बहराइच: उत्तर प्रदेश का जनपद बहराइच इन दिनों ख़ौफ के साए में जी रहा है. 10 मौतों और 40 से ज्यादा लोगों पर भेड़ियों के हमले के बाद 50 से ज्यादा गांव दहशत में हैं. वन विभाग समेत राजस्व के भी कई अधिकारी लगातार लगे हुए हैं. लोगो को जागरूक किया जा रहा है. जिसका नतीजा मौतें तो इस वक्त थमी हुई हैं, लेकिन हमले नहीं. जिसको लेकर ग्रामीण भी रातभर पहरा देने के साथ-साथ,अब पूजा अर्चना कर भगवान से इस विपदा से मुक्ति के लिए अर्जी लगा रहे हैं. इसके लिए विशेष पूजा-अर्चना भी प्रभावित इलाकों में कई जा रही है, जिसमें बूढ़े बच्चे महिलाएं शामिल हैं.
ग्रमीणों ने कौन से देवी देवता की पूजा
वैसे तो मंदिर पर विराजमान सभी देवी-देवताओं की ग्रामीणों ने पूजा कर भेड़िये जैसे आफत से बचाने की अरदास लगाई है. लेकिन विशेष रूप से वन देवता की पूजा भी की जा रही है. जिसमें हवन, मंत्र, जाप कर सैकड़ों ग्रमीण ने रक्षा की अरदास लगा रहे हैं.
घटनाएं कम होने का कारण?
ऐसा बिलकुल नहीं है कि अब आदमखोर भेड़िये कम या गायब हो गए हैं. बस फर्क इतना है कि अब लोग खाफी हद तक जागरूक और सतर्क हो गए हैं. अधिकतर घटनाएं घरों में दरवाजे ना होने के कारण हो रही थी. अब लोग खुद से और प्रशासन ने भी ग्रामीणों के घरों में दरवाजे लगाने शुरू कर दिए हैं. घटना से अब तक लगभग एक सौ से दो सौ लोगो के घरों दरवाजे लग चुके हैं.
बच्चों की पढ़ाई हुई प्रभावित
जब से इन भेड़ियों की दहशत ग्रामीण इलाकों में कायम हुई है. तब से सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों में बच्चों की संख्या भी काफी हद तक घट गई है, ग्रामीण इलाकों में अधिकतर विद्यालय गांव के किनारे एक छोर पर बने होते हैं. उनके चारों तरफ खेत खलिहान होते हैं. जहां पर जंगली जानवरों का खतरा ज्यादा होता है.जिसको देखते हुए अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय नहीं भेज रहे हैं.
Tags: Bahraich news, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : September 9, 2024, 14:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed