निर्मल कुमार राजपूत /मथुरा: भारत में ढेर सारे मंदिर हैं. हर मंदिर की एक कहानी है. खासियत है. किसी मंदिर में मूर्ति को जादुई बताया जाता है, तो किसी मंदिर के परिसर में कुछ रहस्यमयी होता है. ऐसा ही एक मंदिर गोवर्धन में भी है. इस मंदिर में 550 साल पुराना कुआं है. यह कुआ इतना खास है कि देश ही नहीं, विदेश से भी लोग इस मंदिर में पूजा करने के लिए आते हैं. आइए जानते हैं इसकी खासियत.
कहानी श्री कृष्ण के अनोखे भक्त की
कहानी है सनातन गोस्वामी की, जो बंगाल के राजा हुसैन शाह की राज में वित्त मंत्री की सभी सु:ख सुविधाओं को छोड़कर वृंदावन चले आए. यहां आकर वो यमुना के किनारे कृष्ण की भक्ति में लीन हो गए. समय बीतता गया तो श्री कृष्ण ने उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें वृंदावन से गोवर्धन बुला लिया. यहां पहुंचने के बाद रूप सनातन गोस्वामी प्रतिदिन गोवर्धन पूजा के साथ-साथ गिर्राज पर्वत की परिक्रमा करते थे. कई सौ वर्षो तक उन्होंने गिर्राज जी की परिक्रमा की. गिरिराज जी परिक्रमा करते वक्त सनातन गोस्वामी को श्री कृष्ण ने ग्वाल रूप में दर्शन दिए.
राधा श्याम सुंदर मंदिर
सनातन गोस्वामी भगवान के दर्शन कर अपने आप को धन्यवाद मानने लगे. गिरिराज की तलहटी में सैकड़ों वर्ष पुराना कुआं आज भी मौजूद है, जो की सनातन गोस्वामी के होने का आभास दिलाता है. रूप सनातन गोस्वामी के शिष्य आज भी उनकी धरोहर को संभाल कर रखे हुए हैं. गोवर्धन के श्री राधा श्याम सुंदर मंदिर में आज भी सैकड़ों वर्ष पुराना कुआं बना हुआ है. राधा श्याम सुंदर मंदिर के महंत रामकृष्ण दास महाराज ने कुएं की मान्यता के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यह कुआं 550 वर्ष पुराना है. मुड़िया संत रूप सनातन गोस्वामी इस कुएं में स्नान के साथ-साथ नित्य क्रिया के लिए पानी लेते थे.
यादों को ताजा करता है यह कुआं
उन्होंने बताया कि इस कुएं में आज भी सनातन गोस्वामी के होने का आभास किया जाता है. ऐसा लगता है कि कुएं के पास बैठकर रूप सनातन गोस्वामी जी यहां पाठ कर रहे हैं. भगवान की साधना में ली हैं. इस कुएं को बंद कर दिया गया है क्योंकि यहां पशु पक्षी इस कुएं में गिर जाते थे. मंदिर में स्थित यह कुआं हमें मुड़िया संत सनातन गोस्वामी की याद दिलाता है.
Tags: Local18, Sri KrishnaFIRST PUBLISHED : July 14, 2024, 09:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed