टेलर के बेटे ने किया नाम रोशन बैडमिंटन खेलने में है नंबर 1 पढ़ें कहानी
टेलर के बेटे ने किया नाम रोशन बैडमिंटन खेलने में है नंबर 1 पढ़ें कहानी
Inspiring Story: टेलर के बेटे ने ऐसा कमाल किया कि अब हर कोई उसी की बात कर रहा है. इंडोनेशिया में आयोजित एशियन जूनियर चैंपियनशिप में भी उसका चयन हुआ है.
विकाश कुमार/बांदा: कहते हैं अगर आप के अंदर कुछ कर सकने का जज्बा हो तो कामयाबी भी आप के कदम चूमती है. ऐसा ही कुछ कर के दिखाया है उत्तर प्रदेश के उभरते बैडमिंटन खिलाड़ी मोहम्मद अर्श ने. उनका चयन इंडोनेशिया में आयोजित एशियन जूनियर चैंपियनशिप में हुआ है. इसके बाद से परिवार में जश्न का माहौल है. हर कोई अर्श को बधाई देने में लगा हुआ है.अर्श के पिता सिलाई की दुकान चलाते हैं.
यूपी के अर्श ने किया कमाल
यूपी के बांदा जिले के बनखंडी नाका के रहने वाले अर्श के पिता मोहम्मद अशफाक पेशे से टेलर मास्टर हैं. कपड़ों की सिलाई करने का काम वो करते हैं.अर्श की एक बड़ी बहन है, जो फार्मा से ग्रेजुएशन करने के बाद एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती है. वहीं, अर्श ने ग्रेजुएशन की शुरुआत की है.अर्श ने अपने खेल से कौशल से राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल और खिताब अपने नाम किए हैं. अर्श के संघर्ष की कहानी रोंगटे खड़े कर देने वाली है और टूटी उम्मीद को जगाने वाली भी है.
शुरुआत से भी उन्हें बैडमिंटन में दिलचस्पी
अर्श के पिता बताते हैं जब अर्श की उम्र महज 8 वर्ष थी, तब से वो उसे हार्पल क्लब ग्राउंड ले जाते थे. वह फिट रहने के लिए बैडमिंटन खेला करते थे. अर्श उन्हें खेलते देखा करता था. बस तभी से उसे भी बैडमिंटन में रुचि हुई और वो खेलने लगा. यहीं पर शहर के जाने-माने व्यवसाई सीरज ध्वज खेलने आया करते थे. उन्होंने अर्श के पिता को कहा आपका बेटा बहुत अच्छा खेलता है. उसे कोचिंग क्यों नहीं दिलाते. तभी उन्होंने हार्पल क्लब के बैडमिंटन के कोच अनवर अली के हवाले कर दिया.
अर्श ने किया नाम रोशन
फिर अर्श ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.जिले स्तर के खेलों में उसने अच्छा प्रदर्शन किया है. 11 वर्ष की उम्र में उसने जिद करी कि वह बाहर रहकर और आगे बढ़ना चाहता है. अर्श की मां ने डांट कर मना कर दिया. कह दिया तुम बहुत छोटे हो. पर उसकी जिद के आगे घर वालों को झुकना पड़ा. फिर अर्श ट्रेनिंग के लिए ग्रेटर नोएडा आया. उसे बांदा तक छोड़ना पड़ा. उसकी मां एक साल तक फ्लैट लेकर उसके साथ रही. कई बार आर्थिक समस्या भी हुई, लेकिन कभी उसको एहसास नहीं होने दिया.
Tags: Inspiring story, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : July 8, 2024, 16:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed