भले ही 100 दोषी केजरीवाल केस में जज ने क्यों लिया बेंजामिन फ्रैंकलिन का नाम
भले ही 100 दोषी केजरीवाल केस में जज ने क्यों लिया बेंजामिन फ्रैंकलिन का नाम
Arvind Kejriwal Bail: न्यायाधीश ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप कुछ सह-आरोपियों के बाद के बयानों के दौरान सामने आए. उन्होंने कहा कि यह भी एक स्वीकार्य तथ्य है कि गिरफ्तारी के बाद उन्हें अदालत द्वारा तलब नहीं किया गया है.
नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले से जुड़े मनीलॉन्ड्रिंग मामले में जमानत देते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनके खिलाफ इस बात का प्रत्यक्ष सुबूत देने में नाकाम रहा वे अपराध की आय से जुड़े थे. न्यायाधीश ने जमानत आदेश में जांच एजेंसी के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि “जांच एक कला है”.
हालांकि, गुरुवार को पारित निचली अदालत के आदेश के बाद ईडी की अपील पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. ट्रायल कोर्ट का आदेश शुक्रवार को मीडिया के सामने आया. केजरीवाल को राहत देते हुए आदेश में, विशेष न्यायाधीश न्याय बिंदु ने कहा कि पहली नजर में उनका अपराध अभी तक सिद्ध नहीं हो सका है.
अदालत में एक वक्त ऐसा भी आया, जब जज ने अमेरिका के संस्थापकों में से एक बेंजामिन फ्रैंकलिन को कोट करते हुए कहा, “भले ही 100 दोषी व्यक्ति बच जाएं, लेकिन एक निर्दोष व्यक्ति को पीड़ा न सहनी पड़े.” न्यायाधीश ने कहा कि कानून का यह सिद्धांत है कि जब तक दोष साबित न हो जाए, तब तक हर व्यक्ति को निर्दोष माना जाना चाहिए, लेकिन वर्तमान आरोपी के मामले में ऐसा लागू होता प्रतीत नहीं होता.
न्यायाधीश ने कहा, “यह संभव हो सकता है कि याचिकाकर्ता के कुछ परिचित व्यक्ति किसी अपराध में संलिप्त हों… लेकिन ईडी याचिकाकर्ता के खिलाफ अपराध की आय के संबंध में कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य देने में विफल रहा है.” उन्होंने केजरीवाल के इस दावे पर ईडी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया कि उन्हें कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले में सीबीआई की एफआईआर या ईडी द्वारा दर्ज ईसीआईआर में नाम दर्ज किए बिना ही गिरफ्तार किया गया था.
प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) ईडी की प्राथमिकी है. न्यायाधीश ने कहा, “यह भी ध्यान देने योग्य है कि ईडी इस तथ्य के बारे में चुप है कि गोवा में विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा अपराध की आय का इस्तेमाल कैसे किया गया है, क्योंकि लगभग दो साल बाद भी कथित राशि का बड़ा हिस्सा पता लगाया जाना बाकी है.”
न्यायाधीश ने कहा कि ईडी यह स्पष्ट करने में विफल रहा है कि पूरे पैसे के कथित अवैध लेनदेन के बारे में पता लगाने के लिए उसे कितना समय चाहिए था. उन्होंने कहा, “इसका मतलब यह है कि जब तक ईडी द्वारा शेष राशि का पता लगाने का काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक आरोपी को सलाखों के पीछे ही रहना चाहिए, वह भी उनके (मुख्यमंत्री के) खिलाफ उचित सबूत के बिना. यह भी ईडी की स्वीकार्य दलील नहीं है.”
Tags: Arvind kejriwal, CBI Probe, Delhi liquor scam, Enforcement directorate, Rouse Avenue CourtFIRST PUBLISHED : June 21, 2024, 22:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed