दांतों के निशान के फोरेंसिक सबूत ने दिलाई थी बच्ची के रेपिस्ट को 20 साल की सजा बॉम्बे HC ने रखा बरकरार
दांतों के निशान के फोरेंसिक सबूत ने दिलाई थी बच्ची के रेपिस्ट को 20 साल की सजा बॉम्बे HC ने रखा बरकरार
बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह एक बहुत ही गंभीर अपराध है. न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल ने आरोपी की अपील को खारिज कर दिया. एक पोक्सो अदालत ने आरोपी को 7 जुलाई, 2017 को आईपीसी और पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी ठहराया था और उसे 20 साल की सजा सुनाई थी.
हाइलाइट्सएक पोक्सो अदालत ने आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई थी.बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरोपी की अपील खारिज करते हुए कहा- यह एक बहुत गंभीर अपराध है. फोरेंसिक जांच में आरोपी के दांत से बच्ची के शरीर के घावों के निशान मेल खाते पाए गए
मुंबई. इसे एक ‘जघन्य’ अपराध बताते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाल ही में एक ऐसे शख्स की सजा को बरकरार रखा, जिसने लगभग छह साल की बच्ची से रेप किया था. बच्ची उस शख्स की पहचान नहीं कर सकी थी लेकिन उसके शरीर के घावों पर पाए गए निशान आरोपी के दांतों से मेल खाते थे. बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह एक बहुत ही गंभीर अपराध है. न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल ने 4 अगस्त को आरोपी की अपील को खारिज कर दिया. एक पोक्सो अदालत ने आरोपी को 7 जुलाई, 2017 को आईपीसी और पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी ठहराया था और उसे 20 साल की सजा सुनाई थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिर 4 जुलाई 2014 को उस 6 साल की लड़की को ‘पान’ खरीदने के लिए पड़ोस की दुकान पर भेजा गया और इसके बाद वह घर वापस नहीं लौटी. पुलिस को इसकी सूचना दी गई और अगले दिन उन्होंने उसे एक अस्पताल में घायल हालत में पाया. उसका चेहरा सूज गया था और उसने किसी और के कपड़े पहने हुए थे. लड़की ने अपने पिता को बताया कि उसका यौन शोषण किया गया था.
मामले की जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी घटना के बाद से इलाके से गायब था. उसने पहले भी इस तरह के अपराधों को अंजाम दिया था. करीब 13 दिन बाद पुलिस आरोपी का पता लगाकर उसे दूसरे राज्य से वापस लाई. फोरेंसिक ओडोन्टोलॉजी के तहत उनके दांतों के निशान बच्ची के शरीर के घाव के निशानों से मेल खाते पाए गए थे. उसे 31 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था.
नाबालिग लड़की ने बताया था कि ‘एक अंकल’ ने उसे पान की दुकान पर जाने से रोका, उसके पैसे छीन लिए और उसे एक ऊंचे प्लाट पर ले गया. उसने उसके कपड़े फेंक दिए, उसे मारापीटा और रेप किया. उसने लड़की का गला घोंटने की कोशिश की और बारिश के पानी से भरे एक गड्ढे में फेंक दिया. सुबह वहां से गुजर रही एक महिला ने उसे देखा. उसने एक कंबल में लड़की को लपेटा और कपड़े पहनाए और उसे अस्पताल ले गई.
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रेप के दोषी शख्स के वकील ने तर्क दिया कि पीड़ित लड़की ने उसे पहचाना नहीं था और फोरेंसिक एक्सपर्ट की राय ही दोषी करार देने का केवल एक सही आधार नहीं हो सकता है. इस पर न्यायमूर्ति कोतवाल ने कहा कि नाबालिग लड़की ने कहा था कि उसने आरोपी को नहीं देखा क्योंकि उसका चेहरा ढंका हुआ था. लड़की को जिस आघात का सामना करना पड़ा, उसे देखते हुए, यह समझ में आता है कि वह अपराधी की पहचान करने में असमर्थ थी.
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Tags: Bombay high courtFIRST PUBLISHED : September 03, 2022, 11:55 IST