2 वेद पढ़े वे द्विवेदी जिसने 3 वेद पढ़े राज्यसभा में खड़गे बोले
2 वेद पढ़े वे द्विवेदी जिसने 3 वेद पढ़े राज्यसभा में खड़गे बोले
सोमवार को संसद सत्र के दौरान राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव लाया गया. प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को सिरे के खारिज कर दिया.
Rajya Sabha session 2024: राज्यसभा में आज 1 जुलाई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस ने इस अभिभाषण को सिरे के खारिज कर दिया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को सरकारी कंटेंट बताया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण का कंटेंट सरकारी होता है. सरकारी पक्ष को इसे विजन स्टेटमेंट बनाना था. चुनौतियों से कैसे निपटेंगे, वह बताना था, लेकिन उसमें ऐसा कुछ नहीं था.
उन्होंने कहा कि इस साल राष्ट्रपति का पहला अभिभाषण जनवरी में हुआ था और 27 जून को 18वीं लोकसभा के गठन के बाद दूसरा अभिभाषण था. पहला अभिभाषण चुनावी था और दूसरा भी उसकी की कॉपी जैसा है. ना दिशा है, ना कोई विजन है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्हें घोर निराशा हुई कि अभिभाषण में गरीबों के लिए, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यकों के लिए कुछ भी नहीं है. पिछली बार की तरह यह केवल तारीफ का पुल बांधने वाला अभिभाषण है.
मल्लिकार्जुन खड़गे की संबोधन के दौरान कुछ ऐसे पल भी आए जब पूरा सदन हँसी से गूंज उठा. उन्होंने कहा, “इतनी तारीफ तो हमारे द्विवेदी साहब…कभी-कभी कंफ्यूजन होता है..द्विवेदी, त्रिवेदी, चतुर्वेदी…इसमें, माफ कीजिए. क्योंकि मैं दक्षिण से आता हूं और इन शब्दों से मैं ज्यादा वाकिफ नहीं हूं.”
दरअसल वे यह बात बीजेपी सांसद और पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी को संबोधित करते हुए कह रहे थे. सुधांशु त्रिवेदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव में अभिभाषण की भूरी-भूरी प्रशंसा की थी.
उपराष्ट्रपति ने खड़गे की इस टिप्पणी पर मजाकिया लहजे में कहा कि इस पर हम आधा घंटे का सत्र रख सकते हैं कि द्विवेदी, त्रिवेदी और चतुर्वेदी क्या हैं.
इस पर खड़गे ने कहा कि…नहीं, द्विवेदी बोले तो दो वेद पढ़े तो पंडित हैं. इसीलिए उन्हें द्विवेदी बोलते हैं.
तभी किसी सदस्य ने बताया कि वे त्रिवेदी हैं तो खड़गे ने क्षमा मांगते हुए कहा कि जिन्होंने 3 वेद पढ़े हैं वे त्रिवेदी हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि “उन्होंने (सुधांशु त्रिवेदी) तो खूब तारीफ की. और ये तारीफ के पुल बांधने में बहुत माहिर हैं. और वे उर्दू के बहुत बड़े जानकार हैं. लेकिन उतने ही उन लोगों से नफरत भी बहुत करते हैं.”
उन्होंने कहा, “वैसे उनका बैकग्राउंड आरएसएस का नहीं है, लेकिन जब से वे बीजेपी में आए हैं तो आरएसएस की बहुत तारीफ करते रहते हैं. मोदी साहब की बार-बार तारीफ करते रहते हैं. और सबसे ज्यादा पंडित जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी, ऐसे लोगों को कंडम भी करते हैं.”
खरगे की इस टिप्पणी पर सुधांशु त्रिवेदी ने आपत्ति जताई तो सदन के सभापति ने उन्हें शांत करते हुए कहा कि उन्हें भी बोलने का पूरा मौका दिया जाएगा.
Tags: Congress, Mallikarjun kharge, Parliament sessionFIRST PUBLISHED : July 1, 2024, 13:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed