पूर्वोत्तर के 4 राज्यों के परिसीमन पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस
पूर्वोत्तर के 4 राज्यों के परिसीमन पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस
उच्चतम न्यायलय ने चार पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर और नगालैंड में परिसीमन के लिए निर्देश वाली याचिका का सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और जिम्मेदार एजेंसी को नोटिस जारी किया है. याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने किया.
हाइलाइट्सइन चार राज्यों में 1951 से अभी तक कोई परिसीमन नहीं हुआ है. निर्वाचन आयोग को जनप्रतिनिधत्व कानून 1950 के तहत पूर्वोत्तर के चार राज्यों के परिसीमन का आदेश गया है
नई दिल्ली.निर्वाचन आयोग को जनप्रतिनिधत्व कानून 1950 के तहत पूर्वोत्तर के चार राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर और नगालैंड में परिसीमन कराने का निर्देश दिए जाने का आग्रह करने वाली याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र और अन्य को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांगा. ‘डीलिमिटेशन डिमांड कमेटी’ की याचिका पर न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, कानून और न्याय मंत्रालय, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य को नोटिस जारी किया.
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपालशंकर नारायण ने 28 फरवरी 2020 के राष्ट्रपति के आदेश का हवाला दिया, जिसमें 4 पूर्वोत्तर राज्यों में परिसीमन अभ्यास करने की अनुमति दी गई थी. उन्होंने आगे न्यायलय को बताया कि राज्यों के परिसीमन के लिए 2021 में भारत के प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौपा था,लेकिन पीएमओ के तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है.
इस याचिका में परिसीमन अधिनियम, 2002 के प्रावधान और जनप्रतिनिधित्व (संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 8ए के तहत एक परिसीमन आयोग के गठन का निर्देश दिए जाने का भी आग्रह किया गया है. याचिका में कहा गया है कि असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड में पिछले 51 वर्षों से परिसीमन की कवायद नहीं की गई है.
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Tags: Supreme CourtFIRST PUBLISHED : July 25, 2022, 18:29 IST