इस सब्जी की खेती से किसान कर सकते हैं बंपर कमाई कम लागत में होगा अधिक मुनाफा

युवा किसान रिंकु सिंह ने बताया कि पांच वर्षो से करेला की खेती कर रहे हैं. करेले की खेती के लिए मचान विध‍ि बेस्ट है. इससे कीटों और रोगों से बचाव होता है. एक बीघा में खेती करने पर 8 से 10 हजार की लागत लगता है. वहीं करेला की खेती से सीजन में दो लाख तक मुनाफा कमा ले रहे हैं. अच्‍छी पैदावार के लिए सही देखभाल करना बहुत जरूरी है.

इस सब्जी की खेती से किसान कर सकते हैं बंपर कमाई कम लागत में होगा अधिक मुनाफा
बाराबंकी. यूपी बाराबंकी जिले में ज्यादातर किसान अब उन सब्जियों की खेती पर ज्यादा जोर दे रहे हैं, जिसमें कम खर्च में अधिक मुनाफा होता है. बाजार में सब्जियों की डिमांड सोलाभर रहती है. किसानों को कम समय में उत्पादित होने वाली सब्जियों की खेती करना बेहद पसंद है. उन्हीं सब्जियों में से एक है करेला की खेती. करेला की खेती कर किसान लाखों में कमाई कर सकते हैं. बाराबंकी के युवा किसान रिंकू सिंह पिछले पांच वर्षो से करेला की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. तीन बीघा में करेला की खेती कर रहे हैं युवा किसान बाराबंकी जिले के तमाशेपुर गांव के रहने वाले युवा किसान रिंकू सिंह ने लोकल 18 को बताया कि पिछले 5 वर्षो से करेला की खेती कर रहे हैं. शुरूआत में कम ही करेला की खेती किया. जब इसमें मुनाफा हुआ तो दायरा बढा़ते चले गए. अब तीन बीघा में करेला की खेती कर रहे हैं. करेला की खेती से सीजन में दो लाख तक मुनाफा कमा ले रहे हैं. युवा किसान ने बताया कि करेला की खेती करने पर एक बीघा में 8 से 10 हजार की लागत आती है. इसकी खेती बारिश के समय में मचान विधि से करते हैं. इस विधि से खेती करने पर पैदावार अधिक होता है और नुकसान की गुंजाइश कम रहता है. इस सब्जी की डिमांड बाजार में अधिक रहती है और रेट बेहतर मिल जाता है. करेला की खेती के लिए मचान विधि है बेस्ट युवा किसान रिंकू सिंह ने लोकल 18 को बताया कि करेला की खेती कोई भी किसान आसानी से कर सकता है. करेले की खेती के लिए मचान विध‍ि बेस्ट है. इसके तहत खेत में बांस, सीमेंट के खंभे से 5 से 7 फीट ऊंची मचान बनाई जाती है. जैसे ही सब्‍जी की बेल बढ़ने लगती है, वैसे ही इसे मचान पर चढ़ा दिया जाता है. इसमें मेड़ों की दूरी डेढ़ से दो मीटर रखी जाती है. वहीं मचान पर करेले के पौधे को चढ़ाया जाता है, जिससे सब्जियां ऊपर लगने की वजह से इनमें हवा का प्रवाह सही रहता है और सही तरह से तापमान मिलता है. इससे कीटों और रोगों से बचाव होता है. वहीं करेले की बुवाई करने के लगभग 60 से 65 दिनों में इसकी फसल तैयार हो जाती है. इसकी अच्‍छी पैदावार के लिए सही देखभाल करना बहुत जरूरी है. Tags: Agriculture, Barabanki News, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 19:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed