बहराइच: मंदिर में लगे घंटे आपने बहुत देखे होंगे. मंदिर से आसपास से निकलते वक्त भी इनकी आवाज आती है. लेकिन एक मंदिर में तो इतना बड़ा घंटा है कि लोग देख कर हैरान रह जाते हैं. सिर्फ दिखने में ही नहीं, आवाज से मामले में भी वो बहुत तेज है. दूर-दूर तक इस घंटे की आवाज सुनाई देती है. हम बात कर रहे हैं बहराइच की प्रसिद्ध मरी माता मंदिर की.आइए जानते हैं कि आखिर इस मंदिर के घंटे के पीछे की कहानी है क्या.
इस मंदिर में लगा है विशाल घंटा
मरी माता मंदिर में कुछ दिन पहले लगभग 5.25 क्विंटल के घंटे की स्थापना की गई है.जिस घंटे को आगरा के कुशल कारीगरों द्वारा बनाया गया है. घंटे के अंदर बजाने वाला लट्टु जिसका वजन 7 से 8 किलो तक है. इस घंटे की बजाने की आवाज कोसों दूर तक सुनाई देती है.
घंटे को बनने में लगा कितना समय
वैसे तो अगर बात घंटे की करें तो बहुत सारी घंटी-घंटे मिल जाते हैं.लेकिन उनका भी एक दायरा होता है.1 किलोग्राम,10 किलोग्राम बहुत ज्यादा हो तो 50 किलोग्राम तक मिल जाते है.अगर बात की जाए 100 किलो या फिर उससे भी ज्यादा वजन के घंटो की तो वो आप को ऑडर देकर बनवाना पड़ेगा.बहराइच के पुजारी ने मरी माता मन्दिर समिती की तरफ से माता रानी के दरबार के लिए 5.25 किविंट्ल के घंटे बनवाने का ऑडर दिया. जिसको बनने में लगभग 3 महीने का समय लगा.
5.25 क्विंटल घंटे की कीमत
चूंकि घंटी-घंटे एक विशेष पीतल धातु से बने होते है. इसलिए इनकी कीमत भी अधिक होती है.वैसे तो पीतल के भाव 3 सौ से 3.50 तक प्रति किलोग्राम होता है.लेकिन लेबर व उच्च श्रेणी के पीतल की अलग ही कीमत रहती है.मंदिर में स्थापित होने वाले घंटे को आगरा से बहराइच मंगवाने में लगभग 14 हजार रुपये का खर्च आया.वही अगर इसकी कीमत की बात करे तो लगभग 4 लाख तक इसकी कीमत है.
मन्दिर परिसर में कैसे लगया गया भारी भरकम घंटा.
दरसल घंटा आगरा से आने के बाद कई दिनों तक मन्दिर परिसर की भूमि पर रखा रहा. क्योंकि इनकी स्थापना कोई मामूली बात नही थी.कई दिनों तक मन्दिर समिति पुजारी विचार करते रहे.तब फैसला लिया गया.सरयू तट के किनारे माता रानी के सामने इसकी स्थापना कराई जाए.जहां लोहे का एक बड़ा स्टैंड बनवा कर जमीन में जाम कराया गया.फिर हाइड्रा क्रेन की सहायता है घंटे को लगवाया गया.और पूजा अर्चना की गई.
Tags: Hindu Temple, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 15, 2024, 12:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed