2 लाख मीटिंग डोर टू डोर कैंपेन दिल्ली में संघ लिखेगी हरियाणा वाली इबारत!
2 लाख मीटिंग डोर टू डोर कैंपेन दिल्ली में संघ लिखेगी हरियाणा वाली इबारत!
दिल्ली विधानसभा चुनाव काफी नजदीक है. सभी पार्टियां चुनावी तैयारी में लगी हुई है. हालांकि, देश की राजधानी में लोकसभा की सभी सीटों पर कब्जा करने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी का 27 साल का वनवास खत्म नहीं हो रहा. इस वनवास को खत्म करने और हरियाणा और महाराष्ट्र वाला मैजिक चलाने के लिए मैदान में आरएसएस जुट गई है.
नई दिल्ली. नई दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरशोर से चल रही है. एक तरफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जेल से आते ही सीएम पद से इस्तीफा देकर मास्टरस्ट्रोक चला था. उसी समय से उनकी आम आदमी पार्टी एड़ी चोटी की जोर के साथ चुनावी तैयारी में लग गई थी. केजरीवाल ने इस्तीफे के बाद कहा था कि वह घर-घर, गली-गली जाएंगे और लोगों से इमानदारी का ठप्पा लेकर वापस दिल्ली की सत्ता पर आएंगे. वहीं, उनकी पार्टी इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से ज्यादा अपनी ही सहयोगी कांग्रेस पर बरस रही है. इधर सभी पार्टियां आरोप प्रत्यारोप की राजनीति में उलझी हुईं है, उधर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) हरियाणा और महाराष्ट्र वाला मास्टरस्ट्रोक खेलने की तैयारी में है.
खबर है कि संघ आने वाले चुनाव से पहले दिल्ली में 2 लाख से ज्यादा मीटिंग करने की तैयारी में है. वहीं, 13 हजार से अधिक बूथों पर डोर टू डोर जाकर वोटरों को बीजेपी के लिए कन्वींस करने की तैयारी चल रही है. आरएसएस कुछ वहीं करने जा रही है जो हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में किया था. दरअसल, अबकी हरियाणा विधानसभा चुनाव में हर ओर कांग्रेस की लहर बताई जा रही थी, कांग्रेस की जीत पक्की मानी जा रही थी, एग्जिट पोल में भी कांग्रेस सभी पार्टियों से आगे चल रही थी. लेकिन परिणाम चौंकाने वाले आए. सबकों चौंकाते हुए बीजेपी ने बहुमत के जादुई आंकडे से तीन सीट अधिक यानी कि कुल 48 सीटों पर जीत अर्जित की. कांग्रेस 37 सीटों पर सिमट गई थी.
हरियाणा वाला मैजिक चलेगा
हरियाणा चुनाव में सारी रिपोर्ट भाजपा के खिलाफ थी, लेकिन ग्राउंड स्तर पर आरएसएस ने 16 हजार से अधिक छोटी बड़ी सभाएं की थी. दरअसल, हरियाणा और महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन काफी खराब रहा था, तो विधानसभा चुनाव उनकी नाक की लड़ाई बन गई थी. रिपोर्ट्स भी बीजेपी के खिलाफ जा रही थी, अब आरएसएस ने कमर कसा और ग्राउंड पर काम करने लगी, खासकर उन जगहों पर चुनावी रैली या ग्राउंड पर काम करना शुरू किया जहां बीजेपी के कैंडिडेट कमजोर नजर आ रहे थे. ग्राउंड पर संघ ने हिंदुओं भाषा, जाति, प्रांत और आपसी मदभेद से बाहर निकलकर संगठित होने की अपील की. वहीं, संघ ने महाराष्ट्र में भी ग्राउंड स्तर पर काम किया, जिसका परिणाम में साफ असर दिखा.
कब खत्म होगा वनवास
दोनों राज्यों (हरियाणा और महाराष्ट्र) की तरह आरएसएस अब दिल्ली में भाजपा की 27 साल की वनवास खत्म करने की तैयारी में लग गई है. बता दें कि आखिरी बार, वह भी काफी शॉर्ट टर्म के लिए दिल्ली में बीजेपी की सरकार 1998 में आई थी. 2014 में जब दिल्ली की केंद्र की सरकार में मोदी और शाह की जोड़ी के नेतृत्व में जब कमल खिला था तब से ऐस लगने लगा था कि दिल्ली के विधानसभा में बीजेपी की वापसी होगी, हालांकि लोकसभा की सारी 7 सीटों पर कब्जा करने वाली बीजेपी विधानसभा चुनाव हार जाती रही है. अब आरएसएस के ग्राउंड पर आने के बाद शायद ये भी वनवास खत्म हो जाए.
Tags: Aam aadmi party, BJPFIRST PUBLISHED : December 26, 2024, 14:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed