बरेली के इस यूनिवर्सिटी में है पशु विज्ञान संग्रहालय जानिए इसकी खासियत

IVRI University: बरेली के आईवीआरआई यूनिवर्सिटी में एक म्यूजियम पशु विज्ञान से संबंधित स्थापित किया गया है. जहां पर छात्रों को पशु विज्ञान से जुड़ी हुई जानकारी आसानी से मिल जाती है. साथ ही उन्हें रिसर्च करने में भी आसानी होती है.

बरेली के इस यूनिवर्सिटी में है पशु विज्ञान संग्रहालय जानिए इसकी खासियत
विकल्प कुदेशिया/बरेली: नाथ नगरी बरेली के इज्जत नगर क्षेत्र के पास (आईवीआरआई) यूनिवर्सिटी है. बता दें कि यहां पर एक म्यूजियम 2014 में स्थापित किया गया था जो कि कई सालों से पशु विज्ञान और पशुओं से जुड़ी जानकारी के लिए है. यहां कई बड़े-बड़े जानकार आकर इस म्यूजियम में रिसर्च करते हैं. इसके अलावा आईवीआरआई में पढ़ने वाले पशु वैज्ञानिक छात्रों को यहां पशु विज्ञान से जुड़ी हुई जानकारी उपलब्ध कराई जाती है. छात्रों को शोध में होगी आसानी इसके लिए 2014 में डॉक्टर आरके सिंह के निर्देश पर आईवीआरआई यूनिवर्सिटी में एक म्यूजियम पशु विज्ञान से जुड़ा हुआ स्थापित किया गया, जो कि पशु विज्ञान से जुड़े हुए इतिहास के जानकारी के लिए एक ज्ञान का भंडार है. यहां पर पशु विज्ञान की जनकारी मिलती है. उसी वजह से पशु और उनसे जुड़ी हर चीज के बारे में पता चलता है. इन्हीं सब को देखते हुए बरेली में आईवीआरआई का एक म्यूजियम बनाया गया है. जिसमे पशु विज्ञान पर छात्रों के शोध करने वाले पाशुओं से जुड़ी सारी जानकारी मिलती है. यूनिवर्सिटी के सीनियर प्रोफेसर ने बताया सीनियर प्रोफेसर डॉ. रमेश सोमवंशी ने लोकल 18 से खास बातचीत के दौरान बताया कि इस संग्रहालय की खुद में ही एक अलग अपनी पहचान है. यह संग्रहालय लोगों को नए-नए शोध करने की चीज प्रदान करता है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि इस संग्रहालय में वह सभी चीजों उपलब्ध कराते हैं, जो कि पशु विज्ञान से संबंधित होते हैं. शेर, चीता और अजगर का भ्रूण है एकत्रित इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि इस संग्रहालय में रखी चीज निरस्त हो जाती है. फिर उसको संग्रहालय से निकाल दिया जाता है. क्योंकि तब उस चीज का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इस संग्रहालय में पशुओं के अलग-अलग भ्रूण को एकत्र कर रखा गया है. जिसमें कुत्ता, बिल्ली, शेर, चीता, अजगर, उन सभी के बच्चों का भ्रूण संग्रहालय में एकत्र किया गया है. छात्र करते हैं शोध साथ ही साथ कई साल पुरानी पशु डाक-टिकट भी उन्होंने एकत्र किया है, जो कि भारत सरकार द्वारा किसी विशेष अवसर पर जारी की जाती थी. उन्होंने बताया कि उनके पास बरेली रामनगर से निकले हुए 6000 साल पुराने अवशेषों को एकत्र करके संग्रहालय में छात्र एवं छात्राओं की शोध के लिए भी रखा गया है. कहां कहां से मिलता है सामान. डॉ रमेश सोमवंशी ने हमें बताया कि इस संग्रहालय में पाए जाने वाले 11 वास्तु शोध के काम में ली जाती है.जो कि माइक्रोस्कोप टेराकोटा पशुओं के इलाज या उनकी जांच को करने में काम आती हैं.जो कि छात्रों के शोध करने के लिए उपलब्ध कराए जाते हैं.इसके अलावा उन्होंने बताया कि बरेली की आसपास की कई जगाओ से जो कोई यंत्र मिलता है. आईवीआरआई के इस म्यूजियम में रखा जाता है.और इस म्यूजियम में रखने के लिऐ जो चीजे सामान था लोगो द्वारा उपलब्द कराया जाता है.म्यूजियम में रख कर उसकी जांच करते है. वही उन्होंने यह भी बताया कि इस संग्रहालय में रखी हुई हर एतिहासिक चीज पाई जाती है. जोकि यहां के आलावा और कही नही पाई जाति है. इस म्यूजियम में पशु विज्ञान से जुड़ी हुई सभी डाक टिकट साथी पशु विज्ञान से जुड़े हुए लोग यहां पर आते हैं. और यहां पर रिसर्च और पुरानी चीजों को देखने का शौक भी रखते हैं. Tags: Bareilly Big News, Bareilly city news, Bareilly hindi news, Bareilly latest news, Bareilly news, Local18FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 18:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed