लड़की होकर कैब चलाती हो इतना ही नहीं साहब ये घर भी चलाती हैं कुछ अलग है कविता-शिवानी की कहानी
लड़की होकर कैब चलाती हो इतना ही नहीं साहब ये घर भी चलाती हैं कुछ अलग है कविता-शिवानी की कहानी
महिलाएं आज अंतरिक्ष में जा पहुंची हैं, लेकिन देश में अभी भी कुछ बातों को लेकर भेदभाव खत्म नहीं हुआ है. लेकिन इन सब के बीच भी दिल्ली की कविता और शिवानी दो ऐसी महिलाएं हैं जो राजधानी की सड़कों पर फर्राटे से अपनी कैब दौड़ा रही हैं, तानें जरूर सुनने को मिलते हैं लेकिन इनका हौसला कभी डिगा नहीं है.
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हाइलाइट्सकविता और शिवानी अपने परिवार की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं.उनका कहना है कि लोगों के तानों से दुख होता है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो हौसला बढ़ाते हैं.
नई दिल्ली. महिलाएं आजकाल हर एक क्षेत्र में बेहतर कर रही हैं लेकिन आज भी कई जगहों पर भेदभाव कम नहीं हुआ है. ऐसे ही भेदभाव को झेलते हुए भी पूरी हिम्मत के साथ अपना काम करती कविता और शिवानी की कहानी भी कुछ अलग ही है. दोनों को ही हर दिन में दो तीन बातें ऐसी हैं जो कोई न कोई उनसे बोल ही देता है. जैसे- तुम लड़की हो कैब नहीं चला सकती… गाड़ी चलाना मर्दों का काम है. महिला ड्राइवर है तो बुकिंग कैंसल कर दो… लेकिन इन बातों को झेलने के बाद भी कविता ने कभी भी हिम्मत नहीं हारी और इनसे उसका हौसला बढ़ता ही गया.
दिल्ली में भलस्वा डेयरी की रहने वाली कविता ने 12वीं पास करने के बाद पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते आगे की पढ़ाई छोड़ दी. लेकिन वो पारंपरिक लड़कियों के कामों से कुछ अलग करना चाहती थी. कविता ने बताया कि उसकी एक परिचित कैब चलाती थी, उसे देखकर ही ड्राइविंग सीखी. इसके बाद शुरू हुआ कैब चलाने का सफर, जिसे अब 5 साल पूरे हो गए हैं. लेकिन आज भी कई बार यह सुनने को मिलता है कि ये महिला है… इस बात पर कविता का कहना है कि महिला हूं तो क्या मैं गाड़ी नहीं चला सकती. कई बार तो आवाज सुनकर फोन कट कर दिया जाता है और बुकिंग कैंसिल कर दी जाती है. हर रोज एक नया संघर्ष होता है लेकिन मैंने भी ठाना है कि मैं जिस इरादे से आई थी उसे पूरा करूंगी. कविता का कहना है कि लोगों को ये समझन की जरूरत है कि लड़कियां कम नहीं हैं और वे भी अच्छी गाड़ी चला सकती हैं.
सोच नहीं बदली
शिवानी की उम्र 35 साल है और कई सालों से वह दिल्ली में ही रह रही हैं. शिवानी का तलाक 2009 में हो गया था. दो बच्चों की जिम्मेदारी शिवानी के सिर पर थी और उसने इसे इज्जत के साथ पूरा करने की ठान ली. शिवानी ने ड्राइवर बनना पसंद किया. लेकिन इतने सालों के बाद भी उसका कहना है कि कुछ नहीं बदला है लोगों की सोच नहीं बदली है, लोगों के ताने नहीं बदले हैं. शिवानी ने बताया- कई बार तो लोग आकर सामने से बुकिंग कैंसिल कर देते हैं या बात सुनकर फोन काट देते हैं. लेकिन इन सब बातों का फर्क नहीं पड़ता. कुछ लोग ऐसे भी मिलते हैं जो हमारे साथ सफर करते हैं और हमारा हौसला बढ़ाते हैं. इस सफर में हर रोज एक नया संघर्ष मिलता है लेकिन मेरा मानना साफ है कि यह सफर कठिन जरूर है लेकिन नामुमकिन नहीं है.
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Tags: Cab cancelled, Delhi newsFIRST PUBLISHED : August 24, 2022, 18:05 IST