मंकीपॉक्स को लेकर एम्स के डॉक्टर ने दी राहत भरी खबर कहा- चेचक का टीका लगा चुके लोगों को नहीं कोई खतरा

राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉक्टर संजय राय का कहना है कि मंकीपॉक्स न तो जानलेवा है और न ही ज्यादा संक्रामक. बस इसे लेकर थोड़ी सतर्कता बरतने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि जिन लोगों को चेचक का टीका लग चुका है, उन्हें इस वायरस से ज्यादा खतरा नहीं.

मंकीपॉक्स को लेकर एम्स के डॉक्टर ने दी राहत भरी खबर कहा- चेचक का टीका लगा चुके लोगों को नहीं कोई खतरा
हाइलाइट्सएम्स के डॉक्टर संजय राय का कहना है कि मंकीपॉक्स से लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है.संजय राय का कहना है कि मंकीपॉक्स न तो जानलेवा है और न ही ज्यादा संक्रामक.उन्होंने बताया कि जिन लोगों को चेचक का टीका लग चुका है, उन्हें इस वायरस से ज्यादा खतरा नहीं. नई दिल्ली. मंकीपॉक्स वायरस को लेकर दुनिया के विभिन्न देशों सहित भारत में लोगों की चिंता गहराने लगी है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार 34 वर्षीय एक व्यक्ति के मंकीपॉक्स से संक्रमित पा गया, जिसके बाद भारत में इसके रोगियों की कुल संख्या बढ़कर चार हो गई. हालांकि इसे लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है. राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉक्टर संजय राय का कहना है कि मंकीपॉक्स न तो जानलेवा है और न ही ज्यादा संक्रामक. बस इसे लेकर थोड़ी सतर्कता बरतने की जरूरत है. डॉक्टर राय ने साथ ही बताया कि जिन लोगों को चेचक का टीका लग चुका है, उन्हें इस वायरस से ज्यादा खतरा नहीं. वह बताते हैं चेचक का टीका इस बीमारी से भी सुरक्षा देता है. वह कहते हैं, ‘भारत में 45 साल से ज्यादा उम्र के अधिकतर लोगों को चेचक का टीका लगा हुआ है. ऐसे में यह टीका उन्हें मंकीपाक्स से भी बचाएगा.’ वह बताते हैं कि एक वक्त चेचक में मृत्यु दर 30 प्रतिशत थी, जबकि मंकीपॉक्स के मामले में मृत्यु दर अब तक बस दो से तीन प्रतिशत देखी गई है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 45 वर्ष से कम उम्र के जिन लोगों का इम्यून सिस्टम किसी कारण से कमजोर है, उन्हें थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है. डॉक्टर राय का ये भी कहना है कि ये रोग कोई नया नहीं है, बल्कि 50 साल पुराना है. वह बताते हैं 1970 के दशक में सबसे पहले अफ्रीकी देश कांगो में यह बीमारी इंसान में पाई गई थी, जिसके बाद से कई देशों में इसका संक्रमण फैल चुका है. ऐसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस मंकीपॉक्स वायरस संक्रमित जानवर के डायरेक्ट या इंडायरेक्ट कॉन्टैक्ट में आने से मनुष्यों में फैलता हैं. एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में यह संक्रमण संक्रमित की त्वचा और श्वास छोड़ते समय नाक या मुंह से निकलने वाली छोटी बूंदों के संपर्क में आने से फैलता है. दुनिया भर में सामने आए 16 हजार से ज्यादा मामले वैश्विक स्तर पर 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं और इस संक्रमण के कारण अभी तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा था कि 70 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स फैलना एक ‘असाधारण’ हालात है और यह अब वैश्विक आपात स्थिति है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Aiims doctor, Monkey, VaccineFIRST PUBLISHED : July 25, 2022, 11:24 IST