जुलाई के महीने में इस विधि से करें फूलगोभी की खेतीमिलेगा 5 गुना ज्यादा मुनाफा

डॉ राघवेंद्र सिंह ने बताया कि रबी के मौसम में तैयार होने वाली गोभी की फसल के दाम 10 रूपए से 20 रूपए प्रति किलो मिलते हैं, जबकि खरीफ में उगाई जाने वाली गोभी की फसल के दाम 80 रूपए से 100 रूपए प्रति किलो के बीच रहता है. यानि कम से कम 5 से 6 गुना फायदा होता है.

जुलाई के महीने में इस विधि से करें फूलगोभी की खेतीमिलेगा 5 गुना ज्यादा मुनाफा
शाहजहांपुर: फूलगोभी जिसको आमतौर पर रबी की फसल के तौर पर उगाया जाता है, और किसानों को अच्छा मुनाफा भी मिलता है. लेकिन अगर इसको खरीफ की फसल के तौर पर उगाया जाए तो यह किसानों को कई गुना ज्यादा आमदनी देगी. गोभी की खेती को अगर वैज्ञानिक तरीके से पॉली हाउस में किया जाए तो यह और भी ज्यादा फायदेमंद हो सकता है. उद्यान विभाग किसानों को पॉलीहाउस के लिए अनुदान भी दे रहा है. जिला उद्यान अधिकारी डॉ. राघवेंद्र सिंह ने बताया कि वैसे तो फूलगोभी की खेती नम जलवायु और सामान्य तापमान वाले क्षेत्र में ही की जानी चाहिए. फूलगोभी की फसल ज्यादा ठंड और गर्मी को सहन नहीं कर पाती. शुष्क मौसम और कम नमी भी इस फसल के लिए अनुकूल नहीं है. अधिक तापमान के कारण फूल पीला पड़ जाता है और उसके बीच छोटी-छोटी पत्तियां भी उग आती हैं. जरूरी यह है कि वह फूलगोभी की खेती ऐसी मिट्टी में की जाए, जहां पोषक तत्वों और जीवांश पर्याप्त मात्रा हो. पर्याप्त नमी रहती हो. जल निकासी की समुचित व्यवस्था होना भी बेहद जरूरी है. अगेती किस्म के लिए बलूई दोमट मिट्टी बेहद ही उपयुक्त रहती है. खरीफ सीजन में गोभी की कीमत डॉ राघवेंद्र सिंह ने बताया कि रबी के मौसम में तैयार होने वाली गोभी की फसल के दाम 10 रूपए से 20 रूपए प्रति किलो मिलते हैं, जबकि खरीफ में उगाई जाने वाली गोभी की फसल के दाम 80 रूपए से 100 रूपए प्रति किलो के बीच रहता है. यानि कम से कम 5 से 6 गुना फायदा होता है. कैसे करें खेत की जुताई? डॉ राघवेंद्र सिंह ने बताया कि फूल गोभी की खेती करने के लिए सबसे पहले गोभी की पौध तैयार करनी होती है. पौध तैयार करने के लिए खेत की जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बना देना चाहिए. मिट्टी पलटने वाले हल से एक या फिर दो बार जुताई करें. उसके बाद देशी हल से जुताई करने के बाद डिस्क हैरो से जुताई करने के बाद पाटा लगाकर खेत को समतल कर लें. पौध तैयार करते समय रखें इन बातों का ध्यान डॉ राघवेंद्र सिंह ने बताया कि जून से जुलाई के दौरान फूलगोभी की नर्सरी तैयार कर लें. पौध तैयार करने के लिए छोटी-छोटी क्यारियां बना लें. क्यारियां बनाते समय ध्यान रखें जल निकासी बेहतर तरीके से हो सके. बीज की बुवाई से पहले कैप्टान या थिरम 2 से 3 ग्राम प्रति किलो बीज के दर से उपचारित करने के बाद बीज की बुवाई कर दें. रोपाई से पहले कैसे करें खेत तैयार डॉ. राघवेंद्र सिंह ने बताया कि गोभी की नर्सरी 4 से 6 सप्ताह के दौरान लगाने के लिए तैयार हो जाती है. उसके बाद खेत को अच्छे से तैयार कर लें. खेत की तैयारी करते समय 200 से 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से गोबर की सड़ी हुई खाद को मिट्टी में मिला दें. इसके अलावा 120 से 150 किलोग्राम नाइट्रोजन, 80 किलो फास्फोरस और 60 से 80 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मिट्टी में मिला दें और खेत को जोत कर समतल करने के बाद खेत पौध की रोपाई के लिए तैयार हो जाएगा. लाइनों की दूरी का रखें विशेष ध्यान डॉ राघवेंद्र सिंह ने बताया कि फूलगोभी की रोपाई करते समय पौधे से पौधे और लाइन से लाइन की दूरी को विशेष तौर पर ध्यान रखें. पौधे से पौधे की दूरी 45 सेमी रखनी चाहिए और कतार से कतार की दूरी 60 सेंटीमीटर होनी चाहिए. फूलगोभी की पौध लगाने के बाद तुरंत हल्की सिंचाई कर दें और आवश्यकता पड़ने पर समय-समय पर सिंचाई करते रहें. हल्की मिट्टी में 5 से 6 दिन के बाद और भारी मिट्टी में 8 से 10 दिन के बाद सिंचाई करनी चाहिए. खरपतवार नियंत्रण के लिए समय-समय पर निराई गुड़ाई करते रहें. निराई गुड़ाई करने से मिट्टी में वायु संचार बेहतर होगा और खरपतवार भी नष्ट हो जाएंगे. Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : June 21, 2024, 16:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed