AIIMS Cyber Attack: सुरक्षा एजेंसियों के सामने जमीन समुद्र हवा और स्पेस के बाद अब साइबर क्राइम से निपटने की क्यों है गंभीर चुनौती

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली के सर्वर पर साइबर हमले (Cyber Attack) के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियां (Security Agencies) सतर्क हो गई हैं. देश की कई सुरक्षा एजेसियों ने एम्स कैंपस में ही डेरा डाल दिया है. गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) भी एम्स कैंपस पहुंच कर हालात का जायजा लिया था. भारतीय सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगा रही हैं कि कहीं चीन की ओर से तो साइबर हमला नहीं किया गया है?

AIIMS Cyber Attack: सुरक्षा एजेंसियों के सामने जमीन समुद्र हवा और स्पेस के बाद अब साइबर क्राइम से निपटने की क्यों है गंभीर चुनौती
नई दिल्ली. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली के सर्वर पर साइबर हमले (Cyber Attack) के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियां (Security Agencies) सतर्क हो गई हैं. देश की कई सुरक्षा एजेसियों ने एम्स कैंपस में ही डेरा डाल दिया है. गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) भी एम्स कैंपस पहुंच कर हालात का जायजा लिया था. भारतीय सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगा रही हैं कि कहीं चीन की ओर से तो साइबर हमला नहीं किया गया है? एम्स कैंपस का इंटरनेट सर्वर को फिलहाल सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है. एम्स कैंपस के कई विभागों में अभी मोबाइल इंटरनेट सेवा से ही काम चलाया जा रहा है. इस बीच एम्स प्रबंधन ने कंप्यूटर शाखा से जुड़े दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. ऐसे में अब भारतीय जांच एजेंसियों को यह साबित करना होगा कि जमीन, समुद्र, हवा और स्पेस के बाद पांचवें डोमेन साइबर स्पेस तक देश को कैसे सुरक्षित रखा जाए. दिल्ली एम्स में अभी भी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी कई एजेंसियां डाटा को री-स्टोर करने में जुटी हुई हैं. एम्स प्रबंधन ने रैनसमवेयर साइबर हमले की आशंका जताई थी, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है. ये हालात तब हैं, जब यह हमला केवल एक ही संस्थान पर हुआ है. अगर इस तरह के हमले देश के कुछ और संस्थानों में हो तो क्या होगा? आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर) राज्य चुनें उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब दिल्ली-एनसीआर इस बार बढ़ी मच्‍छरों की पैदावार, काट भी रहे ज्‍यादा, NVBDCP ने बताई वजह बिना सलाह एंटीबायोटिक लेना हो रहा खतरनाक, लिवर में बढ़ रही ये परेशानी दिल्ली पुलिस की बड़ी कामयाबी, ऑस्ट्रेलिया में वांटेड 5 करोड़ के इनामी कातिल को किया गिरफ्तार दिल्ली आबकारी फर्जीवाड़ा: CBI ने दाखिल की चार्जशीट, ईडी की भी तैयारी, मनीष सिसोदिया का नाम नहीं वंदेभारत एक्‍सप्रेस में सोते हुए सफर किया जा सकेगा, बर्थ होंगी, जानें कब तक आएंगी ट्रैक पर? 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(फाइल फोटो) कितना खतरनाक होता है साइबर हमला इधर, दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन यूनिट ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है. सर्वर बंद होने को लेकर एम्स में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. सर्वर बंद होने से एम्स के डाटा को कितना नुकसान हुआ है, इसकी जानकारी नहीं दी गई है. कैसे अब निपटेगी भारतीया जांच एजेंसियां बता दें कि 2017 में यूके के नेशनल हेल्थ सिस्टम ‘एनएचएस’ पर रैनसमवेयर साइबर अटैक हुआ था. करीब दो सप्ताह तक वहां का सारा सिस्टम ठप हो गया था. एम्स की तरह वहां भी मैनुअल तरीके से ही काफी दिनों तक काम करना पड़ा था. भारत में चार साल पहले तक 48 हजार से ज्यादा ‘वेनाक्राई रेनसमवेयर अटैक’ डिटेक्ट हुए थे. साइबर अटैक से बचने के लिए अभी भी फूलप्रूफ सिस्टम तैयार नहीं- एक्सपर्ट्स.  क्या कहते हैं जानकार जानकार मानते हैं कि देश में साइबर अटैक से बचने का फूलप्रूफ सिस्टम अभी तक तैयार नहीं हो सका है. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल कहते हैं, ‘कोविड-19 के बाद से ही देश में साइबर क्राइम की बाढ़ आ गई है. देश में पहले सिर्फ जामताड़ा मॉडल ही था, लेकिन अब यह भारत के हर हिस्से में फैल गया है. अभी हाल ही में दिल्ली एम्स में रेनसमवेयर अटैक के बाद लाखों मरीजों का डाटा संकट में पड़ गया है. इसके लिए देश में अब एक नए कानूनी ढांचे की जरूरत है.’ क्यों देश को जरूरत है एक साइबर लॉ की दुग्गल आगे कहते हैं, ‘देश में पहली बार स्वास्थ्य से जुड़े किसी बड़े संस्थान पर हमला हुआ है. इस तरह के हमले देश में हर 11 सेकंड में होते रहते हैं. एम्स के पास संवेदनशील मेडिकल डाटा है. रैनसमवेयर के हमले से लाखों लोगों के मेडिकल डाटा की एक कॉपी बनाकर इस इन्क्रिप्ट किया जा सकता था. इसलिए डाटा सुरक्षित करने की जरूरत है. ऐसा नहीं हुआ तो यह आम नागरिकों से न केवल संप्रभुता बल्कि गोपनीयता के अधिकार भी छीन लेगा. अब समय आ गया है कि साइबर सुरक्षा को जीवन के एक तरीके के रूप में अपनाना होगा. इसलिए साइबर सुरक्षा पर चाहिए एक समर्पित नया वैधानिक ढांचा और कानून बनाया जाए.’ अब देश की सुरक्षा एजेंसियों को साइबर क्राइम से निपटने की गंभीर चुनौती है. ये भी पढ़ें: बिहार- UP के मरीजों को दिल्ली AIIMS में इलाज कराना हुआ और आसान, OPD कार्ड बनाने के लिए अब लाइन में लगने की जरूरत नहीं! कुलमिलाकर अब देश की सुरक्षा एजेंसियों को साइबर क्राइम से निपटने की गंभीर चुनौती है. हालांकि, साइबर क्राइम से निपटने के लिए मोदी सरकार ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in/ की भी शुरुआत की थी. टोल फ्री नंबर 1930 पर भी आप साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.यह पोर्टल साइबर अपराध की शिकायतों की ऑनलाइन रिपोर्ट करने के लिए शुरू की गई थी. यह पोर्टल केवल साइबर अपराधों से संबंधित शिकायतों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों के लिए हैं. इस पोर्टल पर दर्ज की गई शिकायतों को जांच एजेंसियों और पुलिस के द्वारा निपटाया जाता है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Cyber Crime, Cyber Crime News, Delhi AIIMS, Hackers, Jamtara Cyber CrimeFIRST PUBLISHED : November 25, 2022, 18:55 IST