ऋषि सुनक को लेकर थरूर और चिदंबरम के कमेंट पर बीजेपी ने साधा निशाना याद दिलाया भारत का इतिहास

दिवाली के दिन सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी के निर्विरोध नेता चुने गए ऋषि सुनक ने भारतीय मूल के पहले व्यक्ति के रूप में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचा. सुनक करीब 200 वर्षों में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने वाले सबसे युवा नेता होने के अलावा वह ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने वाले पहले हिंदू भी हैं. सुनक के प्रधानमंत्री बनने को लेकर पी चिदंबरम और शशि थरूर द्वारा की गई टिप्पणियों पर बीजेपी ने पलटवार किया है.

ऋषि सुनक को लेकर थरूर और चिदंबरम के कमेंट पर बीजेपी ने साधा निशाना याद दिलाया भारत का इतिहास
नई दिल्ली. भारतीय मूल के ऋषि सुनक के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री चुने जाने को भारत में कुछ विपक्षी नेताओं द्वारा कथित बहुसंख्यकवाद और विभाजनकारी राजनीति से जोड़े जाने पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मंगलवार को कड़ा ऐतराज जताया और उन्हें राष्ट्रपति के रूप में एपीजे अब्दुल कलाम और प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह के कार्यकाल की याद दिलाई. दरअसल चिदंबरम और थरूर सहित कुछ अन्य विपक्षी नेताओं ने सोमवार को सुनक के प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ होने के बाद उम्मीद जताई थी कि भारत इस घटनाक्रम से सीख लेगा और अल्पसंख्यकों में से किसी को एक दिन शीर्ष पद पर चुने जाने की परंपरा को अपनाएगा. बीजेपी नेताओं ने सुनक को एक सक्षम नेता बताया और कहा कि इस असाधारण सफलता के लिए उनकी सराहना की जानी चाहिए, लेकिन देश के कुछ विपक्षी नेता दुर्भाग्य से इस अवसर पर भी राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं. सोनिया गांधी और ऋषि सुनक में बताया फर्क बीजेपी ने वर्ष 2004 के लोकसभा चुनावों के बाद इटली मूल के मुद्दे पर सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने का विरोध किया था. इस विरोध की तुलना उसने (बीजेपी ने) भारतीय मूल के सुनक के ब्रिटेन की सत्ताधारी पार्टी का नेता चुने जाने से करने का भी प्रतिकार किया. बीजेपी के विदेश मामलों के प्रभारी विजय चौथाईवाले ने एक ट्विटर यूजर के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘इटली में जन्मीं और राजीव गांधी से विवाह के बाद वर्षों तक भारत की नागरिकता नहीं लेने वाली सोनिया तथा ब्रिटेन में जन्में भारतीय मूल के ऋषि सुनक में कोई तुलना नहीं की जा सकती.’ ‘राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं कुछ नेता’ वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने एक के बाद एक ट्वीट कर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पी चिदंबरम और शशि थरूर पर पलटवार किया.  प्रसाद ने कहा, ‘भारतीय मूल के एक सक्षम नेता ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने वाले हैं, इस असाधारण सफलता के लिए हम सभी को उनकी सराहना करनी चाहिए, यह दुखद है कि कुछ भारतीय राजनेता दुर्भाग्य से इस अवसर का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं.’ पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा कि सुनक के प्रधानमंत्री पद पर निर्वाचन के बाद कुछ नेता बहुसंख्यकवाद के खिलाफ अति सक्रिय हो गए हैं. उन्होंने कहा कि वह ऐसे नेताओं को राष्ट्रपति के रूप में एपीजे अब्दुल कलाम के असाधारण कार्यकाल और प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह के 10 वर्षों के कार्यकाल की याद दिलाना चाहेंगे. उन्होंने कहा कि आज एक प्रतिष्ठित आदिवासी नेता देश की राष्ट्रपति हैं. ये भी पढ़ें- जानें ब्रिटेन के नए पीएम ऋषि सुनक का इतिहास, जो खुलकर करते हैं पूजा-पाठ दरअसल चिदंबरम ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा था, ‘पहले कमला हैरिस और अब ऋषि सुनक, अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगाया है और उन्हें सरकार में उच्च पद के लिए चुना है, मुझे लगता है कि भारत और बहुसंख्यकवाद का पालन करने वाले दलों को सबक सीखना चाहिए.’ वहीं थरूर ने कहा था, ‘अगर ऐसा होता है, तो मुझे लगता है कि हम सभी को यह स्वीकार करना होगा कि एक अल्पसंख्यक को सबसे शक्तिशाली पद पर आसीन कर ब्रिटेनवासियों ने दुनिया में बहुत दुर्लभ काम किया है, हम भारतीय मूल के सुनक की इस उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं तो आइए, ईमानदारी से पूछें कि क्या यहां यह हो सकता है?’ ये भी पढ़ें- ऋषि सुनक के अलावा ये भारतवंशी भी संभाल रहे देश की कमान इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी सुनक के प्रधानमंत्री चुने जाने का स्वागत किया तथा भारत के और अधिक सहिष्णु बनने की उम्मीद जताई.  वहीं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सुनक के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने को गौरवशाली क्षण बताते हुए कहा कि ब्रिटेन ने एक जातीय अल्पसंख्यक को अपने प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार किया है, लेकिन ‘हम अभी भी एनआरसी और सीएए जैसे विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण कानूनों से बंधे हुए हैं.’ महबूबा मुफ्ती से किया सवाल रविशंकर प्रसाद ने मुफ्ती की प्रतिक्रिया का जिक्र करते हुए सवाल किया कि क्या वह किसी अल्पसंख्यक को जम्मू- कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करेंगी? उन्होंने कहा, ‘कृपया स्पष्ट जवाब दें.’ वहीं बीजेपी के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि भारत में तीन मुसलमान और एक सिख राष्ट्रपति बने जबकि एक सिख 10 सालों तक देश के प्रधानमंत्री रहे, उन्होंने कहा कि यहां तो कई अल्पसंख्यक न्यायिक और सशस्त्र बलों में शीर्ष पदों पर रहे. उन्होंने कहा, ‘इसे (भारत को) किसी अन्य देश से विविधता और समावेशिता के बारे में सीखने की जरूरत नहीं है, लेकिन महबूबा मुफ्ती को जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में एक हिंदू का समर्थन करना चाहिए.’ बता दें कि दिवाली के दिन सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी के निर्विरोध नेता चुने गये ऋषि सुनक ने भारतीय मूल के पहले व्यक्ति के रूप में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचा. सुनक करीब 200 वर्षों में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने वाले सबसे युवा नेता होने के अलावा वह ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने वाले पहले हिंदू भी हैं. बकिंघम पैलेस में मंगलवार को महाराजा चार्ल्स तृतीय से मुलाकात तथा उनके द्वारा सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद ऋषि सुनक ने भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाल लिया. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: BJP, Britain, Rishi SunakFIRST PUBLISHED : October 25, 2022, 19:05 IST