जज्बा: 25 के बेटे की मौत के बाद इस शिक्षक ने बंजर जमीन पर उगा दिया जंगल
जज्बा: 25 के बेटे की मौत के बाद इस शिक्षक ने बंजर जमीन पर उगा दिया जंगल
आलोक सिंह ने बताया कि 2017 में उनके 2.5 वर्ष के बेटे का निधन हो गया था. बेटे की याद में उन्होंने अपनी जमीन पर कुछ पेड़ लगाए. लेकिन, वह पेड़ लग नहीं पाए. जमीन बंजर थी. इसके बाद आलोक ने बंजर जमीन को हरा भरा करने की शपथ ले लिया. उन्होंने इस पर काम शुरु किया. आज उनकी पूरी जमीन हरी हो चुकी है.
बुंदेलखंड अपने सूखे के लिए हमेशा बदनाम रहा है. लेकिन, कुछ लोग ऐसे हैं जो इस धारणा को बदलने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. ऐसे ही एक किसान हैं बांदा के रहने वाले आलोक सिंह. आलोक ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है. उन्होंने एक बंजर पड़ी जमीन को हरा भरा बगीचा बना दिया है. आज वह बुंदेलखंड के प्रगतिशील किसानों में गिने जाते हैं. आलोक सिंह ने बताया कि 2017 में उनके 2.5 वर्ष के बेटे का निधन हो गया था. बेटे की याद में उन्होंने अपनी जमीन पर कुछ पेड़ लगाए. लेकिन, वह पेड़ लग नहीं पाए. जमीन बंजर थी. इसके बाद आलोक ने बंजर जमीन को हरा भरा करने की शपथ ले लिया. उन्होंने इस पर काम शुरु किया. आज उनकी पूरी जमीन हरी हो चुकी है. आलोक ने यह भी तय किया कि वह पूरी तरह ऑर्गेनिक खेती करेंगे. 7 साल की मेहनत के बाद उन्होंने एक मुकाम हासिल कर लिया है. उन्हें जिला, मंडल और प्रदेश स्तर पर पुरस्कार भी दिया जा चुका है. आज वह अन्य किसानों को जाकर ऑर्गेनिक खेती करने के टिप्स देते हैं. आलोक ने बताया कि उन्होंने एग्रो टूरिज्म की दिशा में भी काम करना शुरू कर दिया है. बांदा घूमने आने वाले पर्यटकों को वह ऑर्गेनिक फार्मिंग और मोटे अनाज के महत्व के बारे में बताते हैं. कैसे इसकी खेती की जाए और बुंदेलखंड का आम जनजीवन कैसा है यह विदेशी पर्यटकों को दिखाने का काम करते हैं. पर्यटकों को खेत पर ही शुद्ध बुंदेली भोजन उपलब्ध करवाते हैं. आलोक सिंह ने बताया कि वह पेशे से अध्यापक हैं. उन्होंने शौक के तौर पर खेती शुरु की थी. लेकिन, अब इसी में मजा आने लगा है. अभी वह 7 एकड़ में खेती कर रहे हैं और इसे बढ़ाने की योजना भी तैयार है.
Tags: Jhansi news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : June 21, 2024, 21:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed