कोरोना के बाद कम महिलाओं ने लिया मातृत्‍व लाभ 3 साल में लगातार घटी संख्‍या

ईएसआई एक्‍ट 1948 के तहत कोरोना के बाद से मातृत्‍व लाभ लेने वाली महिलाओं की संख्‍या लगातार घट रही है. साल 2019 से लेकर 2022 तक इन तीन सालों में महिलाओं की संख्‍या काफी घटी है. आंकड़ों के मुताबिक 2019-20 में 49200 महिला कामगारों ने मातृत्‍व लाभ लिया.

कोरोना के बाद कम महिलाओं ने लिया मातृत्‍व लाभ 3 साल में लगातार घटी संख्‍या
नई दिल्‍ली. कोरोना महामारी ने लोगों को कई तरह से प्रभावित किया है. न केवल स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में बल्कि रोजगार संबंधी मामलों में भी कोरोना के बाद से परिवर्तन देखा गया है. यहां तक कि 2020 में आए कोरोना के बाद से पिछले तीन सालों से मातृत्‍व लाभ लेने वाली महिलाओं की संख्‍या भी लगातार घट रही है. केंद्र सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 2020 के बाद से 2022 तक हर साल कुछ कम संख्‍या में महिलाओं ने ईएसआई से मातृत्‍व लाभ लिया है. मातृत्‍व लाभ अधिनियम 1961 संशोधित होकर मेटरनिटी बेनिफिट अमेंडमेंट एक्‍ट 2017 बना है. इसके अनुसार महिला कामगारों को वेतन सहित मातृत्‍व अवकाश देने के साथ ही क्रेच की सुविधा भी दी जाती है. इस संशोधित एक्‍ट को न केवल केंद्र सरकार बल्कि राज्‍य सरकारों ने भी माइंस, फैक्‍ट्री या सभी निर्माण स्‍थानों पर लागू कर दिया. इसके अलावा महिला कामगारों को एम्‍पलॉयी स्‍टेट इंश्‍योरेंस एक्‍ट 1948 के तहत भी मातृत्‍व लाभ प्रदान किया जाता है. इस दौरान हर एक महिला कामगार जो मातृत्‍व लाभ अधिनियम के तहत लाभ लेने की पात्र है वह इस अधिनियम के तहत भी कवर होती है. हालांकि इसमें जो खास बात है वह यह है कि ईएसआई एक्‍ट 1948 के तहत कोरोना के बाद से मातृत्‍व लाभ लेने वाली महिलाओं की संख्‍या लगातार घट रही है. साल 2019 से लेकर 2022 तक इन तीन सालों में महिलाओं की संख्‍या काफी घटी है. आंकड़ों के मुताबिक 2019-20 में 49200 महिला कामगारों ने मातृत्‍व लाभ लिया. जबकि यह संख्‍या 2020-21 में घटकर 46327 रह गई. इसके साथ ही 2021-22 में मातृत्‍व लाभ लेने वाली महिलाओं की संख्‍या 45610 ही रह गई. लिहाजा कोरोना के बाद से इन तीन सालों में लगातार कम महिलाओं ने मातृत्‍व लाभ लिया है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: India Women, Migrant WorkersFIRST PUBLISHED : July 21, 2022, 20:25 IST