विदेशों में भी इस जहर की जबरदस्त मांग! एक ग्राम की कीमत ₹80000 तक

Bee Venom: मधुमक्खी के ज़हर के उपचारात्मक फायदे तेजी से बढ़ रहे हैं. मधुकृष्ण हेडगे ने एक सुरक्षित तकनीक से बिना डंक के ज़हर निकालने का तरीका विकसित किया है, जिसका उपयोग गठिया और कैंसर जैसी बीमारियों में होता है. इसकी कीमत प्रति ग्राम ₹40,000-₹80,000 है.

विदेशों में भी इस जहर की जबरदस्त मांग! एक ग्राम की कीमत ₹80000 तक
उत्तर कन्नड़: कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के थारागोडी, शिरसी के मधुकृष्ण हेडगे, जो 1500 शहद के बक्सों के मालिक हैं और 35 सालों से मधुमक्खी पालन कर रहे हैं, ने मधुमक्खी के इस विशेष ज़हर को निकालने का तरीका बताया है. उनका वार्षिक टर्नओवर 1.5 करोड़ है. इसके लिए विशेष ध्वनि आवृत्ति का उपयोग किया जाता है, जिससे मधुमक्खियां अपनी फेरोमोन और अन्य रासायनिक तत्व छोड़ती हैं. इस ज़हर में रोगनाशक गुण होते हैं, जो गठिया, कैंसर, अल्जाइमर और पार्किंसन जैसी बीमारियों में सहायक है. लोकल 18 से बात करते हुए मधुकृष्ण हेडगे ने कहा कि सुबह के समय, साफ मौसम में शाम को 4 बजे मधुमक्खी के घोंसले के पास जाकर विशेष उपकरण का उपयोग किया जाता है. ये उपकरण एक खास ध्वनि आवृत्ति उत्पन्न करता है, जिससे मधुमक्खियां आकर्षित होती हैं और अपना ज़हर छोड़ती हैं. इस प्रक्रिया में मधुमक्खियां अपने डंक से बिना डंक मारें फॉर्मलिन, फेरोमोन, डोपामाइन, मेलिटिनिन, अपामिन, इम्यूनोब्यूटिरिक एसिड और नॉरएड्रेलिन जैसे रासायनिक तत्व निकालती हैं. एक घोंसले से 1-2 ग्राम ज़हर निकाला जा सकता है मधुमक्खी का ज़हर एक सफेद पदार्थ के रूप में होता है, जिसे सावधानी से सफेद कंटेनर में रखा जाता है और फिर काले टेप से लपेटकर फ्रिज में रख दिया जाता है ताकि यह सुरक्षित रहे. एक घोंसले से 1-2 ग्राम ज़हर निकाला जा सकता है, जिसकी कीमत भारतीय फार्मा कंपनियों में ₹40,000-₹80,000 प्रति ग्राम है. इस ज़हर का उपयोग गठिया, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, कैंसर, शिंगल्स, पार्किंसन, अल्जाइमर और एमियोट्रोफिक लैटरल स्क्लेरोसिस जैसी बीमारियों के इलाज में होता है. कम लागत में पाना है बंपर मुनाफा,जानिए कैसे इस रिटायर्ड टीचर ने खेती में किया कमाल कई रूप में अनेक रोगों में राहत प्रदान करता है दोपहर में ज़हर निकालने से शहद की गुणवत्ता पर असर पड़ता है, इसलिए इस समय ज़हर संग्रहण से बचा जाता है. मधुमक्खी का ज़हर दवाई के रूप में इन बीमारियों में राहत प्रदान करने में सहायक है, और इस विदेशी बाजार में इसकी मांग भी बढ़ती जा रही है. Tags: Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : November 2, 2024, 11:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed