अयोध्या: मंदिर और मूर्तियों की नगरी में होने वाले तीन मेले बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं. इसमें से एक सावन का झूला मेला होता है. इस सांस्कृतिक मेले में अध्यात्म के साथ-साथ गीत संगीत की त्रिवेणी प्रवाहित होती है. देश भर के लाखों श्रद्धालु इस दृश्य का अवलोकन कर आनंदित भी होते हैं. अयोध्या में सावन माह शुरू होते ही कई मठ मंदिर में भगवान राम और माता सीता झूले पर विराजमान हो जाते हैं. भगवान को गर्मी से निजात देने के लिए अयोध्या में मठ मंदिरों में फूल बंगला की झांकी का आयोजन होता है .
फूलों के झूले में बैठे भगवान
दरअसल भगवान को गर्मी से निजात दिलाने के लिए फूलों में बैठाया जाता है. इन दिनों अयोध्या में सावन झूला मेला भी चल रहा है. ऐसे में भगवान झूले पर सवार हैं. भगवान राम के प्रांगण में स्थित प्राचीन रंग महल मंदिर में फूल बंगले की झांकी का आयोजन किया गया. जहां विराजमान भगवान के विग्रह को फूलों से सजाया गया. उन्हें सावन के पद सुनाए गए और झूलाया गया रंग महल में यह परंपरा अति प्राचीन है.
रंग महल: एक अनोखा मंदिर
रंग महल एक ऐसा मंदिर है, जहां पर भगवान राम की नहीं मां जानकी सेवा प्रधान हैं. रंग महल मंदिर में खुद को जानकी की सखी बनाते हुए भगवान राम को दूल्हा सरकार के रूप में पूजा जाता है. ऐसे में भगवान को रंग महल एक ऐसा परिसर है. जहां पर पूरे सावन पर भगवान को झूला झुलाया जाता है. विविध व्यंजनों का भोग लगाया जाता है. इसके साथ ही भगवान की भव्य फूलों की झांकी का आयोजन भी किया जाता है.
महंत ने कही ये बात
रंग महल मंदिर के महंत रामशरण दास बताते हैं कि सावन माह शुरू होते ही रंग महल मंदिर में रामलला सरकार झूले पर विराजमान हो जाते हैं और इस दौरान फूल बंगले की झांकी सजाई जाती है. जिससे भगवान को शीतलता प्रदान हो बेला अलबेला जैसे सुगंधित फूलों की झांकी सजाई जाती है. इसमें दूर दराज से भक्त भी जाकर भगवान का दर्शन कर आह्लादित नजर आते हैं. रंग महल में यहां परंपरा बहुत प्राचीन है.
Tags: Ayodhya, Hindu Temple, Local18FIRST PUBLISHED : August 2, 2024, 14:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed