भारत में चीतों के रखरखाव को लेकर आएंगी कई चुनौतियां जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

Cheetah in Kuno National Park: सात दशक के बाद आखिरकार चीते फिर से भारत वापस आ गए हैं. चीतों के यहां रखरखाव को लेकर कई मुश्किलें होंगी. अफ्रीका से भारत आने वाले चीतों के लिए माहौल और मौसम सब कुछ अलग होगा. भारत में चीतों को अनुकूल माहौल में रखना एक बड़ी चुनौती से कम नहीं है. इस पर विशेषज्ञों ने भी अपनी राय दी है.

भारत में चीतों के रखरखाव को लेकर आएंगी कई चुनौतियां जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ
नई दिल्ली. सात दशक के बाद आखिरकार चीते फिर भारत वापस आ गए हैं. चीतों की वापसी सच में एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि सिर्फ भारत ही नहीं पूरे एशिया के लिए इससे एक बड़ी उम्मीद जगी है. भारत सरकार ने इस मामले में एक बहुत बड़ा कदम उठाया है. लेकिन भारत में चीतों को अनुकूल माहौल में रखना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. कूनो में चीतों के लिए किस तरह की चुनौतियां होंगी इन चीजों पर विचार करना होगा. इस पर विशेषज्ञों ने भी अपनी राय दी है. भारत भूमि से चीतों के विलुप्त होने का सबसे बड़ा कारण शिकार को ही बताया गया है. उसके साथ साथ चीतों के रहने के आवास क्षेत्र भी अब लुप्त हो चुके हैं. जीवविज्ञानी और वन्यजीव संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. अनीश अंधेरिया का कहना है कि पिछले 75 सालों में 2 लाख वर्ग किलोमीटर ग्रासलैंड हैबिटेट इंडिया में नष्ट हो चुका है और अब जिस कूनो नेशनल पार्क में चीतों को रखा जा रहा है वो भी ग्रास लैंड और वुडलैंड का एक मिश्रण है. इसलिए उनको वहां पर रखना एक चुनौती होगी. चीतों को लाने के बाद असली चैलेंज तो अब शुरू हुआ है. क्योंकि चीतों के लिए एक नया वातावरण काफी बड़ी समस्या है. चीतों को अफ्रीका से लाया गया है और वहां व यहां काफी अंतर है. बारिश के अलावा कई चीजों में अंतर है. मौसम में अंतर है और ऐल्टिटूड में भी फर्क है. विशेषज्ञ कहते हैं कि वहां चीता जो खाता है उसमें भी फर्क है. यहां पर नीलगाय हैं, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है. यहां पर सबसे ज्यादा चीतल हैं, जो कि अफ्रीकी चीतों ने कभी देखे नहीं हैं. चीतों के लिए सबसे बड़ी चुनौती उनकी खुराक होगी. पर्यावरणविद मनु सिंह का भारत लाए गए चीतों को लेकर कहना है कि यह काफी सराहनीय पहल है, लेकिन कूनो नेशनल पार्क एक सेमी डेजर्ट व स्क्रब फॉरेस्ट में आता है. यहां अफ्रीकी चीतों को कई चीजों का सामना करना पड़ेगा. जैसे चीते लड़ने में कमजोर हैं, लेकिन चीते भागने में कमजोर नहीं हैं. इनका शरीर ही ऐसा होता है. इनकी टांगें काफी पतली होती हैं. भारत में यह समस्या बहुत बड़ी होगी. गुना में कई प्रजाति के कुत्ते हैं. लकड़बग्घे हैं और भी कई जानवर हैं. यह सारी चीजें उनके लिए काफी परेशानी पैदा करेंगी. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Asiatic Cheetah, Madhya pradesh news, Narendra modi, New Delhi newsFIRST PUBLISHED : September 19, 2022, 17:27 IST