई करने के बाद मास्टर्स किसमें करें, यह फैसला लेना आसान नहीं होता है. बैचलर्स की डिग्री हासिल करने के बाद ज्यादातर स्टूडेंट्स एमबीए या एमसीए कोर्स में एडमिशन लेते हैं. लेकिन आपके लिए इन दोनों में से कौन सा कोर्स ज्यादा बेहतर रहेगा, जानिए यहां.

MBA और MCA में क्या अंतर है लाखों की सैलरी के लिए किस कोर्स में लें एडमिशन
नई दिल्ली (MBA vs MCA Difference). करियर में ग्रोथ के बेहतर ऑप्शन के लिए बैचलर्स की डिग्री हासिल करने के बाद मास्टर्स करने की सलाह दी जाती है. पढ़ाई खत्म करते ही बेहतरीन सैलरी वाली नौकरी करना चाहते हैं तो एमबीए या एमसीए कोर्स में एडमिशन लेना अच्छा ऑप्शन है. कई स्टूडेंट्स एमबीए और एमसीए के बीच कंफ्यूज्ड रहते हैं. उन्हें समझ नहीं आता है कि बीबीए या बीसीए के बाद एमबीए में एडमिशन लें या एमसीए में. एमबीए और एमसीए, दोनों ही मास्टर्स डिग्री कोर्स हैं. इनमें एडमिशन लेकर अपने करियर को नई दिशा दी जा सकती है. एमबीए और एमसीए में कई बारीक अंतर हैं, जिनकी जानकारी आपको जरूर होनी चाहिए. इससे करियर के लिए बेस्ट फैसला लेना आसान हो जाता है. एमबीए और एमसीए के सिलेबस में भी काफी फर्क है. साथ ही दोनों के लिए एंट्रेंस एग्जाम और योग्यता व स्किल्स भी अलग-अलग निर्धारित किए गए हैं. जानिए एमबीए और एमसीए में क्या अंतर है. What is MBA Syllabus: एमबीए (मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) क्या है? एमबीए यानी मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन सिलेबस में बिजनेस मैनेजमेंट पर फोकस किया जाता है. एमबीए में फाइनेंस, मार्केटिंग, ह्यूमन रिसोर्स और ऑपरेशन मैनेजमेंट जैसे विषयों में स्पेशलाइजेशन करवाया जाता है. एमबीए कोर्स की अवधि 2 साल निर्धारित की गई है. बीबीए, बीए, बीसीए, बीटेक जैसे बैचलर डिग्री कोर्स की पढ़ाई करने के बाद एमबीए में एडमिशन ले सकते हैं. इसके लिए थीसिस/प्रोजेक्ट वर्क पूरा करने की ज्यादा जरूरत नहीं है. यह भी पढ़ें- MBA और PGDM में क्या अंतर है? कितनी लगेगी फीस और कितनी मिलेगी सैलरी? What is MCA Syllabus: एमसीए (मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लिकेशंस) क्या है? एमसीए का फुल फॉर्म मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लिकेशंस है. एमसीए सिलेबस में कंप्यूटर एप्लिकेशंस पर ही खास तौर पर फोकस किया जाता है. एमसीए सिलेबस में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डेटाबेस, नेटवर्किंग, और वेब टेक्नोलॉजी जैसे विषयों की पढ़ाई करवाई जाती है. यह 2 साल का कोर्स है लेकिन इंटर्नशिप और ट्रेनिंग आदि मिलाकर 3 साल का हो जाता है. बीसीए, बीएससी (कंप्यूटर साइंस) या समकक्ष डिग्री हासिल करने के बाद एमसीए में एडमिशन ले सकते हैं. इसमें थीसिस/प्रोजेक्ट वर्क जरूरी है. यह भी पढ़ें- MCA और MTech में क्या अंतर है? सिलेबस से लेकर सैलरी तक में जानें फर्क Difference Between MBA and MCA: एमबीए और एमसीए में क्या अंतर है? एमबीए और एमसीए कोर्स में कई बड़े अंतर हैं. दोनों में से किसी में भी एडमिशन लेने से पहले आपको इनके बीच के फर्क पता होने चाहिए. 1. कोर्स अवधि – एमबीए: 2 साल – एमसीए: 2.5 से 3 साल 2. विशेषज्ञता क्षेत्र – एमबीए: बिजनेस मैनेजमेंट, फाइनेंस, मार्केटिंग, ह्यूमन रिसोर्स – एमसीए: कंप्यूटर एप्लिकेशंस, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डेटाबेस, नेटवर्किंग 3. प्रवेश मानदंड – एमबीए: बैचलर डिग्री (किसी भी विषय में) – एमसीए: बीसीए, बीएससी (कंप्यूटर साइंस) या समकक्ष डिग्री यह भी पढ़ें- बीबीए और बीकॉम में क्या अंतर है? किस कोर्स के बाद तुरंत मिल जाएगी नौकरी? 4. थीसिस/प्रोजेक्ट वर्क – एमबीए: थीसिस/प्रोजेक्ट वर्क जरूरी नहीं – एमसीए: थीसिस/प्रोजेक्ट वर्क जरूरी है 5. करियर ऑप्शन – एमबीए: बिजनेस मैनेजमेंट, फाइनेंस, मार्केटिंग, ह्यूमन रिसोर्स – एमसीए: सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डेटाबेस, नेटवर्किंग, वेब टेक्नोलॉजी 6. सैलरी पैकेज – एमबीए: औसत वेतन 8-12 लाख रुपये सालाना – एमसीए: औसत वेतन 6-10 लाख रुपये सालाना 7. कोर्स फीस: – एमबीए: 2-5 लाख प्रति वर्ष – एमसीए: 1-3 लाख प्रति वर्ष 8. सिलेबस – एमबीए सिलेबस: बिजनेस मैनेजमेंट, अकाउंट्स, फाइनेंस, मार्केटिंग, ह्यूमन रिसोर्स – एमसीए सिलेबस: कंप्यूटर एप्लिकेशंस, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डेटाबेस, नेटवर्किंग 9. नौकरी के अवसर – एमबीए: विभिन्न इंडस्ट्रीज में करियर अवसर – एमसीए: आईटी और सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में करियर अवसर 10. भविष्य की संभावनाएं – एमबीए: सीनियर मैनेजमेंट, Entrepreneurship – एमसीए: सॉफ्टवेयर डेवलपर, आईटी कंसल्टेंट, डेटा साइंटिस्ट Tags: Career Guidance, Career Tips, Job and careerFIRST PUBLISHED : October 2, 2024, 05:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed